सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी चिकित्सालयों में भले ही मुफ्त बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करती हो, लेकिन जिले में तैनात सरकारी कर्मचारी इन दावों की हवा निकालने में जुटे हैं. यहां लॉकडाउन के दौरान शव घर तक पहुंचाने के लिए 108 सेवा के एवज में 18 सौ रुपये वसूल किए जाते हैं. यहां जौनपुर से मासूम का इलाज कराने सुलतानपुर आए दंपत्ति ने जब पैसा देने में अक्षमता दिखाई, तो शव घर ले जाने के लिए उन्हें रोडवेज का रास्ता दिखा दिया गया. इसके बाद कई घंटे तक मासूम का शव लेकर दंपत्ति जिला मुख्यालय पर भटकते रहे.
मृतक के बाबा रामयश ने बताया कि वह सुरौली गांव से कादीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां से इलाज के बाद जिला अस्पताल भेजा गया. जिला अस्पताल में इलाज के बाद 5 मिनट इंतजार करने को कहा गया. इसके बाद चिकित्सकों ने बच्चे को मृत बताया. जब एंबुलेंस से सहयोग मांगा तो 18 सौ रुपए की मांग की गई. पैसा नहीं होने की दशा में मृत बच्चे को रोडवेज बस से लेकर जाना पड़ा.
इस मामले को सुलतानपुर जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की तरफ से जारी पत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जांच कराने की बात कही गई है. प्रशासनिक गंभीरता से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.