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संतकबीरनगरः धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान

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Published : Nov 23, 2019, 7:41 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

यूपी के संतकबीरनगर में सरकार ने एक नवंबर से ही सरकारी धान क्रय केंद्रों पर बड़े-बड़े बैनर लगा कर किसानों से धान खरीद रही है. पैसे और बोरे की कमी के कारण किसानों को धान क्रय केंद्रों से वापस कर दिया जा रहा है. किसान बिचौलियों के माध्यम से औने पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हैं.

धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान

संतकबीरनगरः देश की आजादी के बाद से सभी सरकारों ने अपने आपको किसानों का मसीहा बताया और अन्नदाताओं के लिए तमाम योजनाएं भी चलाईं. इसके साथ ही यूपी की वर्तमान सरकार ने भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फसलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया, लेकिन सरकार बदलने के बाद आज भी अन्नदाता अपने को लाचार, और ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जिले के धान क्रय केंद्रों पर 22 दिनों में महज चार प्रतिशत ही धान की खरीद हो सकी है.

धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान.
किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए संबंधित विभाग को किसानों से धान खरीद के लिए हिदायत भी दी गई है, लेकिन जिले में अन्नदाता परेशान हैं. सरकारी धान खरीद केंद्रों से किसानों को बैरंग वापस लौटा दिया जा रहा है, जिसको लेकर किसान अपने अनाज को बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. क्योंकि सरकारी खजाने से अभीतक पैसा नही पहुंचा है तो जिले में विभाग के पास बोरों की किल्लत है.

पढ़ें- संतकबीरनगर: सरकार के आदेश की हो रही अनदेखी, 15 नवंबर तक नहीं हुईं गड्ढा मुक्त सड़कें

विभागीय अव्यवस्था का शिकार बनकर लाचार किसान अब साहूकारों के रहमोकरम पर औने-पौने दाम में धान बेचकर रवि की फसल की बुवाई की जुगत में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ केंद्र प्रभारी धान खरीद सेंटर से नदारद मिले और केंद्र उनके परिजन चलाते मिले जिन्हें धान खरीद की कोई जानकारी ही नहीं है. जो ये साबित करता हैं कि केंद्र प्रभारी धान खरीद का महज कोटा पूरा कर रहे हैं. किसानों के हक की बात करने वाली सरकार की मनसा पर पलीता भी लगा रहे हैं.

सरकारी धान क्रय केंद्रों से किसानों को लौटाने की बात सामने आ रही है और अब तक 22 दिनों में लक्ष्य के सापेक्ष महज 4 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पाई है. जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, मगर नतीजा सिफर ही है. जिन किसानों की फसल हर्दिया रोग से प्रभावित हुई है उन्हें फसल बीमा योजना ते तहत लाभ भी दिलवाया जाएगा.
-रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी

संतकबीरनगरः देश की आजादी के बाद से सभी सरकारों ने अपने आपको किसानों का मसीहा बताया और अन्नदाताओं के लिए तमाम योजनाएं भी चलाईं. इसके साथ ही यूपी की वर्तमान सरकार ने भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फसलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया, लेकिन सरकार बदलने के बाद आज भी अन्नदाता अपने को लाचार, और ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जिले के धान क्रय केंद्रों पर 22 दिनों में महज चार प्रतिशत ही धान की खरीद हो सकी है.

धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान.
किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए संबंधित विभाग को किसानों से धान खरीद के लिए हिदायत भी दी गई है, लेकिन जिले में अन्नदाता परेशान हैं. सरकारी धान खरीद केंद्रों से किसानों को बैरंग वापस लौटा दिया जा रहा है, जिसको लेकर किसान अपने अनाज को बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. क्योंकि सरकारी खजाने से अभीतक पैसा नही पहुंचा है तो जिले में विभाग के पास बोरों की किल्लत है.

पढ़ें- संतकबीरनगर: सरकार के आदेश की हो रही अनदेखी, 15 नवंबर तक नहीं हुईं गड्ढा मुक्त सड़कें

विभागीय अव्यवस्था का शिकार बनकर लाचार किसान अब साहूकारों के रहमोकरम पर औने-पौने दाम में धान बेचकर रवि की फसल की बुवाई की जुगत में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ केंद्र प्रभारी धान खरीद सेंटर से नदारद मिले और केंद्र उनके परिजन चलाते मिले जिन्हें धान खरीद की कोई जानकारी ही नहीं है. जो ये साबित करता हैं कि केंद्र प्रभारी धान खरीद का महज कोटा पूरा कर रहे हैं. किसानों के हक की बात करने वाली सरकार की मनसा पर पलीता भी लगा रहे हैं.

सरकारी धान क्रय केंद्रों से किसानों को लौटाने की बात सामने आ रही है और अब तक 22 दिनों में लक्ष्य के सापेक्ष महज 4 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पाई है. जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, मगर नतीजा सिफर ही है. जिन किसानों की फसल हर्दिया रोग से प्रभावित हुई है उन्हें फसल बीमा योजना ते तहत लाभ भी दिलवाया जाएगा.
-रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी

Intro:संतकबीरनगर-धान बेचने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा किसानBody:

एंकर- देश की आजादी के बाद से । सभी सरकारों ने अपने आपको किसानों का मसीहा बताया। और सभी सरकारों ने अन्नदाताओं के लिए तमाम योजनाएं भी चलाई । इसके साथ ही यूपी की वर्तमान सरकार ने भी। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फसलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दया। लेकिन निजाम बदलने के बाद भी। आज भी अन्नदाता अपने को लाचार, और ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

Conclusion:वीओ.. सरकार ने 1 नवंबर से ही किसानों से सरकारी धान केंद्रों पर बड़े बड़े बैनर लगा कर धान खरीद रही है।और संबंधित विभाग को किसानों से धान खरीद के लिए उन्हें हिदायत भी दे रखी है आज भी दे रखी। की किसानों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। लेकिन संतकबीरनगर जिले में अन्नदाता परेशान है। और सरकारी धान खरीद केंद्रों से किसानों को बैरंग वापस लौटादिया जाता है। जिसको लेकर किसान अपने अनाज को बिचौलियों के हाथ औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। कियूंकि सरकारी खजाने से अभीतक पैसा नही पहुंचा है। तो जिले में विभाग के पास बोरों की किल्लत है। और विभागीय अव्यवस्था का शिकार बनकर लाचार किसान अब साहूकारों के रहमोकरम पर औने पौने दाम में धान बेच कर रवि की फसल की बुवाई की जुगत में लगे है।



वीओ..2... वही दूसरी तरफ संतकबीरनगर ज़िले में कुछ केंद्र प्रभारी धान खरीद सेंटर से नदारद मिले। और केंद्र उनके परिजन चलाते मिले जिन्हें धान खरीद की कोई जानकारी ही नही है। जो ये साबित करता हैं कि केंद्र प्रभारी धान खरीद का महज कोटा पूरा किसानों के साथ छल करने के साथ किसानों के हक की बात करने वाली। सरकार की मनसा पर पलीता भी लगा रहे है।

वीओ..3.. वहीं सरकारी धान क्रय केंद्रों को ना ही सरकार के फरमान की चिंता है। और ना ही उच्च अधिकारियों का डर । वजह जो भी हो। लेकीन सरकार और सिस्टम के बीच ताने बाने में आज अन्नदाता ही पिसता नजर आ रहा है। वहीं जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की माने तो सरकारी धान क्रय केंद्रों से किसानों को लौटाने की बात सामने आ रही है। और अब तक22 दिनों में लक्ष्य के सापेक्ष। महज 4 प्रतिशत ही धान की खरीद हो पाई है। जिसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके है। मगर नतीजा सिफर ही है। वहीं जिलाधिकारी रविश गुप्ता ने कहा कि जिन किसानों की फसल हर्दिया रोग से प्रभावित हुई है उन्हें फसल बीमा योजना ते तहत लाभ भी दिलवाया जाएगा। फिलहाल अब देखने वाली बात होगी कि।
सरकारी सिस्टम के बीच फसे अन्नदाताओं के धान की खरीद कब होती, और अन्नदाता के चेहरों पर मुस्कान कब आती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा

बाइट -हीरालाल किसान

बाइट- रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी

P2c-अमित कुमार पाण्डेय




Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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