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अध्यक्ष प्रत्याशियों का पर्चा खारिज,छात्रों ने किया हंगामा - अध्यक्ष प्रत्याशियों का पर्चा खारिज

यूपी के सोनभद्र में स्थित ओबरा डिग्री कालेज में छात्रसंघ प्रत्याशियों ने जोरदार हंगामा किया. इस दौरान कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात कर चुनाव निर्विरोध निर्वाचित करने का आरोप लगाते हुए जमकर की नारेबाजी की गई.

वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी
वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी
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Published : Feb 23, 2021, 12:43 AM IST

सोनभद्र: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा में होने वाले आगामी छात्रसंघ चुनाव को लेकर सोमवार को चुनाव के निर्वाचन अधिकारी द्वारा वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी की गई.इसमें पुलिस प्रशासन द्वारा अपराधिक सत्यापन के उपरांत अध्यक्ष पद प्रत्याशी राजेश यादव और राहुल कुमार पांडेय का नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया, इसके अलावा महामंत्री प्रत्याशी रोहित कुमार सिंह और कला संकाय प्रतिनिधि प्रत्याशी शेरू लाल का भी नामांकन अवैध घोषित किया गया. नामांकन अवैध घोषित होने के बाद प्रत्याशियों में आक्रोश फैल गया. इसके बाद प्रत्याशियों के समर्थकों ने कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कॉलेज गेट पर जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. मामले को बढ़ता देख कर कालेज प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझाने-बुझाने की कोशिशें शुरू की.

अध्यक्ष प्रत्याशियों का पर्चा खारिज
वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी.
अध्यक्ष पद के तीन में से दो प्रत्याशियों के पर्चा खारिज
ओबरा डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के 2 प्रत्याशियों राजेश यादव और राहुल कुमार पांडे का अध्यक्ष पद का पर्चा खारिज कर दिया गया. इन दोनों पर ही लॉकडाउन के दौरान महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होने कारण यह कार्रवाई हुई. इसकी जानकारी निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर मीरा यादव ने दी. जैसे ही नामांकन अवैध घोषित हुआ तुरंत ही प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्थिति बिगड़ती देख प्राचार्य ने मामले की सूचना ओबरा थाने को दी. सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार सुनील कुमार, क्षेत्राधिकारी भास्कर वर्मा और ओबरा थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेश राय द्वारा छात्रों को समझा-बुझाकर किसी तरह मामला शांत कराने की कोशिशें शुरू की.
कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात का लगाया आरोप
जानकारी के अनुसार, पूर्व में लॉकडाउन के दौरान दो अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों पर 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसी कारण से उनका नामांकन अवैध घोषित किया गया है. वहीं कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात कर चुनाव निर्विरोध निर्वाचित करने का आरोप लगाते हुए छात्र कॉलेज के अंदर धरने पर बैठे हुए हैं. अब देखने वाली बात यह है कि नाराज छात्रों को कॉलेज प्रशासन किस तरह से मानाता है. बरहाल इस खबर के लिखे जाने तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बीजेपी के नेताओं ने खुशी में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कुंवर चतुर्वेदी को जीत की अग्रिम बधाई देना शुरू कर दी थी.

सोनभद्र: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा में होने वाले आगामी छात्रसंघ चुनाव को लेकर सोमवार को चुनाव के निर्वाचन अधिकारी द्वारा वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी की गई.इसमें पुलिस प्रशासन द्वारा अपराधिक सत्यापन के उपरांत अध्यक्ष पद प्रत्याशी राजेश यादव और राहुल कुमार पांडेय का नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया, इसके अलावा महामंत्री प्रत्याशी रोहित कुमार सिंह और कला संकाय प्रतिनिधि प्रत्याशी शेरू लाल का भी नामांकन अवैध घोषित किया गया. नामांकन अवैध घोषित होने के बाद प्रत्याशियों में आक्रोश फैल गया. इसके बाद प्रत्याशियों के समर्थकों ने कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कॉलेज गेट पर जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. मामले को बढ़ता देख कर कालेज प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझाने-बुझाने की कोशिशें शुरू की.

अध्यक्ष प्रत्याशियों का पर्चा खारिज
वैध एवं अवैध प्रत्याशियों की सूची जारी.
अध्यक्ष पद के तीन में से दो प्रत्याशियों के पर्चा खारिज
ओबरा डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के 2 प्रत्याशियों राजेश यादव और राहुल कुमार पांडे का अध्यक्ष पद का पर्चा खारिज कर दिया गया. इन दोनों पर ही लॉकडाउन के दौरान महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होने कारण यह कार्रवाई हुई. इसकी जानकारी निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर मीरा यादव ने दी. जैसे ही नामांकन अवैध घोषित हुआ तुरंत ही प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्थिति बिगड़ती देख प्राचार्य ने मामले की सूचना ओबरा थाने को दी. सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार सुनील कुमार, क्षेत्राधिकारी भास्कर वर्मा और ओबरा थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेश राय द्वारा छात्रों को समझा-बुझाकर किसी तरह मामला शांत कराने की कोशिशें शुरू की.
कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात का लगाया आरोप
जानकारी के अनुसार, पूर्व में लॉकडाउन के दौरान दो अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों पर 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसी कारण से उनका नामांकन अवैध घोषित किया गया है. वहीं कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात कर चुनाव निर्विरोध निर्वाचित करने का आरोप लगाते हुए छात्र कॉलेज के अंदर धरने पर बैठे हुए हैं. अब देखने वाली बात यह है कि नाराज छात्रों को कॉलेज प्रशासन किस तरह से मानाता है. बरहाल इस खबर के लिखे जाने तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बीजेपी के नेताओं ने खुशी में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कुंवर चतुर्वेदी को जीत की अग्रिम बधाई देना शुरू कर दी थी.
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