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सोनभद्र: प्रधानमंत्री ने जल संचयन के संबंध में लिखा पत्र - sonebhadra latest news

पीएम मोदी जल संचय को लेकर सजक नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 637 ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है. पत्र में पीएम मोदी ने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया है कि बारिश के समय जल संचयन करने के लिए कैसे इंतजाम करने चाहिए.

पीएम मोदी ने जल संचयन को लेकर पत्र लिखा
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Published : Jun 14, 2019, 9:32 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जल संचय को लेकर काफी सजक नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी ने सोनभद्र के 637 ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है. इस पत्र में पीएम ने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया है कि हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है. इसलिए बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश का पानी हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सकें. इसके लिए खेतों की मेढ़, बंदी, नदियों और धाराओं में चेकडैम का निर्माण, तालाबों की खुदाई और सफाई के साथ वृक्षारोपण करें. ऐसा करने से एक ओर जहां पैदावार बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर जल का भंडारण भी होगा.

जल संचयन के संबंध में मीडिया को ग्राम प्रधान विमलेश पटेल ने दी जानकारी.
जल संचय को लेकर पीएम मोदी ने पत्र में क्या लिखा है जानने के लिए पढ़ें

पीएम ने पत्र में लिखा है कि 'जैसे आपने स्वच्छता अभियान में व्यापक हिस्सेदारी करके इसे एक सफल जनांदोलन बना दिया है. इसी प्रकार आप पानी पर हमारे आगामी अभियान को भी एक जन आंदोलन का स्वरूप देकर इसे सफल बनाएं. नामुमकिन को मुमकिन बनाएं और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें. मेरा आग्रह है कि आप ग्राम सभा की बैठक बुलाकर मेरे इस पत्र को सभी को पढ़ कर बताएं और इन मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करें. मुझे पूरा भरोसा है कि ग्रामीण स्तर पर हम सब मिलकर जल की हर एक बूंद का संचयन करके अपने परिवेश को और परिष्कृत बनाएंगे. नए भारत का निर्माण आप सब के सक्रिय सहयोग से ही संभव है. हमारे पास जब जल का भंडार होगा इसका हम अपने गांव के कई कार्यो में सदुपयोग कर पाएंगे'.

प्रधानमंत्री का पत्र मिला है यह कार्य बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने ग्रामीण परिवेश और प्रधानों को समझा है कि जल का संचयन इनके माध्यम से ही किया जा सकता है. आज पानी की काफी दिक्कते हैं. टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. तनखा बनवाने के लिए जो प्रस्ताव मिलेगा उस पर हम बढ़-चढ़कर भाग लेंगे. सरकार जितना हमको मदद देगी, उस हिसाब से हम लोग बनवाने का कार्य करेंगे, जिससे पानी की समस्या को दूर किया जा सके.

-विमलेश पटेल, ग्राम प्रधान विचपई

कई ग्राम पंचायतों में पेयजल की समस्याएं हैं, इसीलिए इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है, ताकि अधिक से अधिक जल संरक्षण के कार्य कराए जाएं. तालाब और जलाशय को प्राथमिकता दी जाए. साथ ही साथ जन जागरूकता की जाए, ताकि बारिश का जल हम संचय कर सकें, इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.

-अंकित कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी

सोनभद्र: दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जल संचय को लेकर काफी सजक नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी ने सोनभद्र के 637 ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है. इस पत्र में पीएम ने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया है कि हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है. इसलिए बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश का पानी हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सकें. इसके लिए खेतों की मेढ़, बंदी, नदियों और धाराओं में चेकडैम का निर्माण, तालाबों की खुदाई और सफाई के साथ वृक्षारोपण करें. ऐसा करने से एक ओर जहां पैदावार बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर जल का भंडारण भी होगा.

जल संचयन के संबंध में मीडिया को ग्राम प्रधान विमलेश पटेल ने दी जानकारी.
जल संचय को लेकर पीएम मोदी ने पत्र में क्या लिखा है जानने के लिए पढ़ें

पीएम ने पत्र में लिखा है कि 'जैसे आपने स्वच्छता अभियान में व्यापक हिस्सेदारी करके इसे एक सफल जनांदोलन बना दिया है. इसी प्रकार आप पानी पर हमारे आगामी अभियान को भी एक जन आंदोलन का स्वरूप देकर इसे सफल बनाएं. नामुमकिन को मुमकिन बनाएं और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें. मेरा आग्रह है कि आप ग्राम सभा की बैठक बुलाकर मेरे इस पत्र को सभी को पढ़ कर बताएं और इन मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करें. मुझे पूरा भरोसा है कि ग्रामीण स्तर पर हम सब मिलकर जल की हर एक बूंद का संचयन करके अपने परिवेश को और परिष्कृत बनाएंगे. नए भारत का निर्माण आप सब के सक्रिय सहयोग से ही संभव है. हमारे पास जब जल का भंडार होगा इसका हम अपने गांव के कई कार्यो में सदुपयोग कर पाएंगे'.

प्रधानमंत्री का पत्र मिला है यह कार्य बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने ग्रामीण परिवेश और प्रधानों को समझा है कि जल का संचयन इनके माध्यम से ही किया जा सकता है. आज पानी की काफी दिक्कते हैं. टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. तनखा बनवाने के लिए जो प्रस्ताव मिलेगा उस पर हम बढ़-चढ़कर भाग लेंगे. सरकार जितना हमको मदद देगी, उस हिसाब से हम लोग बनवाने का कार्य करेंगे, जिससे पानी की समस्या को दूर किया जा सके.

-विमलेश पटेल, ग्राम प्रधान विचपई

कई ग्राम पंचायतों में पेयजल की समस्याएं हैं, इसीलिए इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है, ताकि अधिक से अधिक जल संरक्षण के कार्य कराए जाएं. तालाब और जलाशय को प्राथमिकता दी जाए. साथ ही साथ जन जागरूकता की जाए, ताकि बारिश का जल हम संचय कर सकें, इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.

-अंकित कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी

Intro:note.. इस खबर की ब्रेकिंग पहले से जा चुकी है वाह साइट पर प्रकाशित हो चुकी है कृपया पूरी स्टोरी को अपडेट करने की कृपा करें


anchor. दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जल के संचय को लेकर सजक नजर आ रहे हैं इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने जनपद सोनभद्र के 637 ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है इस पत्र में पीएम ने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया है कि हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है इसलिए बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश का पानी हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सके इसके लिए खेतों की मेढ़ बंदी नदियों और धाराओं में चेकडैम का निर्माण तालाबों की खुदाई एवं सफाई वृक्षारोपण करें ऐसा करने से एक ओर जहां पैदावार बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर जल का भंडारण भी होगा


Body:vo... पीएम ने पत्र में लिखा है कि जैसे आपने स्वच्छता अभियान में व्यापक हिस्सेदारी करके इसे एक सफल जनांदोलन बना दिया है इसी प्रकार आप पानी पर हमारे आगामी अभियान को भी एक जन आंदोलन का स्वरूप देकर इसे सफल बनाने में अपना नेतृत्व प्रदान करें नामुमकिन को मुमकिन बनाएं और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान करें प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा है कि मेरा आग्रह है कि आप ग्राम सभा की बैठक बुलाकर मेरे इस पत्र को सभी को पढ़ कर बताएं और इन मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श करें मुझे पूरा भरोसा है कि ग्रामीण स्तर पर हम सब मिलकर जल की हर एक बूंद का संचयन करके अपने परिवेश को और परिष्कृत बनाएंगे उन्होंने लिखा है कि नए भारत का निर्माण आप सब के सक्रिय सहयोग और से ही संभव है हमारे पास जब जल का भंडार होगा जिसका हम अपने गांव के कई कार्यो में सदुपयोग कर पाएंगे

vo.. प्रधानमंत्री के इस पत्र से आमजन आमजन और प्रधान भी काफी उत्साहित हैं रावटसगंज विकासखंड के विचपई गांव के ग्राम प्रधान विमलेश पटेल का कहना है कि प्रधानमंत्री का पत्र मिला है यह कार्य बहुत ही सराहनीय है उन्होंने ग्रामीण परिवेश और प्रधानों को समझा है कि जल का संचयन इन के माध्यम से ही किया जा सकता है आज पानी की काफी दिक्कत है टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है तनखा बनवाने के लिए जो प्रस्ताव मिलेगा उस पर हम बढ़-चढ़कर भाग लेंगे सरकार जितना हमको मदद देगी उस हिसाब से हम लोग बनवाने का कार्य करेंगे जिससे पानी की समस्या को दूर किया जा सके

byte... विमलेश पटेल ग्राम प्रधान विचपई सोनभद्र

vo.. वहीं पीएम के पत्र के बारे में जिला अधिकारी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने सभी प्रधानों को जल संरक्षण के लिए पत्र लिखा है पूरे देश में जल संरक्षण बहुत आवश्यक कार्य है जल की भारी समस्या है कई ग्राम पंचायतों में पेयजल की भी समस्याएं हैं इसीलिए को लेकर प्रधानमंत्री जी ने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है ताकि अधिक से अधिक जल संरक्षण के कार्य कराए जाएं तालाब हो जलाशय हो इसको प्राथमिकता दी जाए और साथ ही साथ जन जागरूकता किया जाए ताकि बारिश का जल हम संचय कर सकें इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.

byte... अंकित कुमार अग्रवाल जिलाधिकारी सोनभद्र


प्रदीप कुमार सोनभद्र 8770 7450 85


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

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