सोनभद्र: दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जल संचय को लेकर काफी सजक नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी ने सोनभद्र के 637 ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है. इस पत्र में पीएम ने ग्राम प्रधानों को सुझाव दिया है कि हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है. इसलिए बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश का पानी हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सकें. इसके लिए खेतों की मेढ़, बंदी, नदियों और धाराओं में चेकडैम का निर्माण, तालाबों की खुदाई और सफाई के साथ वृक्षारोपण करें. ऐसा करने से एक ओर जहां पैदावार बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर जल का भंडारण भी होगा.
पीएम ने पत्र में लिखा है कि 'जैसे आपने स्वच्छता अभियान में व्यापक हिस्सेदारी करके इसे एक सफल जनांदोलन बना दिया है. इसी प्रकार आप पानी पर हमारे आगामी अभियान को भी एक जन आंदोलन का स्वरूप देकर इसे सफल बनाएं. नामुमकिन को मुमकिन बनाएं और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें. मेरा आग्रह है कि आप ग्राम सभा की बैठक बुलाकर मेरे इस पत्र को सभी को पढ़ कर बताएं और इन मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करें. मुझे पूरा भरोसा है कि ग्रामीण स्तर पर हम सब मिलकर जल की हर एक बूंद का संचयन करके अपने परिवेश को और परिष्कृत बनाएंगे. नए भारत का निर्माण आप सब के सक्रिय सहयोग से ही संभव है. हमारे पास जब जल का भंडार होगा इसका हम अपने गांव के कई कार्यो में सदुपयोग कर पाएंगे'.
प्रधानमंत्री का पत्र मिला है यह कार्य बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने ग्रामीण परिवेश और प्रधानों को समझा है कि जल का संचयन इनके माध्यम से ही किया जा सकता है. आज पानी की काफी दिक्कते हैं. टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. तनखा बनवाने के लिए जो प्रस्ताव मिलेगा उस पर हम बढ़-चढ़कर भाग लेंगे. सरकार जितना हमको मदद देगी, उस हिसाब से हम लोग बनवाने का कार्य करेंगे, जिससे पानी की समस्या को दूर किया जा सके.
-विमलेश पटेल, ग्राम प्रधान विचपई
कई ग्राम पंचायतों में पेयजल की समस्याएं हैं, इसीलिए इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है, ताकि अधिक से अधिक जल संरक्षण के कार्य कराए जाएं. तालाब और जलाशय को प्राथमिकता दी जाए. साथ ही साथ जन जागरूकता की जाए, ताकि बारिश का जल हम संचय कर सकें, इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
-अंकित कुमार अग्रवाल, जिलाधिकारी