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सोनभद्र गोलीकांड: जिसके लिए मारे गए 10 लोग, ग्राम समाज की थी वो जमीन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई. दरअसल ये विवादित जमीन फर्जी तरीके से 6 दिसंबर 1989 को आईएएस आशा मिश्रा और विनीता शर्मा के नाम कर दी गई. बाद में 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान घोरावाल यज्ञदत्त को बैनामा कर दिया गया.

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Published : Jul 17, 2019, 9:42 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र गोलीकांड.

सोनभद्र: घोरावाल तहसील क्षेत्र के उभ्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर जमकर फायरिंग हुई. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार ने मीडिया से बात करते हुए तमाम जानकारियां दी.

मीडिया से बात करते पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार.

जानें पूरा मामला

  • इस पूरे मामले पर भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने बताया कि 17 दिसंबर 1955 को तहसीलदार राबर्टसगंज ने ग्राम समाज की 638 बीघा जमीन आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दी थी.
  • 1966 में सहकारिता समिति अधिनियम यूपी स्वत: समाप्त हो गया. इसके बावजूद भी 6 दिसंबर 1989 को आईएएस आशा मिश्रा और विनीता शर्मा के नाम जमीन कर दी गई.
  • इसके बाद इस जमीन को 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान मूर्तिया यज्ञदत्त को बैनामा कर दिया गया, जिसका दाखिल खारिज फरवरी 2019 में हुआ.
  • जिसकी अपील आदिवासी लोग मंडलायुक्त के पास करने जा रहे थे, इसी दौरान दूसरे पक्ष द्वारा मौके पर पहुंचकर विवाद खड़ा किया गया.
  • इसी जमीन पर बुधवार को ग्राम प्रधान अपने साथियों के साथ ट्रैक्टर लेकर जुताई करने पहुंचे.
  • जिसपर ग्रामीणों ने विरोध किया.
  • विरोध के बाद प्रधान और उनके साथियों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी.

सोनभद्र के जिला अधिकारी समेत शासन-प्रशासन के सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी. इसके बावजूद इस तरह से आदिवासियों का नरसंहार किया गया है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

-छोटेलाल खरवार, पूर्व सांसद, भाजपा


सोनभद्र के घोरावाल तहसील क्षेत्र के मूर्तिया ग्रामसभा के उभ्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षो में फायरिंग हुई. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य घायल हो गए. सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत गम्भीर होने पर 6 लोगों को वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया है.



सोनभद्र: घोरावाल तहसील क्षेत्र के उभ्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर जमकर फायरिंग हुई. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार ने मीडिया से बात करते हुए तमाम जानकारियां दी.

मीडिया से बात करते पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार.

जानें पूरा मामला

  • इस पूरे मामले पर भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने बताया कि 17 दिसंबर 1955 को तहसीलदार राबर्टसगंज ने ग्राम समाज की 638 बीघा जमीन आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दी थी.
  • 1966 में सहकारिता समिति अधिनियम यूपी स्वत: समाप्त हो गया. इसके बावजूद भी 6 दिसंबर 1989 को आईएएस आशा मिश्रा और विनीता शर्मा के नाम जमीन कर दी गई.
  • इसके बाद इस जमीन को 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान मूर्तिया यज्ञदत्त को बैनामा कर दिया गया, जिसका दाखिल खारिज फरवरी 2019 में हुआ.
  • जिसकी अपील आदिवासी लोग मंडलायुक्त के पास करने जा रहे थे, इसी दौरान दूसरे पक्ष द्वारा मौके पर पहुंचकर विवाद खड़ा किया गया.
  • इसी जमीन पर बुधवार को ग्राम प्रधान अपने साथियों के साथ ट्रैक्टर लेकर जुताई करने पहुंचे.
  • जिसपर ग्रामीणों ने विरोध किया.
  • विरोध के बाद प्रधान और उनके साथियों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी.

सोनभद्र के जिला अधिकारी समेत शासन-प्रशासन के सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी. इसके बावजूद इस तरह से आदिवासियों का नरसंहार किया गया है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

-छोटेलाल खरवार, पूर्व सांसद, भाजपा


सोनभद्र के घोरावाल तहसील क्षेत्र के मूर्तिया ग्रामसभा के उभ्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षो में फायरिंग हुई. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य घायल हो गए. सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत गम्भीर होने पर 6 लोगों को वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया है.



Intro:Anchor- जनपद सोनभद्र के घोरावाल तहसील क्षेत्र के मूर्तिया ग्रामसभा के उभ्भा गांव में आज जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षो में चली गोली में 10 लोगो की मौत हो गयी,वही एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालात गम्भीर होने पर आधा दर्जन लोगों को वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।इस पूरे मामले पर भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने बताया कि 17 दिसंबर 1955 को तहसीलदार रावर्टसगंज ने ग्राम समाज की 638 बीघा जमीन आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दिया था जो 1966 में सहकारिता समिति अधिनियम यूपी स्वत: समाप्त हो गया। इसके बावजूद भी 6 दिसंबर 1989 को मिर्जापुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आईएस प्रभात कुमार मिश्रा और आशा मिश्रा व विनीत शर्मा और भानु शर्मा के नाम कर दिया गया, जो 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान मूर्तिया घोरावाल यज्ञ दत्त को बैनामा कर दिया। जिसका दाखिल खारिज फरवरी 2019 में हुई है ।जिसकी अपील आदिवासी लोग मंडलायुक्त के पास करने जा रहे थे ,इसी दौरान दूसरे पक्ष द्वारा मौके पर पहुंचकर विवाद खड़ा किया गया और दोनों पक्षों से हुई मारपीट और गोली -लाठी डंडे के बीच में 10 लोगों की मौत हो गई है, और 1 दर्जन से अधिक लोग घायल हैं. इस पूरे मामले में भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा है कि जनपद सोनभद्र के जिला अधिकारी समेत शासन प्रशासन के सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी, इसके बावजूद इस तरह से आदिवासियों का नरसंहार किया गया है ।इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।


Body:Vo1-जनपद सोनभद्र के घोरावाल तहसील क्षेत्र के मूर्तिया ग्रामसभा के उभ्भा गांव में आज जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षो में चली गोली में 10 लोगो की मौत हो गयी,वही एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालात गम्भीर होने पर आधा दर्जन लोगों को वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।


Conclusion:Vo2-इस पूरे मामले पर भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने बताया कि 17 दिसंबर 1955 को तहसीलदार रावर्टसगंज ने ग्राम समाज की 638 बीघा जमीन आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दिया था जो 1966 में सहकारिता समिति अधिनियम यूपी स्वत: समाप्त हो गया। इसके बावजूद भी 6 दिसंबर 1989 को मिर्जापुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आईएस प्रभात कुमार मिश्रा और आशा मिश्रा व विनीत शर्मा और भानु शर्मा के नाम कर दिया गया, जो 17 अक्टूबर 2017 में ग्राम प्रधान मूर्तिया घोरावाल यज्ञ दत्त को बैनामा कर दिया। जिसका दाखिल खारिज फरवरी 2019 में हुई है ।जिसकी अपील आदिवासी लोग मंडलायुक्त के पास करने जा रहे थे ,इसी दौरान दूसरे पक्ष द्वारा मौके पर पहुंचकर विवाद खड़ा किया गया और दोनों पक्षों से हुई मारपीट और गोली -लाठी डंडे के बीच में 10 लोगों की मौत हो गई है, और 1 दर्जन से अधिक लोग घायल हैं. इस पूरे मामले में भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा है कि जनपद सोनभद्र के जिला अधिकारी समेत शासन प्रशासन के सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी, इसके बावजूद इस तरह से आदिवासियों का नरसंहार किया गया है ।इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

Byte-छोटेलाल खरवार(भाजपा पूर्व सांसद,सोनभद्र)


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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