सोनभद्र: आजादी की लड़ाई के लिए युवाओं में देशभक्ति का जज्बा जगाने वाले देशभक्त बलराम दास केसरवानी उर्फ बल्लभ साहू को आज भी उनकी सामाजिक सेवा के लिए याद किया जाता है. आजादी के बाद 1948 में सोनभद्र में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बलराम दास केसरवानी नगर के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद उन्होंने क्षेत्र में जनसामान्य के लिये धर्मशाला और तालाब का निर्माण कराया, जो आजादी के 72 साल बाद भी इनकी यादें ताजा करती हैं.
उच्च शिक्षा के जनक के रूप में उन्होंने नगर में 15 अगस्त 1946 को उच्च शिक्षण संस्थान की नींव डाली. इनके आवास पर संचालित कांग्रेस कमेटी के कार्यालय से इनके नेतृत्व में प्रथम स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर नगर के स्वतंत्रा संग्राम सेनानी चंद्रशेखर वैद्य, अली हुसैन, मोहनलाल गुप्ता शिवशंकर प्रसाद केसरी के सहयोग से एक विशाल जुलूस निकाला गया था.
स्थानीय कंपनी बाग में अवस्थित मिडिल स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. 15 अगस्त 1947 को कंपनी बाग में प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बलराम दास केसरवानी ने ध्वजारोहण कर उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना का संकल्प लिया था. उसी दिन मिडिल स्कूल के दो कमरे किराये पर लेकर कक्षा नौ और दस की कक्षा का आरंभ कराया गया. आज यह शिक्षण संस्थान धीरे-धीरे विकसित होकर राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज में तब्दील हो गया है.
इसे भी पढ़ें- पान और मसालों में लपेटकर प्रकाशित होता था ये क्रांतिकारी अखबार
स्वतंत्रता सेनानी के पौत्र श्याम प्रसाद केसरी बताते हैं कि उनके दादा बलराम दास केसरवानी को नमक कानून भंग करने के जुर्म में एक वर्ष की सजा दी गई थी. इतना ही नहीं 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी सरकार ने उन्हें नजरबंद कर दिया था और उन पर बहुत जुल्म भी ढाया था.
वहीं इतिहासकार दीपक केसरवानी बताते हैं कि 1946 में इन्होंने स्वंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया. आजादी के बाद जनता ने इन्हें टाउन एरिया राबर्ट्सगंज का अध्यक्ष मनोनीत किया. महात्मा गांधी के आह्वान पर इन्होंने नगर के आरटीएस क्लब में सामूहिक हरिजन भोज का आयोजन किया था. बलराम दास केसरवानी एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने खुद के खर्च पर नगर का विकास किया था.