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सीतापुर: युवा समाजसेवी ने शुरू की सामुदायिक रसोई, 24 घण्टे मिलेगा खाना

सीतापुर जिले में गरीब परिवारों का पेट भरने के लिए युवा समाजसेवी ललित श्रीवास्तव ने सामुदायिक रसोई का जिम्मा उठाया है. ललित का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हर भूखे को यहां 24 घण्टे खाना उपलब्ध कराया जाएगा.

सीतापुर में लॉकडाउन.
गरीब परिवारों को दिया जा रहा भोजन.
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Published : Apr 25, 2020, 8:00 PM IST

सीतापुर: जिले में मजदूर वर्ग के लोगों का पेट भरने के लिए युवा समाजसेवी ललित श्रीवास्तव ने कम्युनिटी किचन बनाने का जिम्मा संभाला है. यह सामुदायिक रसोई लॉकडाउन खत्म होने तक भूखे लोगों का पेट भरने के लिए लगातार चलाया जाएगा.

समाजसेवी गरीबों की कर रहे मदद
शहर के कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले ज्यादातर परिवारों के सामने लॉकडाउन के चलते दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो गया है. प्रशासन की मदद इन परिवारों तक नहीं पहुंच पा रही है. लिहाजा कुछ समाजसेवियों ने गरीब परिवारों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा संभाला है.

सीतापुर में लॉकडाउन.
गरीब परिवार को दिया जा रहा भोजन.

मजदूर वर्ग का जीवन यापन करना मुश्किल
कांशीराम कॉलोनी में करीब चार हजार से अधिक परिवार रहते हैं, जिनमें ज्यादातर रिक्शा चालक से लेकर ठेले और फेरी लगाने के अलावा दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं. लॉकडाउन में सरकारी मदद के नाम पर इन परिवारों को केवल 15 किलो चावल ही अब तक मुहैया कराया गया है. कॉलोनी के ज्यादातर परिवार का अब जीवन यापन कर पाना मुश्किल हो रहा है.

भूखे व्यक्ति के लिए 24 घण्टे खाना उपलब्ध
ऐसे में युवा समाजसेवी ललित श्रीवास्तव ने गरीब परिवारों के लिए कम्युनिटी किचन का जिम्मा संभाला है. अपने दो भाइयों अमित और सुमित के अलावा सभासद चाचा प्रमोद श्रीवास्तव की मदद से ललित ने कम्युनिटी किचन शुरू किया. ललित श्रीवास्तव का कहना है कि यह सामुदायिक रसोई लॉकडाउन समाप्त होने तक अनवरत जारी रहेगा और हर भूखे को यहां 24 घण्टे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.

सीतापुर: जिले में मजदूर वर्ग के लोगों का पेट भरने के लिए युवा समाजसेवी ललित श्रीवास्तव ने कम्युनिटी किचन बनाने का जिम्मा संभाला है. यह सामुदायिक रसोई लॉकडाउन खत्म होने तक भूखे लोगों का पेट भरने के लिए लगातार चलाया जाएगा.

समाजसेवी गरीबों की कर रहे मदद
शहर के कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले ज्यादातर परिवारों के सामने लॉकडाउन के चलते दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो गया है. प्रशासन की मदद इन परिवारों तक नहीं पहुंच पा रही है. लिहाजा कुछ समाजसेवियों ने गरीब परिवारों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा संभाला है.

सीतापुर में लॉकडाउन.
गरीब परिवार को दिया जा रहा भोजन.

मजदूर वर्ग का जीवन यापन करना मुश्किल
कांशीराम कॉलोनी में करीब चार हजार से अधिक परिवार रहते हैं, जिनमें ज्यादातर रिक्शा चालक से लेकर ठेले और फेरी लगाने के अलावा दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं. लॉकडाउन में सरकारी मदद के नाम पर इन परिवारों को केवल 15 किलो चावल ही अब तक मुहैया कराया गया है. कॉलोनी के ज्यादातर परिवार का अब जीवन यापन कर पाना मुश्किल हो रहा है.

भूखे व्यक्ति के लिए 24 घण्टे खाना उपलब्ध
ऐसे में युवा समाजसेवी ललित श्रीवास्तव ने गरीब परिवारों के लिए कम्युनिटी किचन का जिम्मा संभाला है. अपने दो भाइयों अमित और सुमित के अलावा सभासद चाचा प्रमोद श्रीवास्तव की मदद से ललित ने कम्युनिटी किचन शुरू किया. ललित श्रीवास्तव का कहना है कि यह सामुदायिक रसोई लॉकडाउन समाप्त होने तक अनवरत जारी रहेगा और हर भूखे को यहां 24 घण्टे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.

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