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अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन में केरल राज्यपाल आरिफ खान ने की शिरकत, कही ये बात

यूपी के सीतापुर में मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट के प्रांगण अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि ये हिंदुस्तान के लिए मुमकिन नहीं था कि वह नस्ल, मजहब, खाल के रंग के हिसाब से निर्धारण करे.

केरल राज्यपाल आरिफ खान.
केरल राज्यपाल आरिफ खान.
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Published : Mar 9, 2021, 7:17 AM IST

सीतापुर: जिले के महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट के प्रांगण अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे. इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के तहजीब की शुरूआत ऋग्वेद से हुई है. धर्म एक है, लेकिन उसे मानने जानने वाले अलग-अलग तरीके से बयां करते हैं. कोई भी इंसान तन्हाई में जिंदगी नहीं गुजार सकता है. उसे समाज चाहिए. उसूल चाहिए. पूरी दुनिया में समाज उसकी बुनियाद नस्ल, जुबान, मजहब आदि के हिसाब से संगठित हुए हैं. जिस देशों में किसी मजहब की हुकूमत है उनके यहां भी बड़ी तादाद में दूसरे मजाहिद के लोगो को भी जगह देनी पड़ी. भले ही नागरिकता नहीं देते किंतु बड़ी तनख्वाह देते है और लोग पचास सालों तक वहां रहते हैं.

जानकारी देते राज्यपाल आरिफ खान.

केरल के राज्यपाल ने कहा कि हिन्दुस्तान के लिये यह मुमकिन नहीं था कि वह नस्ल, मजहब, खाल के रंग के हिसाब से निर्धारण करे. हिमालय और समंदर के बीच का इलाका भारत है और हम सब भारत के बच्चे हें. इसमें किसी किस्म का इम्तियाज नहीं है. समाज को अगर किसी जुबान के आधार पर तय किया जाएगा तो दूसरी जुबान के लोग बाहर हो जाएंगे. मुख्य अतिथि का स्वागत संस्था के सचिव और पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिजवी ने स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर किया.

कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से पत्रकार सईद नकवी, अब्बास रजा नैयर, अखिलेश वाजपेयी, इब्राहिम नदवी, शकील किदवई, श्याम कुमार, अरशद को पत्रकारिता के पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.

इसे भी पढे़ं- भेड़-बकरियों की तरह ट्रीट होने को तैयार नहीं मुस्लिम महिलाएंः आरिफ मोहम्मद खान

सीतापुर: जिले के महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट के प्रांगण अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे. इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अंतर्राष्ट्रीय उर्दू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के तहजीब की शुरूआत ऋग्वेद से हुई है. धर्म एक है, लेकिन उसे मानने जानने वाले अलग-अलग तरीके से बयां करते हैं. कोई भी इंसान तन्हाई में जिंदगी नहीं गुजार सकता है. उसे समाज चाहिए. उसूल चाहिए. पूरी दुनिया में समाज उसकी बुनियाद नस्ल, जुबान, मजहब आदि के हिसाब से संगठित हुए हैं. जिस देशों में किसी मजहब की हुकूमत है उनके यहां भी बड़ी तादाद में दूसरे मजाहिद के लोगो को भी जगह देनी पड़ी. भले ही नागरिकता नहीं देते किंतु बड़ी तनख्वाह देते है और लोग पचास सालों तक वहां रहते हैं.

जानकारी देते राज्यपाल आरिफ खान.

केरल के राज्यपाल ने कहा कि हिन्दुस्तान के लिये यह मुमकिन नहीं था कि वह नस्ल, मजहब, खाल के रंग के हिसाब से निर्धारण करे. हिमालय और समंदर के बीच का इलाका भारत है और हम सब भारत के बच्चे हें. इसमें किसी किस्म का इम्तियाज नहीं है. समाज को अगर किसी जुबान के आधार पर तय किया जाएगा तो दूसरी जुबान के लोग बाहर हो जाएंगे. मुख्य अतिथि का स्वागत संस्था के सचिव और पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिजवी ने स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर किया.

कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से पत्रकार सईद नकवी, अब्बास रजा नैयर, अखिलेश वाजपेयी, इब्राहिम नदवी, शकील किदवई, श्याम कुमार, अरशद को पत्रकारिता के पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.

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