सीतापुर: राजधानी से सटा सीतापुर काफी समय से अवैध शराब के कारोबार का गढ़ रहा है. यहां दूसरे प्रान्तों की तस्करी कर लाई गई शराब को बड़े पैमाने पर खपाया जाता है. वहीं गांवों में कच्ची शराब बनाकर उसे भी ऊंचे दामों पर बेचा जाता है.
अवैध शराब के धंधे पर नहीं लग रहा विराम
- जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की शराब बड़े पैमाने पर बरामद हो चुकी है.
- डीएम अखिलेश तिवारी ने पुराने मामलों में विवेचना का दायरा बढ़ाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की बात कही.
- वहीं सीएमएस ने शराब से लोगों को होने वाले नुकसान के संबंध में भी बताया.
- उन्होंने कहा कि शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए केमिकल और पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर पर काफी दुष्प्रभाव पड़ता है.
- यह केमिकल युक्त शराब मौत का कारण बन जाती है.
जिले में संचालित हो रहे अवैध शराब के कारोबार के लिए मुख्य जिम्मेदार आबकारी महकमे की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है. ऊपर से जिन मामलों का खुलासा दर्शाया है, उनके खुलासे आबकारी विभाग की बजाय पुलिस विभाग द्वारा किए गए हैं. ऐसे में आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है.
हम लोग गांव में भ्रमण कर रहे हैं. टीम बनाई गई है. यह लोग गांव में लोगों की जांच करते हैं कि कितने लोग शराब पीने से बीमार हैं.
-अखिलेश तिवारी, डीएम
शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए यह लोग बहुत सारे केमिकल और पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं. इसको अधिक मात्रा में पीने से लोगों की मौत हो जाती है.
-डॉ एके अग्रवाल, सीएमएस, जिला अस्पताल