सीतापुर: जिले को ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है. इसके बाबजूद अब भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं. आज भी लोगों को शौचालयों की दरकार है, लेकिन उन्हें शौचालय नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं ओडीएफ घोषित किए जाने को लेकर सामाजिक संस्थाओं ने आश्चर्य व्यक्त किया है.
सामाजिक संस्था संगतिन मजदूर संगठन की संयोजक ऋचा सिंह का कहना है कि आज भी हर गांव में 20 से 30 फीसदी लोग खुले में शौच जा रहे हैं. बाढ़ और कटान ग्रस्त गांजरी क्षेत्र के लोग शौचालय के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है.
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वहीं डीपीआरओ का कहना है कि पूरे जिले में शौचालयों का निर्माण कराने के बाद बीती 2 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया गया था. जिले में अब तक साढ़े चार लाख से अधिक शौचालय बनाये गए हैं. साथ ही 36 हजार और शौचालयों की मांग की गई है. ताकि शेष बचे लोंगों को भी शौचालय मुहैया कराकर क्रिटिकल गैप को भरा जा सके.
इसके अलावा इस ममले में जिलाधिकारी का कहना है कि यह एक सतत प्रक्रिया है. जहां भी खुले में शौच जाने की शिकायत मिलती है. तत्काल प्रभाव से वहां टीम भेजकर लोगों को शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है.