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बेबस मां कोरोना महामारी के बीच पाल रही बच्चों का पेट

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक महिला अपने तीन मासूम बच्चों के साथ दर-दर भटक रही है. महिला के सामने अपने तीन बच्चों का पेट भरना और उन्हें कोरोना जैसी महामारी से बचाना बड़ी चुनौती है, लेकिन इस मां का हौसला कम नहीं हुआ है.

महिला अपने तीन मासूम बच्चों के साथ
महिला अपने तीन मासूम बच्चों के साथ
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Published : Apr 22, 2020, 11:35 AM IST

शामली: जिले में एक मां की ममता इन दिनों कोरोना महामारी के हौसलों को पस्त करती नजर आ रही है, क्योंकि ये मां कोरोना महामारी के बीच अपने तीन बच्चों को जिंदा रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है. महिला ने बताया कि उसके पति ने उसे घर से भगा दिया है.

बेबस मां कोरोना महामारी के बीच पाल रही बच्चों का पेट

शामली के मिल रोड पर खुले आसमान के नीचे अपने तीन बच्चों के साथ रहने वाली इस महिला का नाम सरिता है. सरिता खुद को संपन्न परिवार से बताती हैं, लेकिन हालातों ने उसे और उसके तीनों बच्चों को सड़क पर लाकर छोड़ दिया है. महिला के अनुसार वह बिहार की रहने वाली है. फिलहाल वह अपने तीन अबोध बच्चों के साथ शामली में ही रह रही है.

चाय पिलाकर भरती है बच्चों का पेट

सरिता बातचीत और हाव-भाव से बिल्कुल सामान्य लगती है, लेकिन हालातों ने उसकी जिंदगी को तोड़कर रख दिया है. इसके बावजूद भी वह अपने बच्चों का पेट पालने के लिए के लिए दिन-रात एक कर रही है. सरिता ने बताया कि कोराना महामारी के बीच सभी दुकानें बंद रहती हैं. समाजसेवा करने वाले लोग दोपहर का खाना उपलब्ध करा देते हैं, लेकिन सुबह और शाम के समय खाना ढूंढने में थोड़ी मुश्किल होती है. यदि खाना नहीं मिलता, तो वह सड़क पर दो ईंट लगाकर कागजों से अंगीठी सुलगाते हुए बच्चों के लिए चाय बनाकर उनका पेट भरती हैं. बच्चों को देखकर कुछ लोग मांगने पर उसे दूध, चीनी और चाय की पत्ती देकर जाते हैं. वह अपने हिस्से की चीजें भी बचाकर बच्चों के लिए सुरक्षित रख लेती हैं.

तीन बच्चों के साथ सड़क पर रहने वाली सरिता ने बताया कि वह मिल रोड पर इसलिए रहती हैं कि सामने पुलिस थाना है. इसके चलते बच्चे और वो यहां पर सुरक्षित रहते हैं. पुलिस वाले खाने-पीने और पैसे से तो मदद करते रहते हैं, लेकिन कोई भी उसकी समस्या को खत्म करने की नहीं सोचता है.

इसे भी पढ़ें:-यूपी के नागरिक का कहीं भी हो निधन, पार्थिव शरीर उसके घर लाएगी योगी सरकार

शामली: जिले में एक मां की ममता इन दिनों कोरोना महामारी के हौसलों को पस्त करती नजर आ रही है, क्योंकि ये मां कोरोना महामारी के बीच अपने तीन बच्चों को जिंदा रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है. महिला ने बताया कि उसके पति ने उसे घर से भगा दिया है.

बेबस मां कोरोना महामारी के बीच पाल रही बच्चों का पेट

शामली के मिल रोड पर खुले आसमान के नीचे अपने तीन बच्चों के साथ रहने वाली इस महिला का नाम सरिता है. सरिता खुद को संपन्न परिवार से बताती हैं, लेकिन हालातों ने उसे और उसके तीनों बच्चों को सड़क पर लाकर छोड़ दिया है. महिला के अनुसार वह बिहार की रहने वाली है. फिलहाल वह अपने तीन अबोध बच्चों के साथ शामली में ही रह रही है.

चाय पिलाकर भरती है बच्चों का पेट

सरिता बातचीत और हाव-भाव से बिल्कुल सामान्य लगती है, लेकिन हालातों ने उसकी जिंदगी को तोड़कर रख दिया है. इसके बावजूद भी वह अपने बच्चों का पेट पालने के लिए के लिए दिन-रात एक कर रही है. सरिता ने बताया कि कोराना महामारी के बीच सभी दुकानें बंद रहती हैं. समाजसेवा करने वाले लोग दोपहर का खाना उपलब्ध करा देते हैं, लेकिन सुबह और शाम के समय खाना ढूंढने में थोड़ी मुश्किल होती है. यदि खाना नहीं मिलता, तो वह सड़क पर दो ईंट लगाकर कागजों से अंगीठी सुलगाते हुए बच्चों के लिए चाय बनाकर उनका पेट भरती हैं. बच्चों को देखकर कुछ लोग मांगने पर उसे दूध, चीनी और चाय की पत्ती देकर जाते हैं. वह अपने हिस्से की चीजें भी बचाकर बच्चों के लिए सुरक्षित रख लेती हैं.

तीन बच्चों के साथ सड़क पर रहने वाली सरिता ने बताया कि वह मिल रोड पर इसलिए रहती हैं कि सामने पुलिस थाना है. इसके चलते बच्चे और वो यहां पर सुरक्षित रहते हैं. पुलिस वाले खाने-पीने और पैसे से तो मदद करते रहते हैं, लेकिन कोई भी उसकी समस्या को खत्म करने की नहीं सोचता है.

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