शामली: 2022 चुनाव से पहले वेस्ट यूपी की राजनीति को साधने के लिए सोमवार को कैराना पहुंचे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कैराना में उन व्यापारियों के परिजनों से मुलाकात की, जिनको अपराधियों ने मार दिया था. सीएम योगी ने इनको इंसाफ का भरोसा दिया. अपने भाषण में जब सीएम योगी कैराना में बचे हुए अपराधियों पर शिकंजा कसने की बात कही तो कैराना का खौफ कहे जाने वाला बदमाश अपनी जमानत तुड़वाकर जेल में वापस चला गया.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को कैराना पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने उन व्यापारियों के परिजनों से भी मुलाकात की थी, जिनको रंगदारी नहीं देने पर अपराधियों ने अपनी गोली का शिकार बनाया गया था. योगी ने इन परिवारों को पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिया. इसके बाद कैराना के अपराधियों में खलबली मच गयी.
सीएम योगी के भाषण के बाद कैराना में परचून की दुकान खोलकर बैठा बदमाश अपनी जमानत तुड़वाकर जेल चला गया. मंगलवार शाम एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने बताया कि जमानत पर जेल से बाहर चल रहे कुख्यात फुरकान जमानत की अवधि पूरी होने से पहले ही जेल में पहुंच गया है. पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते इस साल लगभग 35 गैंगेस्टर ने खुद कैराना थाने में पहुंचकर सरेंडर किया था.
अगस्त 2014 में कैराना में व्यापारी विनोद संगल की गोली मारकर हत्या की गई थी. हत्या का आरोप कैराना के रहने वाले फुरकान पर लगा था. फुरकान पर लूट, हत्या, रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. व्यापारी विनोद की हत्या के बाद फरार बदमाश फुरकान को 'कैराना का खौफ' कहा जाने लगा था. कुछ समय बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन इसके बाद वह जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आ गया था.
बताया जा रहा है कि जेल से निकलने के बाद फुरकान ने फिर से व्यापारियों से रंगदारी मांगकर अपनी दहशत फैलाई. इसके चलते डीजीपी ने फुरकान पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. इनाम की घोषणा के बाद 8 अप्रैल 2017 को पुलिस ने शामली जिले के कांधला थाना क्षेत्र के गांव आल्दी के जंगलों में हुई मुठभेड़ के बाद घायल फुरकान को गिरफ्तार कर लिया था. इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.
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इसके बावजूद भी कुछ समय बाद फुरकान फिर से जमानत पर जेल से छूट गया था. फरवरी 2019 में पुलिस ने एक बार फिर मादक पदार्थ के साथ उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया था. बताया जा रहा है कि फुरकान जमानत के दौरान कैराना में परचून की दुकान चला रहा था. लेकिन सीएम योगी के तेवर देखकर उसने जेल जाना ही मुनासिब समझा.
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