शामली: जनपद में जिला अस्पताल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि के दो साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में कई मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है. सुविधाओं के अभाव में जिले के अन्य सरकारी अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं, क्योंकि उनमें इमरजेंसी मरीजों के लिए भी पर्याप्त चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं.
- वर्ष 2015 में शासन ने शामली में जिला अस्पताल के निर्माण की घोषणा की थी.
- शासन से 3432.86 लाख की धनराशि जिला अस्पताल के निर्माण के लिए स्वीकृत की गई थी.
- जिला अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने की समयावधि 25 अक्तूबर 2017 तक निर्धारित की गई थी.
- निर्धारित लक्ष्य के दो साल बाद भी अभी तक जिला चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
- अभी तक अस्पताल की सिर्फ मुख्य बिल्डिंग ही बन पाई है, जबकि परिसर में निर्माण कार्य अभी भी जारी है.
दूसरे जनपद में भेजे जाते हैं मरीज
शामली में जिला अस्पताल का निर्माण नहीं होने के चलते यहां सिर्फ सीएचसी लेवल तक की स्वास्थ्य सेवाएं ही उपलब्ध हैं. इनमें अधिकांश सीएचसी पर स्टॉफ और चिकित्सकीय मशीनरी का अभाव हैं. ऐसे में यें अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को सिर्फ मरहम पट्टी कर दूसरे जनपदों के जिला अस्पतालों या मेडिकल कॉलेज में भेज दिया जाता है. ऐसे में समय से उपचार न मिलने के चलते मरीजों की जिंदगी की डोर भी टूट रही है.
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जिला अस्पताल के निर्माण साइट इंचार्ज अजीत सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक जिला अस्पताल के मुख्य भवन बिल्डिंग का निर्माण कार्य ही पूरा हो पाया है. मुख्य भवन में जच्चा-बच्चा केंद्र, ओपीडी और इमरजेंसी ब्लॉक हैं. अन्य कार्य भी 80 प्रतिशत हो चुका है. फण्ड की कमी की वजह से 18 से 20 महीने तक जिला अस्पताल का निर्माण कार्य बाधित हुआ है, लेकिन अब फण्ड आ रहा है. शीघ्र ही निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.