शाहजहांपुर : जिला मेडिकल कॉलेज में बाहर से दवाएं लिखे जाने की लगातार शिकायतें मिल रहीं हैं. ऐसी ही एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए जिसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर पर बाहर से दवाएं लिखने और धोखाधड़ी का मामला सही पाया गया. इन दोनों आरोपों में डाॅक्टर व उसके बेटे समेत कुल तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, तिलहर क्षेत्र के रजनीश कुमार ने अपने पिता रतिराम को सांस लेने में दिक्कत आने पर 15 दिन पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. उसका इलाज वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अनिल राज कर रहे है. तीमारदार का आरोप है कि डॉक्टर प्रतिदिन 7000 रुपये की दवाएं अपने परिचित के मेडिकल स्टोर से मंगवाते हैं. इतनी महंगी दवाइयों को लेकर तीमारदार बहुत परेशान था.
जब यही दवाई वह दूसरे मेडिकल स्टोर से लाया, तब उसे पूरी दवाई 1100 की मिली. तब उसे पता चला कि डॉ. अनिल राज को दवाइयों पर 5900 रुपए कमीशन मिलता है. तीमारदार का यह भी आरोप है कि 1100 रुपये की दवाई लेकर जब वह अस्पताल पहुंचा, तब डॉक्टर ने दूसरे मेडिकल स्टोर से लाई दवाई देखकर उससे अभद्रता की. इस पर तीमारदार भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष हरि प्रकाश वर्मा से डॉक्टर की शिकायत की.
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मेडिकल स्टोर पर बैठा पाया गया डाॅक्टर का बेटा
इसके बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष ने जिलाधिकारी चंद्र विक्रम सिंह के संज्ञान में पूरा प्रकरण डाला. जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी टीम को लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर भेजा. वहां, डॉ. अनिल राज का बेटा बैठा हुआ था. टीम ने जांच में तीमारदार की शिकायत को सही पाया. इसके बाद डॉक्टर अनिल राज और उनके बेटे समेत तीन लोग के खिलाफ थाना कोतवाली में धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉ. अनिल राज और उनके बेटे समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.