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...जहां रावण की अस्थियां पाने के लिए मचती है होड़ - शाहजहांपुर में दशहरा का त्योहार

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में दशहरे पर एक अजीब परंपरा देखने को मिलती है. रावण के जलने के बाद लोगों में उसकी अस्थियां बटोरने की होड़ लग जाती है. उनका कहना है कि रावण के पुतले की अस्थियां घर पर रखने से बुरी आत्मा प्रवेश नहीं करती हैं.

जलता हुआ रावण
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Published : Oct 9, 2019, 8:59 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर : भले ही रावण का पुतला बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे के दिन जलाया जाता है, लेकिन जनपद में लोगों के लिए रावण का पुतला और उसकी अस्थियां बेहद मायने रखती हैं. रावण के जलने के बाद उसकी अस्थियां पाने की होड़ सी लग जाती है. कहा जाता है कि रावण की अस्थियां घर में रखने से घर में बुरी आत्मा का प्रवेश नहीं होता है.

रावण का पुतला जलने के बाद अस्थियां पाने की होड़.

घर ले जाते हैं रावण की अस्थियां

  • जिले में लोग दशहरे के दिन रावण के पुतले के जलने का बेसब्री से इन्तजार करते हैं.
  • रावण के पुतले के जलते ही उसकी अस्थियां पाने की लोगों में जद्दोदहद मच जाती है.
  • सभी अपनी जान की परवाह किये बगैर ही जलते हुए पुतले से उसकी अस्थियां खींचकर भागने लगते हैं.
  • हिन्दू धर्म में लोगों का मानना है कि लंका का रावण दुनियां का सबसे ज्ञानी पुरुष माना जाता था.
  • लोगों की ऐसी आस्था है कि अगर रावण के पुतले की अस्थियों को घर पर ले जाकर संभाल कर रखा जाये तो घर में दुष्ट आत्माएं प्रवेश नहीं कर सकती हैं.
  • लोग यह भी कहते हैं कि रावण के पुतले की अस्थियों को चारपाई में लगा देने से उसमें खटमल नहीं हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें - अयोध्या में निकली रामलला की झांकी, मुस्लिमों ने बरसाए फूल

यह यहां के लोगों के लिए आस्था का विषय है. क्योंकि यह परंपरा है. जिसके चलते इन्हें रोकना भी बेहद मुश्किल होता है.
-अवधेश कुमार, सब इंस्पेक्टर

शाहजहांपुर : भले ही रावण का पुतला बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे के दिन जलाया जाता है, लेकिन जनपद में लोगों के लिए रावण का पुतला और उसकी अस्थियां बेहद मायने रखती हैं. रावण के जलने के बाद उसकी अस्थियां पाने की होड़ सी लग जाती है. कहा जाता है कि रावण की अस्थियां घर में रखने से घर में बुरी आत्मा का प्रवेश नहीं होता है.

रावण का पुतला जलने के बाद अस्थियां पाने की होड़.

घर ले जाते हैं रावण की अस्थियां

  • जिले में लोग दशहरे के दिन रावण के पुतले के जलने का बेसब्री से इन्तजार करते हैं.
  • रावण के पुतले के जलते ही उसकी अस्थियां पाने की लोगों में जद्दोदहद मच जाती है.
  • सभी अपनी जान की परवाह किये बगैर ही जलते हुए पुतले से उसकी अस्थियां खींचकर भागने लगते हैं.
  • हिन्दू धर्म में लोगों का मानना है कि लंका का रावण दुनियां का सबसे ज्ञानी पुरुष माना जाता था.
  • लोगों की ऐसी आस्था है कि अगर रावण के पुतले की अस्थियों को घर पर ले जाकर संभाल कर रखा जाये तो घर में दुष्ट आत्माएं प्रवेश नहीं कर सकती हैं.
  • लोग यह भी कहते हैं कि रावण के पुतले की अस्थियों को चारपाई में लगा देने से उसमें खटमल नहीं हो सकते हैं.

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यह यहां के लोगों के लिए आस्था का विषय है. क्योंकि यह परंपरा है. जिसके चलते इन्हें रोकना भी बेहद मुश्किल होता है.
-अवधेश कुमार, सब इंस्पेक्टर

Intro:स्लग-रावण की अस्थियां
एंकर- भले ही रावण का पुतला बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे के दिन जलाया जाता है । लेकिन लोगों के लिए रावण का पुतला और उसकी अस्थिया बेहद मायने रखती है। दशहरे में जब रावण के पुतले में आग लगाई जाती है तो सभी जय श्री राम का नारा तो लगाते ही है। साथ ही रावण के पुतले के जलने का भी बेसब्री से इन्तजार करते है। क्योंकि रावण के पुतले के जलते ही शुरू हो जाता है उसकी अस्थियां बटोरने की जददोजहद। क्या बच्चे क्या बड़े सभी अपनी जान की परवाह किये बगैर ही जलते हुए पुतले से उसकी अस्थिया खींचकर भागने लगते है। जिससे कई लोग खुद को जला भी बैठते है तो कई घायल भी हो जाते है। लेकिन उन्हे हर हाल में रावण की अस्थियों चाहिए। आखिर ये लोग ऐसा क्यों करते है । ये सवाल भी लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है।

Body:दरअसल हिन्दू धर्म में लोगों का मानना है कि लंका का रावण दुनियां का सबसे ज्ञानी पुरूष माना जाता था। साथ पूरी धरती के के भूत परेत उससे खौफ खाते थे। लोगो की ऐसी आस्था है कि अगर रावण के पुतले ही अस्थियों को घर पर ले जाकर संभाल कर रखा जाये तो घर मेें दुष्ट आत्माएं प्रवेश नहीं कर सकती है। इसके अलावा बच्चों में ज्ञान बढ़ता है। साथ ही जो सबसे बड़ी मान्यता है वो ये है कि रावण के पुतले की अस्थियों को चारपाई में लगा देने से उसमें खटमल नहीं हो सकतेे है।
बाईट-कार्तिक, श्रद्धालु
बाईट-अर्जुन, श्रद्धालु।
बाईट- अवधेश कुमार, सब इंस्पेक्टरConclusion:दशहरे के दिन रावण के जलते हुए पुतले से लोग अपनी जान की परवाह किये बगैर हर हाल मे उसकी अस्थि ले जाने के भरकस कोशिश करते है। शायद इन लोगों के लिए असली दशहरा यहीं है। वहीं पुलिस भी इसे आस्था से जोड़कर देखती है। पुलिस का कहना है कि क्योंकि यह परंपरा है । जिसके चलते इन्हें रोकना भी बेहद मुश्किल होता है।
संजय श्रीवास्तव ईटीवी भारत शाहजहांपुर 94 15 15 24 85
Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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