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भदोही: पस्त होती नजर आ रही सौभाग्य योजना, जनता परेशान

जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत कहीं बिजली के ट्रांसफार्मर लगाए तो कहीं बिजली के पोल लगाए गए, लेकिन इन सब के बावजूद जिले के लोगों को बिजली संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिले में पस्त होती नजर आई सौभाग्य योजना
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Published : Jun 8, 2019, 4:54 PM IST

भदोही: सौभाग्य योजना के तहत जिले में हजारों की संख्या में लोगों को दिए गए कनेक्शन बिजली विभाग पर भारी पड़ रहे हैं. जिले के 1,074 गांवों में 66,833 कनेक्शन सौभाग्य योजना के तहत दिए गए. दरअसल लक्ष्य 90,000 का रखा गया था लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया है.

जिले में पस्त होती नजर आई सौभाग्य योजना

मजरों में योजना के तहत पहुंचाई बिजली

600 मजरे ऐसे थे जहां कहीं बिजली नहीं पहुंची थी वहां भी इस योजना के तहत बिजली पहुंचाई गई. जिले में 134 करोड़ का सर्वे का काम हुआ. वहीं 44,510 बिजली के पोल लगे और सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों को जमकर कनेक्शन बांटे.

जिले में बढ़ी बिजली की समस्या

वहीं 66,000 बढ़े हुए कनेक्शन जिले में आए दिन फाल्ट और बिजली की समस्या के कारण बने हुए हैं क्योंकि कनेक्शन तो भारी मात्रा में बांट दिए गए लेकिन न तारों की क्षमता उस अनुरूप रखी गई और न ही ट्रांसफार्मरों की.

ट्रांसफार्मर लगाने का भी कोई लाभ नहीं

जहां 16 केवी के 1700 ट्रांसफार्मर लगे और 25 केवीए के 400 ट्रांसफार्मर वहीं 63 केवी के केवल 7 ट्रांसफार्मर लगाने की योजना बनाई गई थी. जबकी इतने ट्रांसफार्मरों से कुछ ही गांव को लाभ मिल पाया. इतना ही नहीं, 250 मजरे ऐसे भी हैं जहां पर अभी एनओसी का काम नहीं हो पाया. ऐसी स्थिति में कनेक्शन बढ़ने की वजह से तार की क्षमता रह पाने से आए दिन फाल्ट हो रहे हैं.

वहीं जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर परशुरामपुर गांव में 150 से ज्यादा कनेक्शन बढ़ा दिए गए लेकिन ऐसे तारों से कनेक्शन किया गया जिससे सिर्फ 2-4 घर कनेक्शन ले सकते हैं. तारों से सरकार ने दर्जन से ज्यादा कनेक्शन दे दिया और वहां का ट्रांसफार्मर भी कनेक्शन की संख्या के अनुसार नहीं बड़ा जिसकी वजह से वहां आए दिन फाल्ट होता है.

भदोही: सौभाग्य योजना के तहत जिले में हजारों की संख्या में लोगों को दिए गए कनेक्शन बिजली विभाग पर भारी पड़ रहे हैं. जिले के 1,074 गांवों में 66,833 कनेक्शन सौभाग्य योजना के तहत दिए गए. दरअसल लक्ष्य 90,000 का रखा गया था लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया है.

जिले में पस्त होती नजर आई सौभाग्य योजना

मजरों में योजना के तहत पहुंचाई बिजली

600 मजरे ऐसे थे जहां कहीं बिजली नहीं पहुंची थी वहां भी इस योजना के तहत बिजली पहुंचाई गई. जिले में 134 करोड़ का सर्वे का काम हुआ. वहीं 44,510 बिजली के पोल लगे और सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों को जमकर कनेक्शन बांटे.

जिले में बढ़ी बिजली की समस्या

वहीं 66,000 बढ़े हुए कनेक्शन जिले में आए दिन फाल्ट और बिजली की समस्या के कारण बने हुए हैं क्योंकि कनेक्शन तो भारी मात्रा में बांट दिए गए लेकिन न तारों की क्षमता उस अनुरूप रखी गई और न ही ट्रांसफार्मरों की.

ट्रांसफार्मर लगाने का भी कोई लाभ नहीं

जहां 16 केवी के 1700 ट्रांसफार्मर लगे और 25 केवीए के 400 ट्रांसफार्मर वहीं 63 केवी के केवल 7 ट्रांसफार्मर लगाने की योजना बनाई गई थी. जबकी इतने ट्रांसफार्मरों से कुछ ही गांव को लाभ मिल पाया. इतना ही नहीं, 250 मजरे ऐसे भी हैं जहां पर अभी एनओसी का काम नहीं हो पाया. ऐसी स्थिति में कनेक्शन बढ़ने की वजह से तार की क्षमता रह पाने से आए दिन फाल्ट हो रहे हैं.

वहीं जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर परशुरामपुर गांव में 150 से ज्यादा कनेक्शन बढ़ा दिए गए लेकिन ऐसे तारों से कनेक्शन किया गया जिससे सिर्फ 2-4 घर कनेक्शन ले सकते हैं. तारों से सरकार ने दर्जन से ज्यादा कनेक्शन दे दिया और वहां का ट्रांसफार्मर भी कनेक्शन की संख्या के अनुसार नहीं बड़ा जिसकी वजह से वहां आए दिन फाल्ट होता है.

Intro:सौभाग्य योजना में जिस तरीके से लोगों को हजारों की संख्या में कनेक्शन दिए गए यह कनेक्शन बिजली विभाग पर भारी पड़ रहा है जिले के 1074 गांव में 66833 कनेक्शन सौभाग्य योजना के तहत दिए गए हालांकि लक्ष्य 90000 का रखा गया था लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया 600 मजरे ऐसे थे जहां कहीं बिजली नहीं पहुंची थी वहां भी इस योजना के तहत बिजली पहुंचाई गई जिले में 134 करोड़ का सर्वे का काम हुआ था वहीं 44510 कोल लगे और सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों को जमकर कनेक्शन वाले


Body:लेकिन वही 66000 बड़े हुए कनेक्शन जिले में आए दिन फाल्ट और बिजली की समस्या का कारण बने हुए हैं क्योंकि कनेक्शन तो भारी मात्रा में बांट दिया गया लेकिन ना तारों की क्षमता उस अनुरूप रखी गई और ना ही ट्रांसफार्मरों की क्षमता जहां 16 केवी के 17 100 ट्रांसफार्मर लगे 25 केवीए के 400 ट्रांसफार्मर वहीं 63 केवीए के केवल 7 ट्रांसफार्मर लगाने की योजना बनाई गई थी जबकि इतने ट्रांसफार्मर से कुछ ही गांव को लाभ मिल पाया 250 मजरे ऐसे हैं जहां पर अभी एनओसी का काम नहीं हो पाया है ऐसी स्थिति में कनेक्शन बढ़ने की वजह से तार की क्षमता उतनी ना हो पाने से आए दिन फाल्ट हो रहे हैं जिससे ग्रामीण काफी परेशान है


Conclusion:वहीं जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर परशुरामपुर गांव में डेढ़ सौ से अधिक कनेक्शन बढ़ा दिए गए लेकिन ऐसे तारों से कनेक्शन किया गया जिससे सिर्फ दो से चार घर कनेक्शन ले सकते हैं वैसे तारों से सरकार ने दर्जनों से ज्यादा कनेक्शन दे दिया और वहां का ट्रांसफार्मर भी कनेक्शन की संख्या के अनुसार नहीं बड़ा जिसकी वजह से वहां आए दिन फाल्ट होता है यही कमोबेश संख्या पूरे जिले में बनी हुई है और जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानी झेलना पड़ रहा है और आए दिन फाल्ट की समस्या आ रही है ट्रांसफार्मर ना बदले जाने की वजह से भी लोगों को बिजली का वोल्टेज उस तरीके से नहीं मिल पा रहा है जितनी उनको जरूरत है


अमर सिंह बाइट (अभियंता विजली विभाग )

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