संतकबीर नगर: जिले की कमान जब से अब्दुल कलाम ने संभाली है, तब से सपा के लिए कुछ भी शुभ नहीं हो रहा है. पार्टी के अंदर गुटबाजी तो देखने को ही मिल रही है. वहीं, सपाई आपस में भी भिड़ते नजर आ रहे हैं. अब शनिवार को एक बार फिर सपा कार्यालय में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आयोजित बैठक में एक बार फिर कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए.
अखिलेश यादव ने जिले की कमान अनुभवी हाथों में सौंपी थी, उन्हें ये भरोसा था कि लगातार तीन बार विधायक रहने वाले अब्दुल कलाम पार्टी के लिए संजीवनी बनेंगे. लेकिन परिणाम इसके ठीक उलट नजर आ रहा है. अब्दुल कलाम के जिलाध्यक्ष बनने के बाद से लेकर अबतक पार्टी कार्यालय पर आयोजित बैठकों में जिस तरह से सपाई आपस में भिड़े, उसे देख आप भी यही कहेंगे कि ये सब एक दल के लिए शुभ संकेत नहीं है. गौरतलब है, कि पार्टी कार्यालय पर पिछले 15 मई को मेंहदावल विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी जयराम पांडेय और जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई थी.
इस घटना के ठीक 19वें दिन शनिवार को पूर्व सांसद के बेटे आलोक उर्फ सोनू यादव और उनके भांजे का पार्टी के वरिष्ठ नेता सिराज अहमद खान के साथ कहासुनी हो गई. ये सब पार्टी कार्यालय पर ही हुआ. दरअसल, आलोक उर्फ सोनू यादव अपने पति के पूर्व सचिव सिराज अहमद खान द्वारा फेसबुक किए एक पोस्ट से नाराज थे. सिराज अहमद ने पूर्व सांसद की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर पोस्ट किया था. जिसमें लिखा था कि पूर्व सांसद की पुण्यतिथि थी पर उनको (सिराज अहमद) मंच पर जगह नहीं मिली थी. जबकि स्वर्गीय सुरेन्द्र यादव को कदम-कदम पर धोखा देने वाले उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर मंच की शोभा बढ़ा रहे थे. पार्टी नेता सिराज अहमद का यह दर्द इसलिए उभरा था, क्योंकि उस दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं पूर्व सांसद को श्रद्धांजलि देने खलीलाबाद के जूनियर हाईस्कूल के मैदान में आए थे. पार्टी नेता सिराज के इसी पोस्ट से नाराज दिखे.
पूर्व सांसद पुत्र आलोक उर्फ सोनू यादव और उनके भांजे राहुल यादव बादल शनिवार को पार्टी की मीटिंग के दौरान भड़के उठे. सिराज के इसी पोस्ट पर भड़के सोनू यादव और राहुल ने सिराज के साथ तीखी नोकझोंक की. नोक झोंक के दौरान बीच बचाव की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष पर थी लेकिन काफी देर तक चुप रहे. जिलाध्यक्ष लाचारी स्थिति में दिखे थे, इस दौरान पूर्व विधायक जय चौबे आगे आए और उन्होंने पहले सिराज अहमद को शांत कराया. फिर खुद कुर्सी छोड़ सोनू यादव और राहुल के पास पहुंच कर शांत रहने के लिए कड़े शब्दों में आदेश दिया, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.
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