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संत कबीर नगर: पूरे पूर्वांचल में गूंजती है सतीश के ढोलक की थाप

उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में सतीश की ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में गूंज रही है. सरकारी नौकरी न मिलने पर पुश्तैनी काम को आगे बढ़ाया और आज उनकी ढोलक के मुरीद पूरा जिला ही नहीं बल्कि पूरा पूर्वांचल है.

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संतकबीरनगर के सतीश ने ढोलक से बनाई पहचान
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Published : Dec 10, 2019, 11:22 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीर नगर: हम मुसाफिर हैं, अपने रास्ते बना लेते हैं. मंजिल खुद ब खुद पास चलकर आएगी अगर हौसला बढ़ा लेते हैं. कुछ ऐसी ही दास्तां है संत कबीर नगर जिले के विश्वनाथपुर के रहने वाले सतीश की. जिसकी ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में मशहूर है. सड़क के किनारे अपने ढोलक में तल्लीन यह शख्स कुछ खास है. अपने हुनर को जीविकोपार्जन का जरिया बनाने वाले सतीश के बनाए गए ढोलक के मुरीद जिला ही नहीं बल्कि पूरा पूर्वांचल है. स्नातक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी न मिलने पर सतीश ने हुनर को तराश कर जिंदगी जीने का अपना अलग ही अंदाज बना लिया.

संतकबीरनगर के सतीश ने ढोलक से बनाई पहचान
ढोलक ने दी अलग पहचान-
  • जिले के विश्वनाथपुर गांव के पास स्थित सतीश का गांव आज ढोलक के लिए अपनी एक अलग पहचान रखने लगा है.
  • यहां दूर-दूर से लोग ढोलक को खरीदने और मरम्मत करवाने के लिए आते हैं.
  • अपने हुनर को जीविकोपार्जन का सहारा बनाने वाले सतीश आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है.
  • 31 वर्षीय सतीश ने बताया कि स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद उनके सामने जीवन जीने के लिए काफी संकट आ गया था.
  • सरकारी नौकरी के लिए उन्होंने भी कई प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली.
  • फिर सतीश ने अपने पुश्तैनी काम को ही अपना धंधा बना लिया. पिता के साथ सतीश ने ढोलक बनाने का काम शुरू किया.


पुश्तैनी काम को बढ़ा कर बनाई पहचान-

पुश्तैनी काम को सतीश ने आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपनी सोच से अलग करने की कोशिश की. ढोलक बनाने के लिए सबसे जरूरी है ढोलक का घेरा सतीश गोंडा से लाते हैं. पहले तो गोंडा से घेरा लाने की सोची लेकिन गोरखपुर में कम खर्च में घेरा मिल जाता है इसलिए उन्होंने गोरखपुर से लाना शुरू किया. अब जरूरत हुई अन्य सामानों की वो भी मिलते गए और सतीश ने इस कारोबार को आगे बढ़ाया. आज सतीश का कारोबार पूरे पूर्वांचल में मशहूर हो गया और उनकी ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में गूंजने लगी.

इस हुनर से अन्य लोग को भी प्रेरणा मिली और गांव के लोग भी अब इस काम में आगे आने लगे हैं. अगर सरकार द्वारा इस कारोबार में कुछ मदद की जाए तो यह कारोबार जिले में प्रसिद्ध होगा. क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
-सतीश, ढोलक कारोबारी

संत कबीर नगर: हम मुसाफिर हैं, अपने रास्ते बना लेते हैं. मंजिल खुद ब खुद पास चलकर आएगी अगर हौसला बढ़ा लेते हैं. कुछ ऐसी ही दास्तां है संत कबीर नगर जिले के विश्वनाथपुर के रहने वाले सतीश की. जिसकी ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में मशहूर है. सड़क के किनारे अपने ढोलक में तल्लीन यह शख्स कुछ खास है. अपने हुनर को जीविकोपार्जन का जरिया बनाने वाले सतीश के बनाए गए ढोलक के मुरीद जिला ही नहीं बल्कि पूरा पूर्वांचल है. स्नातक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी न मिलने पर सतीश ने हुनर को तराश कर जिंदगी जीने का अपना अलग ही अंदाज बना लिया.

संतकबीरनगर के सतीश ने ढोलक से बनाई पहचान
ढोलक ने दी अलग पहचान-
  • जिले के विश्वनाथपुर गांव के पास स्थित सतीश का गांव आज ढोलक के लिए अपनी एक अलग पहचान रखने लगा है.
  • यहां दूर-दूर से लोग ढोलक को खरीदने और मरम्मत करवाने के लिए आते हैं.
  • अपने हुनर को जीविकोपार्जन का सहारा बनाने वाले सतीश आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है.
  • 31 वर्षीय सतीश ने बताया कि स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद उनके सामने जीवन जीने के लिए काफी संकट आ गया था.
  • सरकारी नौकरी के लिए उन्होंने भी कई प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली.
  • फिर सतीश ने अपने पुश्तैनी काम को ही अपना धंधा बना लिया. पिता के साथ सतीश ने ढोलक बनाने का काम शुरू किया.


पुश्तैनी काम को बढ़ा कर बनाई पहचान-

पुश्तैनी काम को सतीश ने आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपनी सोच से अलग करने की कोशिश की. ढोलक बनाने के लिए सबसे जरूरी है ढोलक का घेरा सतीश गोंडा से लाते हैं. पहले तो गोंडा से घेरा लाने की सोची लेकिन गोरखपुर में कम खर्च में घेरा मिल जाता है इसलिए उन्होंने गोरखपुर से लाना शुरू किया. अब जरूरत हुई अन्य सामानों की वो भी मिलते गए और सतीश ने इस कारोबार को आगे बढ़ाया. आज सतीश का कारोबार पूरे पूर्वांचल में मशहूर हो गया और उनकी ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में गूंजने लगी.

इस हुनर से अन्य लोग को भी प्रेरणा मिली और गांव के लोग भी अब इस काम में आगे आने लगे हैं. अगर सरकार द्वारा इस कारोबार में कुछ मदद की जाए तो यह कारोबार जिले में प्रसिद्ध होगा. क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
-सतीश, ढोलक कारोबारी

Intro:संतकबीरनगर- पूरे पूर्वांचल में गूंजती है सतीश के ढोलक की थाप


Body:एंकर- हम मुसाफिर हैं, अपने रास्ते बना लेते हैं। मंजिल खुद ब खुद पास चलकर आएगी अगर हौसला बढ़ा लेते हैं

कुछ ऐसी ही दास्तान है संत कबीर नगर जिले के विश्वनाथ पुर के रहने वाले सतीश की जिसके ढोलक की थाप और पूरे पूर्वांचल में मशहूर है सड़क के किनारे अपने ढोलक में तल्लीन यह शख्स कुछ खास है अपने हुनर को जीविकोपार्जन का जरिया बनाने वाले सतीश के बनाए गए ढोलक के मुरीद जिले ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल में है स्नातक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी ना मिलने पर सतीश ने हुनर को तराश कर जिंदगी जीने का अपना अलग ही अंदाज बना लिया।


Conclusion:वीओ- आपको बता दें कि जिले के विश्वनाथ पुर गांव के पास स्थित सतीश का गांव आज ढोलक के लिए अपनी एक अलग पहचान रखने लगा है और यहां दूर-दूर से लोग ढोलक को खरीदने और मरम्मत करवाने के लिए आते हैं अपने हुनर को जीविकोपार्जन का सहारा बनाने वाले सतीश आज किसी परिचय के मोहताज नहीं 31 वर्षीय सतीश ने बताया कि स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद उनके सामने जीवन जीने के लिए काफी संकट आ गया था उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए भी कई प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली तो सतीश ने अपने पुश्तैनी काम को ही अपना धंधा बना लिया। पिता के साथ सतीश ने ढोलक बनाने का काम शुरू किया। इसी पुश्तैनी काम को सतीश ने आगे बढ़ाते हुए ढोलक तो पहले से ही बिक रहे थे लेकिन उन्हें अपनी सोच से अलग करने की कोशिश की ढोलक बनाने के लिए सबसे जरूरी है ढोलक का घेरा यह सतीश गोंडा से लाते हैं उन्होंने पहले तो गोंडा से घिरा लाने की सोची लेकिन गोरखपुर में कम खर्च में गिरा मिल जाता है इसलिए उन्होंने गोरखपुर से लाना शुरू किया अब जरूरत हुई अन्य सामानों की वो भी मिलते गए और सतीश ने इस कारोबार को आगे बढ़ाया और और आज सतीश का कारोबार पूरे पूर्वांचल में मशहूर हो गया और उनकी ढोलक की थाप पूरे पूर्वांचल में गूँजने लगी ।सतीश ने बताया कि इस हुनर से अन्य लोग को भी प्रेरणा मिली और गांव के लोग भी अब इस काम में आगे आने लगे हैं सतीश ने कहा कि अगर सरकार द्वारा इस कारोबार में कुछ मदद की जाए तो यह कारोबार जिले में प्रसिद्ध होगा क्षेत्र युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

बाइट- सतीश ढोलक कारोबारी

बाइट- बद्री प्रसाद पिता

बाइट-p2c-अमित कुमार पाण्डेय

( स्पेशल स्टोरी)
अमित पांडेय संत कबीरनगर नगर
7881166766
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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