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धूल फांक रहा लाखों की लागत से बना राजकीय हाईस्कूल, अधिकारी लगा रहे हैं पलीता - राजकीय हाईस्कूल की स्थिति खराब

संत कबीर नगर जिले में लाखों की लागत से बने राजकीय हाईस्कूल की स्थिति अधिकारियों की लापरवाही से जर्जर हो गई है. सरकार के पैसों का बंदरबाट किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार पूरी तरीके से मौन हैं.

राजकीय हाईस्कूल की स्थिति खराब.
राजकीय हाईस्कूल की स्थिति खराब.
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Published : Nov 14, 2021, 1:14 PM IST

संत कबीर नगर: यूपी के संत कबीर नगर जिले के सेमरियावां ब्लाक में आने वाले अगया ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से बना राजकीय हाईस्कूल धूल फांक रहा है. छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए 2015 जनपद में 4 राजकीय हाईस्कूल की सौगात मिली थी. पैसा आने के बाद निर्माण कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन विभाग ने भवन को हैंडओवर नहीं किया. जिसके चलते भवन की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. अधिकारी शासन की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. वहीं, सरकार के पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार पूरी तरीके से मौन हैं.

ऐसी हो गई है हालत

भवन की हालत ऐसी हो गई है कि अंदर जाने को भी डर लगने लगा है. भवन के अंदर बड़े-बड़े घास उग आए हैं. रखरखाव के अभाव में हैंडओवर होने से पहले ही भवन पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है. शासन की मंशा थी कि निर्माण कार्य के बाद सितंबर 2020 से ही राजकीय हाईस्कूल में पठन-पाठन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने शासन की मंशा को पलीता लगाते हुए सरकारी धन का बंदरबांट किया. जिससे अभी तक राजकीय हाईस्कूल में पठन-पाठन का कार्य शुरू नहीं हो सका है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान और जिला विद्यालय निरीक्षक.

मामले पर जब जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2015-16 में जनपद को 3 राजकीय हाईस्कूल की सौगात मिली थी. तीनों विद्यालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भवन भी हैंडओवर हो गया है, लेकिन फर्नीचर और पठन-पाठन के लिए अन्य व्यवस्थाएं न होने से अभी तक कार्य शुरू नहीं हो सका है. इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है और जैसे ही आदेश मिलेगा. विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.


इसे भी पढे़ं- पंचायत भवन जर्जर, नहीं हुई मरम्मत

संत कबीर नगर: यूपी के संत कबीर नगर जिले के सेमरियावां ब्लाक में आने वाले अगया ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से बना राजकीय हाईस्कूल धूल फांक रहा है. छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए 2015 जनपद में 4 राजकीय हाईस्कूल की सौगात मिली थी. पैसा आने के बाद निर्माण कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन विभाग ने भवन को हैंडओवर नहीं किया. जिसके चलते भवन की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. अधिकारी शासन की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. वहीं, सरकार के पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार पूरी तरीके से मौन हैं.

ऐसी हो गई है हालत

भवन की हालत ऐसी हो गई है कि अंदर जाने को भी डर लगने लगा है. भवन के अंदर बड़े-बड़े घास उग आए हैं. रखरखाव के अभाव में हैंडओवर होने से पहले ही भवन पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है. शासन की मंशा थी कि निर्माण कार्य के बाद सितंबर 2020 से ही राजकीय हाईस्कूल में पठन-पाठन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने शासन की मंशा को पलीता लगाते हुए सरकारी धन का बंदरबांट किया. जिससे अभी तक राजकीय हाईस्कूल में पठन-पाठन का कार्य शुरू नहीं हो सका है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान और जिला विद्यालय निरीक्षक.

मामले पर जब जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2015-16 में जनपद को 3 राजकीय हाईस्कूल की सौगात मिली थी. तीनों विद्यालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भवन भी हैंडओवर हो गया है, लेकिन फर्नीचर और पठन-पाठन के लिए अन्य व्यवस्थाएं न होने से अभी तक कार्य शुरू नहीं हो सका है. इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है और जैसे ही आदेश मिलेगा. विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.


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