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हिंदी दिवस विशेष: 4 साल की बच्ची फर्राटे के साथ सुनाती है दिनकर की ये कविता - रामधारी सिंह दिनकर की कविता

यूपी के संतकबीर नगर में एक 4 साल की बच्ची ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता कंठस्थ कर ली है. हिंदी दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत इस बच्ची से आपको रूबरू करा रहा है.

बच्ची ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता याद की.
बच्ची ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता याद की.
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Published : Sep 14, 2020, 4:22 AM IST

संतकबीर नगर: कुछ सीखने की ललक और कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती. यह लाइन संत कबीर नगर जिले की 4 साल की बच्ची मिराया सिंह पर सटीक बैठती है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 4 साल की मिराया सिंह ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित रश्मिरथी के 'कृष्ण की चेतावनी' को कंठस्थ कर लिया है. यही नहीं, बच्ची को और भी कई कविताएं जुबानी याद हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत इस बच्ची से आपको रूबरू करा रहा है.

बच्ची ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता याद की.

कक्षा एक की छात्रा है मिराया

जिले की पिछड़े क्षेत्र खलीलाबाद ब्लॉक के मैनसिर गांव की रहने वाली इस बच्ची का नाम मिराया सिंह है. मिराया गांव के ही प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में कक्षा एक की छात्रा है. मिराया ने 4 साल की उम्र में ऐसी कविता याद कर ली है, जो बड़े-बड़े लोग महीनों में याद कर पाते हैं.

बता दें कि मिराया ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता 'रश्मिरथी कृष्ण की चेतावनी' याद कर ली है. हिन्दी दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत आपको इस बच्ची से रूबरू करा रहा है. इस बच्ची ने 102 लाइन की इस कविता को बड़ी बेबाकी के साथ कैमरे पर सुनाया.

क्या कहती हैं मिराया की मां

मिराया की मां अनीता एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं. उन्होंने गरीबों और बुजुर्गों के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया था, जहां लोग निशुल्क 500 प्रकार की किताबें पढ़ते हैं. अनीता के मुताबिक, मिराया भी लाइब्रेरी में रहती थी. किताबों ने बच्ची को इतना आकर्षित किया कि उसने यह कविता कंठस्थ कर ली.

अनीता सिंह ने बताया कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसको संजोकर रखने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि आज सभी लोग अंग्रेजी की तरफ भाग रहे हैं. उनका मानना है कि अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन अपनी राष्ट्रभाषा को भी भूलना नहीं चाहिए.

संतकबीर नगर: कुछ सीखने की ललक और कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती. यह लाइन संत कबीर नगर जिले की 4 साल की बच्ची मिराया सिंह पर सटीक बैठती है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 4 साल की मिराया सिंह ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित रश्मिरथी के 'कृष्ण की चेतावनी' को कंठस्थ कर लिया है. यही नहीं, बच्ची को और भी कई कविताएं जुबानी याद हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत इस बच्ची से आपको रूबरू करा रहा है.

बच्ची ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता याद की.

कक्षा एक की छात्रा है मिराया

जिले की पिछड़े क्षेत्र खलीलाबाद ब्लॉक के मैनसिर गांव की रहने वाली इस बच्ची का नाम मिराया सिंह है. मिराया गांव के ही प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में कक्षा एक की छात्रा है. मिराया ने 4 साल की उम्र में ऐसी कविता याद कर ली है, जो बड़े-बड़े लोग महीनों में याद कर पाते हैं.

बता दें कि मिराया ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता 'रश्मिरथी कृष्ण की चेतावनी' याद कर ली है. हिन्दी दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत आपको इस बच्ची से रूबरू करा रहा है. इस बच्ची ने 102 लाइन की इस कविता को बड़ी बेबाकी के साथ कैमरे पर सुनाया.

क्या कहती हैं मिराया की मां

मिराया की मां अनीता एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं. उन्होंने गरीबों और बुजुर्गों के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया था, जहां लोग निशुल्क 500 प्रकार की किताबें पढ़ते हैं. अनीता के मुताबिक, मिराया भी लाइब्रेरी में रहती थी. किताबों ने बच्ची को इतना आकर्षित किया कि उसने यह कविता कंठस्थ कर ली.

अनीता सिंह ने बताया कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसको संजोकर रखने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि आज सभी लोग अंग्रेजी की तरफ भाग रहे हैं. उनका मानना है कि अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन अपनी राष्ट्रभाषा को भी भूलना नहीं चाहिए.

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