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Corruption in Sambhal: ग्राम प्रधान और सचिव ने 'हवा' में बनाए 240 शौचालय, बेटे के खाते में भेजे पैसे

यूपी के संभल में सरकारी शौचालय के निर्माण में घोटाला सामने आया है. यहां ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर 16 लाख रुपये हड़प लिए.

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Published : Feb 14, 2023, 8:40 PM IST

Corruption in Sambhal
Corruption in Sambhal
मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान.

संभल: योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है लेकिन जिले में भ्रष्टाचार पूरी तरह से चरम पर है. यहां ग्राम प्रधान और सचिव शौचालय के लिए आई करीब 16 लाख रुपये की धनराशि को डकार गए. जांच में पूरा मामला पकड़ में आया तो हड़कंप मच गया. एडीओ पंचायत संभल की ओर से तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं सचिव सहित 9 लोगों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान के मुताबिक संभल विकासखंड की ग्राम पंचायत पीपली रहमापुर ने भूरे ने उच्च अधिकारियों को शिकायत दर्ज की थी कि ग्राम पंचायत में निर्मित कराए गए 410 लाभार्थियों की सूची में से 240 शौचालय ऐसे लाभार्थियों के नाम दर्ज कराए गए जो गांव में रहते ही नहीं है. जबकि 171 शौचालय का कार्य अधूरा पड़ा है. इस मामले में जिलाधिकारी ने 25 मई 2022 को ग्राम प्रधान के विरुद्ध मिली शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पाया गया कि शिकायत पूरी तरह से ठीक है और पारिवारिक शौचालय निर्माण में वित्तीय अनियमितता की गई है.

मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान ने बताया कि ग्राम पंचायत पीपली रहमापुर में 15 लाख 89 हजार का घोटाला पकड़ में आया है. यह धनराशि ग्राम प्रधान द्वारा संबंधित फर्म में न भेजकर अपने और अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर कराई गई है. कुल धनराशि में से 885000 रुपये की धनराशि तत्कालीन ग्राम प्रधान जायदा ने अपने बेटे मोहम्मद उमर के खाते में ट्रांसफर कराई है. जबकि शेष धनराशि अन्य व्यक्तिगत खातों में भेजी गई है. मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान ने बताया कि तत्कालीन ग्राम प्रधान जायदा, ग्राम पंचायत सचिव अजय कुमार, मोहम्मद उमर, रविंद्र कुमार, आशु सिंह, अतहर, मोहम्मद वसीम, शाहिद हुसैन एवं एहसान के खिलाफ धारा 406 एवं 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर एडीओ पंचायत वसीम अब्बास की तहरीर पर नखासा थाने में हुई है.

इसे भी पढ़ें-Son Murdered Dad : जायजाद नहीं बेचने पर बेटे ने पिता को लाठियों से पीटकर मार डाला

मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान.

संभल: योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है लेकिन जिले में भ्रष्टाचार पूरी तरह से चरम पर है. यहां ग्राम प्रधान और सचिव शौचालय के लिए आई करीब 16 लाख रुपये की धनराशि को डकार गए. जांच में पूरा मामला पकड़ में आया तो हड़कंप मच गया. एडीओ पंचायत संभल की ओर से तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं सचिव सहित 9 लोगों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान के मुताबिक संभल विकासखंड की ग्राम पंचायत पीपली रहमापुर ने भूरे ने उच्च अधिकारियों को शिकायत दर्ज की थी कि ग्राम पंचायत में निर्मित कराए गए 410 लाभार्थियों की सूची में से 240 शौचालय ऐसे लाभार्थियों के नाम दर्ज कराए गए जो गांव में रहते ही नहीं है. जबकि 171 शौचालय का कार्य अधूरा पड़ा है. इस मामले में जिलाधिकारी ने 25 मई 2022 को ग्राम प्रधान के विरुद्ध मिली शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पाया गया कि शिकायत पूरी तरह से ठीक है और पारिवारिक शौचालय निर्माण में वित्तीय अनियमितता की गई है.

मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान ने बताया कि ग्राम पंचायत पीपली रहमापुर में 15 लाख 89 हजार का घोटाला पकड़ में आया है. यह धनराशि ग्राम प्रधान द्वारा संबंधित फर्म में न भेजकर अपने और अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर कराई गई है. कुल धनराशि में से 885000 रुपये की धनराशि तत्कालीन ग्राम प्रधान जायदा ने अपने बेटे मोहम्मद उमर के खाते में ट्रांसफर कराई है. जबकि शेष धनराशि अन्य व्यक्तिगत खातों में भेजी गई है. मुख्य विकास अधिकारी कमलेश सचान ने बताया कि तत्कालीन ग्राम प्रधान जायदा, ग्राम पंचायत सचिव अजय कुमार, मोहम्मद उमर, रविंद्र कुमार, आशु सिंह, अतहर, मोहम्मद वसीम, शाहिद हुसैन एवं एहसान के खिलाफ धारा 406 एवं 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर एडीओ पंचायत वसीम अब्बास की तहरीर पर नखासा थाने में हुई है.

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