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ईटीवी भारत से बोले सपा प्रवक्ता संजय गर्ग, किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है 'कृषि बिल' - modi government

किसान बिल का विरोध किसानों के साथ विपक्षी पार्टियां भी कर रही हैं. सपा (समाजवादी पार्टी) ने भी बिल के विरोध में किसानों को समर्थन दिया है. वहीं किसान बिल को लेकर ईटीवी भारत ने सहारनपुर नगर विधायक एवं सपा प्रवक्ता संजय गर्ग से खास बातचीत की.

सहारनपुर नगर विधायक एवं सपा प्रवक्ता संजय गर्ग
सहारनपुर नगर विधायक एवं सपा प्रवक्ता संजय गर्ग
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Published : Sep 26, 2020, 6:37 PM IST

सहारनपुर: राज्यसभा और लोकसभा में पास हो चुके कृषि विधेयक का किसान और विपक्षी पार्टियां जमकर विरोध कर रही हैं. विधेयक के विरोध में समाजवादी पार्टी ने भी किसानों का समर्थन किया है. सहारनपुर नगर विधायक एवं सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार किसान विरोध है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सपा प्रवक्ता संजय गर्ग

सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने कहा कि कृषि विधेयक से कॉरपोरेट कृषि को बढ़ावा मिलेगा. किसान अपनी जमीन को बेचने पर मजबूर हो जाएगा और किसानों को एमएसपी (न्यनतम समर्थन मूल्य) भी नहीं मिलेगा. संजय गर्ग ने कहा कि सरकार की यह मनमानी किसानों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के बीच 'आपदा में अवसर' ढूंढ रही है.

किसानों की भावनाओं पर हमला कर रही सरकार
सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि विधेयक पारित कराने का निर्णय कॉरपोरेट फार्मिंग की तरफ बढ़ता हुआ कदम है. केंद्र सरकार ने बहुत की अच्छे तरीके से किसानों की भावनाओं पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में गन्ना किसान बकाया भुगतान के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. खेती के लिए आवश्यक सभी सामानों के दाम बढ़ रहे हैं. कालाबाजारी शुरू हो गई है और किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को कृषि बिल लाने के बजाए एमएसपी को बढ़ाना चाहिए.

कैश इंसेंटिव नियम लाते तो किसानों को होता फायदा
संजय गर्ग ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कृषि विधेयक के स्थान पर कैश इंसेंटिव देने पर कोई नियम लाती तो किसानों को थोड़ी राहत मिलती. देश में 88 फीसदी सीमांत किसान हैं. देश का किसान कभी बाढ़ तो कभी सूखे की समस्या से पीड़ित रहता है. बेटी का शादी आदि करने के लिए किसान अपनी फसलों के भरोसे कर्ज लेता है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल से मंडी सिस्टम और आढ़ती सिस्टम खत्म हो जाएगा. साथी ही कॉरपोरेट कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.

किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है यह बिल
संजय गर्ग ने कहा कि सरकार ने बिल में एमएसपी का जिक्र नहीं किया है. मौखिक कहा जा रहा है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया गया है. बड़े उद्योगपतियों को किसानों की जमीन उपलब्ध कराने के लिए बीजेपी सरकार की यह किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है, जिसकी समाजवादी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है. संजय गर्ग ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. इसलिए देश का किसान मजबूत होना चाहिए. कृषि से सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है और लोग परिवार का संचालन कृषि के माध्यम से कर रहे हैं. सरकार ने सीधे रूप से किसान को चुनौती देकर उसकी जेब पर डाका डालने का काम किया है.

किसानों की आय दोगुनी करने का दावा हवा हवाई
संजय गर्ग ने कहा कि मोदी सरकार ने साल 2014 में भी कहा था कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार सात साल में किसानों की आय दोगुनी नहीं कर पाई तो बाकी बचे तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की जमीन पर उद्योगपतियों को लाने का रास्ता साफ करने का काम इस विधेयक के माध्यम से किया है. यह केवल भ्रम पैदा करने की कोशिश कर डेमोक्रेसी को खत्म कर कॉरपोरेट कृषि चलाने का काम करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा और लोकसभा में किसान बिल का विरोध किया है. सपा पूर्ण रूप से किसानों के साथ है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए. खाद, बीज आदि सस्ते होने चाहिए.

सहारनपुर: राज्यसभा और लोकसभा में पास हो चुके कृषि विधेयक का किसान और विपक्षी पार्टियां जमकर विरोध कर रही हैं. विधेयक के विरोध में समाजवादी पार्टी ने भी किसानों का समर्थन किया है. सहारनपुर नगर विधायक एवं सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार किसान विरोध है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सपा प्रवक्ता संजय गर्ग

सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने कहा कि कृषि विधेयक से कॉरपोरेट कृषि को बढ़ावा मिलेगा. किसान अपनी जमीन को बेचने पर मजबूर हो जाएगा और किसानों को एमएसपी (न्यनतम समर्थन मूल्य) भी नहीं मिलेगा. संजय गर्ग ने कहा कि सरकार की यह मनमानी किसानों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के बीच 'आपदा में अवसर' ढूंढ रही है.

किसानों की भावनाओं पर हमला कर रही सरकार
सपा प्रवक्ता संजय गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि विधेयक पारित कराने का निर्णय कॉरपोरेट फार्मिंग की तरफ बढ़ता हुआ कदम है. केंद्र सरकार ने बहुत की अच्छे तरीके से किसानों की भावनाओं पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में गन्ना किसान बकाया भुगतान के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. खेती के लिए आवश्यक सभी सामानों के दाम बढ़ रहे हैं. कालाबाजारी शुरू हो गई है और किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को कृषि बिल लाने के बजाए एमएसपी को बढ़ाना चाहिए.

कैश इंसेंटिव नियम लाते तो किसानों को होता फायदा
संजय गर्ग ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कृषि विधेयक के स्थान पर कैश इंसेंटिव देने पर कोई नियम लाती तो किसानों को थोड़ी राहत मिलती. देश में 88 फीसदी सीमांत किसान हैं. देश का किसान कभी बाढ़ तो कभी सूखे की समस्या से पीड़ित रहता है. बेटी का शादी आदि करने के लिए किसान अपनी फसलों के भरोसे कर्ज लेता है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल से मंडी सिस्टम और आढ़ती सिस्टम खत्म हो जाएगा. साथी ही कॉरपोरेट कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.

किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है यह बिल
संजय गर्ग ने कहा कि सरकार ने बिल में एमएसपी का जिक्र नहीं किया है. मौखिक कहा जा रहा है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया गया है. बड़े उद्योगपतियों को किसानों की जमीन उपलब्ध कराने के लिए बीजेपी सरकार की यह किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है, जिसकी समाजवादी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है. संजय गर्ग ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. इसलिए देश का किसान मजबूत होना चाहिए. कृषि से सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है और लोग परिवार का संचालन कृषि के माध्यम से कर रहे हैं. सरकार ने सीधे रूप से किसान को चुनौती देकर उसकी जेब पर डाका डालने का काम किया है.

किसानों की आय दोगुनी करने का दावा हवा हवाई
संजय गर्ग ने कहा कि मोदी सरकार ने साल 2014 में भी कहा था कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार सात साल में किसानों की आय दोगुनी नहीं कर पाई तो बाकी बचे तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की जमीन पर उद्योगपतियों को लाने का रास्ता साफ करने का काम इस विधेयक के माध्यम से किया है. यह केवल भ्रम पैदा करने की कोशिश कर डेमोक्रेसी को खत्म कर कॉरपोरेट कृषि चलाने का काम करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा और लोकसभा में किसान बिल का विरोध किया है. सपा पूर्ण रूप से किसानों के साथ है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए. खाद, बीज आदि सस्ते होने चाहिए.

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