सहारनपुर: प्रदेश में इन दिनों MP/MLA अदालत का चाबुक बदजुबान नेताओं पर चल रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान बदजुबानी कर आदर्श चुनाव आचार संहिता का मखौल उड़ाने और भड़काऊ भाषण देने के मामलों में MP/MLA अदालत फैसले सुना रही है. अदालत के इन ऐतिहासिक फैसलों से जहां यूपी के 2 विधायकों की विधायकी निरस्त हो गई. वहीं कई विधायकों पर अभी भी तलवार लटकी हुई है.
सहारनपुर की MP/MLA अदालत ने देवबंद से पूर्व विधायक माविया अली के खिलाफ फैसाला सुनाया है. अदालत ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में न सिर्फ गैर जमानती वारंट जारी किये बल्कि अदालत में पेश नहीं होने पर पूर्व विधायक माविया अली की संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया है. एमपी/एमएलए न्यायाधीश ने कुर्की नोटिस के साथ माविया अली को 7 दिसंबर तक कोर्ट में तलब किया है. आरोप है कि माविया अली ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी के रूप में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था.
दरअसल, 2015 में पूर्व मंत्री राजेन्द्र राणा की मौत के बाद देवबंद सीट पर उपचुनाव हुआ था. देवबंद निवासी माविया अली कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। जिसके बाद 2017 में माविया अली को सपा ने प्रत्याशी बनाया था. यानी माविया अली देवबंद सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में लड़े थे. 13 फरवरी 2017 को देवबंद कोतवाली पर तैनात सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने पूर्व विधायक माविया अली के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था.
2017 में किये गए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन यह मुकदमा MP/MLA की स्पेशल कोर्ट में चल रहा है. विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह ने बताया कि उक्त मामले में माविया अली ने अभी तक जमानत नहीं कराई. इतना ही नहीं माविया अली न्यायालय में भी हाजिर नहीं हुए.
उन्होंने बताया कि इस मामले में सितंबर में माविया अली के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए थे. बावजूद इसके वह कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके चलते MP/MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मयंक प्रकाश ने उनके खिलाफ कुर्की नोटिस जारी किया है. साथ 7 दिसंबर तक अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं. वहीं पूर्व विधायक माविया अली का कहना है कि अभी तक उसके पास ऐसा कोई नोटिस नही पहुंचा है. नोटिस मिलेगा तो वे अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे.
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