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एक फिजिशियन के सहारे चल रहा सहारनपुर जिला अस्पताल

कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में सरकार मेडिकल सिस्टम को दुरुस्त करने में जुटी है. इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है. सहारनपुर जैसे बड़े जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सिर्फ एक ही फिजीशियन तैनात है. हालात ये हैं कि एक मात्र डॉक्टर पर रोज पांच सौ से अधिक मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी है.

only one physician appointed in saharanpur district hospital
पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.
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Published : Jul 5, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है, वहीं डॉक्टरों की भारी कमी सरकार के दावों की पोल खोल रही है. आलम यह है कि 34 लाख की आबादी वाले सहारनपुर का जिला अस्पताल एक ही फिजिशियन के सहारे चल रहा है. यहां आए दिन 500 से ज्यादा मरीज फिजिशियन को दिखाने पहुंच रहे हैं. फिजिशियन की कमी से न सिर्फ डॉक्टर को मरीज देखने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि मरीजों को भी लंबी लाइनों में लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.


कई मर्ज के रोगी अव्यवस्था के शिकार
जिला अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज फिजिशियन डॉक्टर को दिखाने आ रहे हैं, लेकिन यहां केवल एक ही फिजिशियन डॉक्टर है, वो भी संविदा पर तैनात हैं. उनके कंधों पर ओपीडी के साथ भर्ती किये गए मरीजों की देखभाल और इमरजेंसी का बोझ भी रहता है. फिजिशियन डॉक्टर से इलाज कराने वाले मरीजों की सुबह से ही लंबी लाइन लग जाती है, जिनका अकेले फिजिशियन डॉक्टर अनिल बोहरा मजबूरी में इलाज कर रहे हैं. यहां मरीजों को डॉक्टर को दिखाने के लिए घन्टों तक लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है. डॉक्टर को दिखाने आये मरीजों ने ईटीवी भारत को बताया कि फिजिशियन डॉक्टर की कमी होने से सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है. इस कमी का शिकार शुगर, ब्लड प्रेशर, खांसी, बुखार, हार्ट के मरीज भी हो रहे हैं.

only one physician appointed in saharanpur district hospital
पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.

कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय लगा रहे इंजेक्शन
डॉक्टरों की कमी के अलावा स्टाफ भी मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं. डॉक्टरों व पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं. मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में एक ही फिजिशियन डॉक्टर है. इससे मरीजों की पूरी तरह से देखभाल नहीं हो पा रही है. अस्पताल में मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ती जा रही है कि चार डॉक्टर भी कम पड़ जाएंगे. अकेले डॉक्टर भर्ती मरीजों में राउंड लगाने चले जाते हैं, तो ओपीडी में आये मरीजों को परेशानी हो जाती है. वहीं मरीजों का कहना है कि उन्हें एक से दो घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता है.

only one physician appointed in saharanpur district hospital
पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.

डॉक्टरों की कमी को लेकर प्रमुख सचिव को भेजा गया है पत्र
डॉ. बोहरा का कहना है कि जितने भी मरीज आएंगे, उनका इलाज करना ही है. डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर कमेंट करना उनके लिए संभव नहीं है. इस मामले पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. डॉक्टरों की इस कमी को सीएमओ और जिला महिला अस्पताल की सीएमएस के माध्यम से पूरी करने की कोशिश की जा रही है. डॉक्टरों की कमी होने के बावजूद भी वे पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं. उन्होंने एक और फिजिशियन डॉक्टर के लिए प्रमुख सचिव को मांग पत्र भेजा है. संभावना है कि जल्द ही एक और फिजिशियन डॉक्टर सहारनपुर अस्पताल को मिल जाएगा.

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है, वहीं डॉक्टरों की भारी कमी सरकार के दावों की पोल खोल रही है. आलम यह है कि 34 लाख की आबादी वाले सहारनपुर का जिला अस्पताल एक ही फिजिशियन के सहारे चल रहा है. यहां आए दिन 500 से ज्यादा मरीज फिजिशियन को दिखाने पहुंच रहे हैं. फिजिशियन की कमी से न सिर्फ डॉक्टर को मरीज देखने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि मरीजों को भी लंबी लाइनों में लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.


कई मर्ज के रोगी अव्यवस्था के शिकार
जिला अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज फिजिशियन डॉक्टर को दिखाने आ रहे हैं, लेकिन यहां केवल एक ही फिजिशियन डॉक्टर है, वो भी संविदा पर तैनात हैं. उनके कंधों पर ओपीडी के साथ भर्ती किये गए मरीजों की देखभाल और इमरजेंसी का बोझ भी रहता है. फिजिशियन डॉक्टर से इलाज कराने वाले मरीजों की सुबह से ही लंबी लाइन लग जाती है, जिनका अकेले फिजिशियन डॉक्टर अनिल बोहरा मजबूरी में इलाज कर रहे हैं. यहां मरीजों को डॉक्टर को दिखाने के लिए घन्टों तक लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है. डॉक्टर को दिखाने आये मरीजों ने ईटीवी भारत को बताया कि फिजिशियन डॉक्टर की कमी होने से सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है. इस कमी का शिकार शुगर, ब्लड प्रेशर, खांसी, बुखार, हार्ट के मरीज भी हो रहे हैं.

only one physician appointed in saharanpur district hospital
पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.

कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय लगा रहे इंजेक्शन
डॉक्टरों की कमी के अलावा स्टाफ भी मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं. डॉक्टरों व पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं. मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में एक ही फिजिशियन डॉक्टर है. इससे मरीजों की पूरी तरह से देखभाल नहीं हो पा रही है. अस्पताल में मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ती जा रही है कि चार डॉक्टर भी कम पड़ जाएंगे. अकेले डॉक्टर भर्ती मरीजों में राउंड लगाने चले जाते हैं, तो ओपीडी में आये मरीजों को परेशानी हो जाती है. वहीं मरीजों का कहना है कि उन्हें एक से दो घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता है.

only one physician appointed in saharanpur district hospital
पैरामेडिक स्टाफ की जगह कंपाउंडर और वार्ड ब्वॉय इंजेक्शन लगा रहे हैं.

डॉक्टरों की कमी को लेकर प्रमुख सचिव को भेजा गया है पत्र
डॉ. बोहरा का कहना है कि जितने भी मरीज आएंगे, उनका इलाज करना ही है. डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर कमेंट करना उनके लिए संभव नहीं है. इस मामले पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. डॉक्टरों की इस कमी को सीएमओ और जिला महिला अस्पताल की सीएमएस के माध्यम से पूरी करने की कोशिश की जा रही है. डॉक्टरों की कमी होने के बावजूद भी वे पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं. उन्होंने एक और फिजिशियन डॉक्टर के लिए प्रमुख सचिव को मांग पत्र भेजा है. संभावना है कि जल्द ही एक और फिजिशियन डॉक्टर सहारनपुर अस्पताल को मिल जाएगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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