सहारनपुर: एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण को रोकने के लगातार दावे कर रहा है, वहीं सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल रही है, बल्कि बाहर से आने वाले मरीजों में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है.
जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए न तो सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था है और न ही हाथ धोने के लिए साबुन का इंतजाम किया गया है. दिनभर में 400 से ज्यादा मरीज इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इसके बावजूद मरीजों और तीमारदारों की भीड़ को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे कोरोना को रोकने की बजाय संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना हुआ है.
जिले में कोरोना के 220 मरीज पॉजिटिव मामले पाए गए हैं. शासन के आदेश पर सभी अस्पतालों में ओपीडी बंद कर इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सभी अस्पतालों में आने वाले मरीजों-तीमारदारों के हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हुए हैं.
वहीं इलाज से पहले मरीजों-तीमारदारों के हाथ धुलवाना या सैनिटाइज करना अनिवार्य किया गया है, जिससे मरीजों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके. ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में पहुंचकर इस बारे में पड़ताल की. यह पाया गया कि पूरे अस्पताल में कही भी न तो सैनिटाइजर की व्यवस्था मिली और न कहीं मरीजों के हाथ धुलवाए जा रहे हैं. मेन गेट से लेकर सभी वार्डों तक सब जगह बदइंतजामी ही मिली. मरीजों की भीड़ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालने करवाने के लिए भी कोई पुलिस कर्मी भी तैनात नहीं मिला.
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कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों के हाथ धुलवाए जा रहे हैं. सभी मरीजों की थर्मल स्कैनिंग कर इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर के पास भेजा जा रहा है. इसके अलावा पूरे अस्पताल को हर 4 घंटे बाद सैनिटाइज किया जाता है. बाहर से आने वाले मरीजों के हाथ सैनिटाइज किये जाते हैं. बिना मॉस्क के अस्पताल में एंट्री नहीं की जाती है. सोशल डिस्टेंस का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.
डॉ. एसके वार्ष्णेय, सीएमएस