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चुनाव से पहले कांग्रेस नेता इमरान मसूद होंगे साइकिल पर सवार... - latest news of congress

आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में पश्चिमी यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. यहां के दिग्गज कांग्रेस नेता इमरान मसूद हाथ का साथ छोड़कर साइकिल की सवारी करने जा रहे हैं.

इमरान मसूद
इमरान मसूद
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Published : Jan 8, 2022, 3:02 PM IST

सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में चुनाव से पहले हलचल देखी जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं मुस्लिम कद्दावर नेता कहे जाने वाले इमरान मसूद खेमे में कई दिनों से लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. इमरान मसूद अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.

सियासी गलियारों में चर्चा है कि इमरान मसूद अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर साइकिल की सवारी करने जा रहे हैं. इसके लिए वे लखनऊ में अखिलेश यादव से कई बार मुलाकात कर चुके हैं. इमरान मसूद के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सहारनपुर समेत पश्चिमी के कई जिलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं.

सूत्रों की माने तो सहारनपुर देहात से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर औऱ इमरान मसूद भी सपा में जाने की तैयारी कर चुके हैं. हालांकि बेहट विधायक नरेश सैनी कांग्रेस छोड़ने की बात पहले ही नकार चुके हैं.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगने जा रहा है. अपने बयानों के चलते चर्चाओं में रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक 11 जनवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में वह सपा ज्वाइन कर सकते हैं. इमरान मसूद पांच जनवरी को लखनऊ में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करके लौटे हैं.

सपा प्रमुख से मुलाकात के बाद सहारनपुर में समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में समर्थकों से सपा में शामिल होने को लेकर मशविरा कर रहे हैं. जानकारी यह भी मिल रही है कि इमरान मसूद दो जनवरी को बसपा नेताओं से भी मिलकर आये हैं लेकिन बसपा में टिकट को लेकर बात नही बनी.


सूत्रों के मुताबिक इमरान मसूद दस जनवरी को कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बड़ी मीटिंग करने जा रहे हैं. इस मीटिंग में समर्थकों एवं साथियों की सहमति के बाद 11 जनवरी को सपा में शामिल होने का प्लान बनाया जा रहा है. इमरान मसूद की बैठकों के बाद जहां सियासी गलियारों में चहल कदमी देखी जा रही है, वहीं पांच जनवरी को अखिलेश यादव से हुई लंबी मुलाकात से फाइनल मुहर लगती दिखाई दे रही है.

ये भी पढ़ेंः नुक्कड़ सभा में लगे नारे, दलित-मुस्लिम साथ चलेगा, बाबर जैसा राज चलेगा


पश्चिमी यूपी की राजनीति का बड़े कद हैं मसूद


इमरान मसूद पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा कद माने जाते हैं. वह कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं. 2007 के विधानसभा एवं 2014 के लोकसभा चुनाव, 2019 का लोकसभा चुनाव वे लड़ चुके हैं लेकिन 2007 को छोड़कर हर बार करारी हार का सामना करना पड़ा.

हालांकि 2007 के विधानसभा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फराबाद ( वर्तमान में बेहट ) सीट से पहली एवं आखिरी बार विधायक चुने गए थे. उस वक्त इमरान मसूद ने सपा के मंत्री जगदीश राणा को हराया था. इमरान मसूद नगर पालिका होते हुए सहारनपुर में नारपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

कांग्रेस हाईकमान ने इमरान मसूद को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था इसके बाद प्रिंयका गांधी ने राष्ट्रीय सचिव के साथ दिल्ली प्रभारी की जिम्मेदारी दी हुई थी लेकिन कुछ दिनों से इमरान मसूद सपा सरकार के गुणगान कर रहे थे.

इमरान मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पश्चमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कद्दावर नेता स्व. काजी रशीद मसूद के भतीजे हैं. फिलहाल इमरान मसूद अपने चाचा की ही विरासत संभाले हुए है. खास बात ये है कि इमरान मसूद भी मुस्लिम मतदाताओं पर अपनी खासी पकड़ रखते हैं. हालांकि इमरान मसूद लगातार चार बार चुनाव हार चुके हैं. इस बाबत इमरान मसूद से बात करनी चाही तो उन्होंने शहर से बाहर होने की बात कही.

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सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में चुनाव से पहले हलचल देखी जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं मुस्लिम कद्दावर नेता कहे जाने वाले इमरान मसूद खेमे में कई दिनों से लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. इमरान मसूद अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.

सियासी गलियारों में चर्चा है कि इमरान मसूद अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर साइकिल की सवारी करने जा रहे हैं. इसके लिए वे लखनऊ में अखिलेश यादव से कई बार मुलाकात कर चुके हैं. इमरान मसूद के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सहारनपुर समेत पश्चिमी के कई जिलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं.

सूत्रों की माने तो सहारनपुर देहात से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर औऱ इमरान मसूद भी सपा में जाने की तैयारी कर चुके हैं. हालांकि बेहट विधायक नरेश सैनी कांग्रेस छोड़ने की बात पहले ही नकार चुके हैं.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगने जा रहा है. अपने बयानों के चलते चर्चाओं में रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक 11 जनवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में वह सपा ज्वाइन कर सकते हैं. इमरान मसूद पांच जनवरी को लखनऊ में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करके लौटे हैं.

सपा प्रमुख से मुलाकात के बाद सहारनपुर में समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में समर्थकों से सपा में शामिल होने को लेकर मशविरा कर रहे हैं. जानकारी यह भी मिल रही है कि इमरान मसूद दो जनवरी को बसपा नेताओं से भी मिलकर आये हैं लेकिन बसपा में टिकट को लेकर बात नही बनी.


सूत्रों के मुताबिक इमरान मसूद दस जनवरी को कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बड़ी मीटिंग करने जा रहे हैं. इस मीटिंग में समर्थकों एवं साथियों की सहमति के बाद 11 जनवरी को सपा में शामिल होने का प्लान बनाया जा रहा है. इमरान मसूद की बैठकों के बाद जहां सियासी गलियारों में चहल कदमी देखी जा रही है, वहीं पांच जनवरी को अखिलेश यादव से हुई लंबी मुलाकात से फाइनल मुहर लगती दिखाई दे रही है.

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पश्चिमी यूपी की राजनीति का बड़े कद हैं मसूद


इमरान मसूद पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा कद माने जाते हैं. वह कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं. 2007 के विधानसभा एवं 2014 के लोकसभा चुनाव, 2019 का लोकसभा चुनाव वे लड़ चुके हैं लेकिन 2007 को छोड़कर हर बार करारी हार का सामना करना पड़ा.

हालांकि 2007 के विधानसभा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फराबाद ( वर्तमान में बेहट ) सीट से पहली एवं आखिरी बार विधायक चुने गए थे. उस वक्त इमरान मसूद ने सपा के मंत्री जगदीश राणा को हराया था. इमरान मसूद नगर पालिका होते हुए सहारनपुर में नारपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

कांग्रेस हाईकमान ने इमरान मसूद को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था इसके बाद प्रिंयका गांधी ने राष्ट्रीय सचिव के साथ दिल्ली प्रभारी की जिम्मेदारी दी हुई थी लेकिन कुछ दिनों से इमरान मसूद सपा सरकार के गुणगान कर रहे थे.

इमरान मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पश्चमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कद्दावर नेता स्व. काजी रशीद मसूद के भतीजे हैं. फिलहाल इमरान मसूद अपने चाचा की ही विरासत संभाले हुए है. खास बात ये है कि इमरान मसूद भी मुस्लिम मतदाताओं पर अपनी खासी पकड़ रखते हैं. हालांकि इमरान मसूद लगातार चार बार चुनाव हार चुके हैं. इस बाबत इमरान मसूद से बात करनी चाही तो उन्होंने शहर से बाहर होने की बात कही.

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