सहारनपुर: साल 2020 में कोरोना महामारी में लाॅकडाउन के दौरान साइकिल प्रवासी मजदूरों की सारथी बनी थी. उस वक्त दूसरे प्रदेशों से जो मजदूर सहारनपुर लौटे या यहां से होकर गुजरे थे उनकी 5400 साइकिलें जब्त कर ली गई थीं. लाॅकडाउन हटने के बाद और हालात सामान्य होने पर भी लोग साइकिल लेने नहीं आए. इसका नतीजा ये हुआ कि करीब 2 साल से पड़ी साइकिलें जंग खाकर खराब हो गईं. साइकिल के दावेदार नहीं आने पर बीते दिनों जिला प्रशासन ने इन्हें नीलाम करने की घोषणा की थी, जिसके बाद 3 जून शुक्रवार को सभी साइकिल 21 लाख 20 हजार रुपये में नीलाम कर दी गईं.
देश में कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में सम्पूर्ण लॉक डाउन लगा दिया गया था. इसके चलते देशभर के सभी बाजारों और फैक्ट्रियों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. यहां तक की यातायात के सभी साधनों को भी ठप कर दिया गया था. इस स्थिति से जो व्यक्ति जहां पर था वह वहीं पर फंस गया था. जब लोग भूख से तड़पने लगे तो अपने-अपने घरों की तरफ पैदल और साइकिल से निकल पड़े. बड़ी तादाद में सहारनपुर और उसके आसपास के जिलों के मजदूर भी साइकिल से लौट रहे थे.
दूसरे प्रदेशों से लौटे मजदूरों से कोरोना फैलने के बढ़ते खतरे से बचने के लिए सहारनपुर जिला प्रशासन ने जनपद से गुजरने वाले सभी मजदूरों को राधा स्वामी सत्संग भवन में क्वारंटीन कर दिया था. इसके अलावा उस सभी की साइकिलों को भी यहीं के खाली पार्क में जमा करा लिया गया था. उस वक्त कुल 5400 साइकिलें प्रशासन ने जब्त की थीं. बाद में प्रशासन ने मजदूरों को बसों या दूसरे माध्यमों से घर तक पहुंचाया था.
कोरोना महामारी का प्रसार कम होने और लाॅकडाउन खत्म होने के बाद जिला प्रशासन साइकिल मालिकों का इंतजार कर रहा था, कि वह आएंगे और अपनी साइकिल ले जाएंगे. लेकिन, साइकिलों को पड़े-पड़े दो साल हो गए पर लेने वाला कोई नहीं आया. प्रशासन ने कई बार साइकिल मालिकों से संपर्क भी किया, लेकिन कोई साइकिल लेने नहीं पहुंचा. ऐसे में जंग खा रहीं साइकिलों को जिला प्रशासन ने नीलाम करने की तैयारी की. बीते महीने इसके लिए निविदा भी निकाली गई. इसी क्रम में बीते 3 जून शुक्रवार को 5400 साइकिलों को 21 लाख 20 हजार रुपये में नीलाम कर दिया गया. यह रकम राजस्व विभाग में जमा करा दी गई है.
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि लॉक डाउन के समय में दूसरे राज्यों से लौट रहे मजदूरों को राधा स्वामी सत्संग भवन में रोका गया था. जहां से उन्हें बसों द्वारा उनके घर भिजवाया गया था. जिससे मजदूरों की साइकिलों को जमा कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि सत्संग भवन पदाधिकारियों से सभी मजदूरों के नंबर भी लिए गए थे. जो मजदूर साइकिल लेने नहीं पहुंचे उनको फोन किया गया. जिलाअधिकारी ने कहा की दूर होने के कारण मजदूरों ने साइकिल ले जाने में कोई तवज्जो नहीं दिखाई. इस कारण इन 5400 साइकिलों को नीलाम कर दिया गया.
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