ETV Bharat / state

सहारनपुर: अष्टमी के पावन पर्व पर अन्नपूर्णा मन्दिर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - annapurna temple

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में अष्टमी के अवसर माता अन्नपूर्णा मन्दिर में श्रद्धालुओं की भारी सख्या में भीड़ लगी रही. यह व्रत कार्तिक मास की पूर्णिमा से अगहन की चौदस तक 29 दिन के होता है. 29 दिनों में से किसी भी 21 दिन का व्रत करके माता अन्नपूर्णा को प्रसन्न किया जा सकता है.

ETV Bharat
​​​​​​​माता को भोग लगाकर किया व्रत का उद्यापन
author img

By

Published : Dec 4, 2019, 12:15 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: अष्टमी के अवसर पर नगर के माता अन्नपूर्णा मन्दिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. सभी श्रद्धालुओं ने माता को भोग लगाया और अपने व्रत का उद्यापन किया. पिछले 21 दिनों से श्रद्धालु व्रत रख रहे थे.

​​​​​​​माता को भोग लगाकर किया व्रत का उद्यापन.
माता को भोग लगाकर किया व्रत का उद्यापन
  • अष्टमी के अवसर माता अन्नपूर्णा मन्दिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी.
  • अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की पूर्णिमा से अगहन की चौदस पर 29 दिन का होता है.
  • 29 दिनों में से कोई भी 21 दिन का व्रत करके माता अन्नपूर्णा को प्रसन्न किया जा सकता है.
  • माता अन्नपूर्णा को भोग लगाकर अपनी-अपनी मन्नतें मांगी जाती हैं.
  • देवबंद नगर के देवीकुंड स्थित माता अन्नपूर्णा मन्दिर पर श्रद्धालुओं ने अपने व्रतों का उद्यापन किया.
  • इस अवसर पर मन्दिर परिसर महिला श्रद्धालुओं से भरा रहा.

इसे भी पढ़ें-सहारनपुर: झटपट कनेक्शन योजना के तहत दिए जाएंगे बिजली कनेक्शन

माता अन्नपूर्णा की रहेगी सदा अन्न पर कृपा

  • कार्तिक मास का व्रत पूर्णिमा से अगहन की चौदस तक 29 दिन के होते है.
  • कार्तिक मास का यह अवसर केवल साल में एक बार ही आता है.
  • कार्तिक मास के व्रत को करने वालो को कभी भी भूखा सोना नहीं पड़ता, माता अन्नपूर्णा उन पर सदा अन्न की कृपा बनाये रखती है.
  • सृष्टि रचने के बाद मनुष्य को खाने के लिए भगवान भोले शंकर ने माता अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा मांगी थी.
  • माता ने भगवान को चावल का दान दिया था तब से ही सृष्टि के लोगों को अन्न खाने को मिला.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: 6 दिसंबर को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट, DM बोले अफवाहों पर न दें ध्यान

सहारनपुर: अष्टमी के अवसर पर नगर के माता अन्नपूर्णा मन्दिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. सभी श्रद्धालुओं ने माता को भोग लगाया और अपने व्रत का उद्यापन किया. पिछले 21 दिनों से श्रद्धालु व्रत रख रहे थे.

​​​​​​​माता को भोग लगाकर किया व्रत का उद्यापन.
माता को भोग लगाकर किया व्रत का उद्यापन
  • अष्टमी के अवसर माता अन्नपूर्णा मन्दिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी.
  • अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की पूर्णिमा से अगहन की चौदस पर 29 दिन का होता है.
  • 29 दिनों में से कोई भी 21 दिन का व्रत करके माता अन्नपूर्णा को प्रसन्न किया जा सकता है.
  • माता अन्नपूर्णा को भोग लगाकर अपनी-अपनी मन्नतें मांगी जाती हैं.
  • देवबंद नगर के देवीकुंड स्थित माता अन्नपूर्णा मन्दिर पर श्रद्धालुओं ने अपने व्रतों का उद्यापन किया.
  • इस अवसर पर मन्दिर परिसर महिला श्रद्धालुओं से भरा रहा.

इसे भी पढ़ें-सहारनपुर: झटपट कनेक्शन योजना के तहत दिए जाएंगे बिजली कनेक्शन

माता अन्नपूर्णा की रहेगी सदा अन्न पर कृपा

  • कार्तिक मास का व्रत पूर्णिमा से अगहन की चौदस तक 29 दिन के होते है.
  • कार्तिक मास का यह अवसर केवल साल में एक बार ही आता है.
  • कार्तिक मास के व्रत को करने वालो को कभी भी भूखा सोना नहीं पड़ता, माता अन्नपूर्णा उन पर सदा अन्न की कृपा बनाये रखती है.
  • सृष्टि रचने के बाद मनुष्य को खाने के लिए भगवान भोले शंकर ने माता अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा मांगी थी.
  • माता ने भगवान को चावल का दान दिया था तब से ही सृष्टि के लोगों को अन्न खाने को मिला.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: 6 दिसंबर को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट, DM बोले अफवाहों पर न दें ध्यान

Intro:अष्टमी के अवसर पर नगर के माता अन्नपूर्णा मन्दिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़। सभी श्रद्धालुओं ने माता को भोग लगाकर किया अपने व्रतों का उदयापन। पिछले 21 दिनों से श्रद्धालु रख रहे थे व्रत।


Body:अष्टमी के अवसर पर नगर के माता अन्नपूर्णा मन्दिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़। सभी श्रद्धालुओं ने माता को भोग लगाकर किया अपने व्रतों का उदयापन। पिछले 21 दिनों से श्रद्धालु रख रहे थे व्रत।
देवबंद नगर के देवीकुंड स्थित माता अन्नपूर्णा मन्दिर पर श्रद्धालुओं ने अपने व्रतों का उदयापन किया, ओर माता अन्नपूर्णा को भोग लगाकर अपनी अपनी मन्नते मांगी। इस अवसर पर मन्दिर परिसर महिला श्रद्धालुओं से भरा रहा। आपको बता दे कि यह व्रत कार्तिक मास की पूर्णिमा से अगहन की चौदस तक 29 दिन के होते है। इन 29 दिनों में से कोई भी 21 दिन का व्रत करके माता अन्नपूर्णा को प्रसन्न किया जा सकता है। यह अवसर केवल साल में एक बार ही आता है। इस व्रत को करने वालो को कभी भी भूखा सोना नही पड़ता, माता अन्नपूर्णा उन पर सदा अन्न की कृपा बनाये रखती है। सृष्टि रचने के बाद मनुष्य के खाने के लिए भगवान भोले शंकर ने माता अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा मांगी थी ,जिस पर माता ने भगवान को चावल का दान दिया था। जब से ही सृष्टि के लोगो को अन्न खाने को मिला था। माता अन्नपूर्णा की महिमा जो लोग जानते है वो आज भी अपनी फसल का पहला भोग माता अन्नपूर्णा को लगते है , उसके बाद ही वे उन्हें बाज़ारो में बेचते है। देवीकुंड स्थित माता अन्नपूर्णा मन्दिर पर आसपास के इलाके के अलावा काफी दूर दराज के इलाके वाले भी माता की पूजा अर्चना करने आते है ।



Conclusion:बलवीर सैनी
देवबन्द , सहारनपुर
मोबाईल 9319488130
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.