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रामपुर: पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को 3 महीने की सजा, जानें मामला...

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Published : Aug 2, 2022, 7:16 AM IST

Updated : Aug 2, 2022, 1:35 PM IST

रामपुर की अदालत (Rampur Court) ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन (Election Code of Conduct) के मुकदमे में रामपुर नवाब और पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को 3 माह कैद की सजा सुनाई है.

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां.
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां.

रामपुर: आचार संहिता उल्लंघन मामले में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) कोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को 3 माह के साधारण कारावास और 1 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. सजा के बाद नवेद मियां के अधिवक्ता ने अपील दाखिल होने तक जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नवेद मियां को अपील दाखिल होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है. इस दौरान नवेद मियां कोर्ट में आधा घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे. जमानती दाखिल होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

जानकारी देते वकील संदीप सक्सेना.

पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता नवेद मियां ने 25 अक्टूबर 2015 को अजीमनगर थाना क्षेत्र के सोनकपुर गांव में एक सीसी रोड का उद्घाटन किया था. उस समय पंचायत चुनाव के मध्य आचार संहिता लगी हुई थी. इस मामले में तत्कालीन खंड विकास अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. जिसके बाद सोमवार को पूर्व मंत्री को 3 माह का साधारण कारावास और 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसके बाद उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इस मामले में उनको कोर्ट से जमानत मिल गई. वहीं नवेद मियां का कहना है कि उन्हें राजनैतिक द्वेष भावना से इस मामले में फंसाया गया था.

नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के वकील संदीप सक्सेना ने बताया कि मामला आचार संहिता से संबंधित है. जब यहां समाजवादी की सरकार थी. उस समय सरकार के दबाव में नवाब काजिम अली खां के खिलाफ एक आचार संहिता का मुकदमा लिखा गया जो कि झूठे तत्व पर आधारित था. इस मुकदमे में गवाही हुई गवाह लोगों से जिरह किया गया. जिरह के बाद बहस हुई बहस के बाद आज निर्णय ये आया की आचार संहिता में उन्हें दोषी पाया गया और 3 माह की सजा और ₹1000 आर्थिक दंड में उन्हें सजा सुनाई गई. आर्थिक दंड जमा किया जा चुका है और जो 3 महीने की सजा है उसके खिलाफ हम न्यायालय में अपील करेंगे और हमें पूर्ण विश्वास है कि हम वहां से बाइज्जत बरी होंगे और जो भी न्यायालय की प्रक्रिया होती है उसका हमने सम्मान किया है और हमेशा सम्मान करते रहेंगे. यह 2015 में दर्ज हुआ था और 2017 में रजिस्टर्ड हुआ है इसमें बेल हो गई है क्योंकि जो सजा है इस प्रोविजन में उसमें बेल हमें हाथ के हाथ मिल जाती है. गौरतलब है कि नवाब काजिम अली खां 4 बार विधायक और बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

इसे भी पढे़ं- नवाब काजिम अली खां ने आजम खान पर किया पलटवार, बोले-किन्नरों के साथ उनके तालुकात

रामपुर: आचार संहिता उल्लंघन मामले में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) कोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को 3 माह के साधारण कारावास और 1 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. सजा के बाद नवेद मियां के अधिवक्ता ने अपील दाखिल होने तक जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नवेद मियां को अपील दाखिल होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है. इस दौरान नवेद मियां कोर्ट में आधा घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे. जमानती दाखिल होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

जानकारी देते वकील संदीप सक्सेना.

पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता नवेद मियां ने 25 अक्टूबर 2015 को अजीमनगर थाना क्षेत्र के सोनकपुर गांव में एक सीसी रोड का उद्घाटन किया था. उस समय पंचायत चुनाव के मध्य आचार संहिता लगी हुई थी. इस मामले में तत्कालीन खंड विकास अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. जिसके बाद सोमवार को पूर्व मंत्री को 3 माह का साधारण कारावास और 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसके बाद उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इस मामले में उनको कोर्ट से जमानत मिल गई. वहीं नवेद मियां का कहना है कि उन्हें राजनैतिक द्वेष भावना से इस मामले में फंसाया गया था.

नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के वकील संदीप सक्सेना ने बताया कि मामला आचार संहिता से संबंधित है. जब यहां समाजवादी की सरकार थी. उस समय सरकार के दबाव में नवाब काजिम अली खां के खिलाफ एक आचार संहिता का मुकदमा लिखा गया जो कि झूठे तत्व पर आधारित था. इस मुकदमे में गवाही हुई गवाह लोगों से जिरह किया गया. जिरह के बाद बहस हुई बहस के बाद आज निर्णय ये आया की आचार संहिता में उन्हें दोषी पाया गया और 3 माह की सजा और ₹1000 आर्थिक दंड में उन्हें सजा सुनाई गई. आर्थिक दंड जमा किया जा चुका है और जो 3 महीने की सजा है उसके खिलाफ हम न्यायालय में अपील करेंगे और हमें पूर्ण विश्वास है कि हम वहां से बाइज्जत बरी होंगे और जो भी न्यायालय की प्रक्रिया होती है उसका हमने सम्मान किया है और हमेशा सम्मान करते रहेंगे. यह 2015 में दर्ज हुआ था और 2017 में रजिस्टर्ड हुआ है इसमें बेल हो गई है क्योंकि जो सजा है इस प्रोविजन में उसमें बेल हमें हाथ के हाथ मिल जाती है. गौरतलब है कि नवाब काजिम अली खां 4 बार विधायक और बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

इसे भी पढे़ं- नवाब काजिम अली खां ने आजम खान पर किया पलटवार, बोले-किन्नरों के साथ उनके तालुकात

Last Updated : Aug 2, 2022, 1:35 PM IST
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