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दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या, राज्यमंत्री बोले- दिलाएंगे मुआवजा

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Published : Jan 2, 2021, 9:00 PM IST

दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध के दौरान शौचालय में रामपुर के किसान के फांसी लगा ली. इसी को लेकर रामपुर के किसानों में रोष है. मृतक के परिजनों से मुलाकात के लिए पहुंचे राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि वह पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे.

कश्मीर सिंह (फाइल फोटो)
कश्मीर सिंह (फाइल फोटो)

रामपुर: कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बार्डर पर धरना कर रहे जिले के 60 वर्षीय बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली. तहसील के बिलासपुर के पसिया पूरा गांव निवासी कश्मीर सिंह पिछले कई दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. कश्मीर सिंह की आत्महत्या की खबर से जिले भर में शोक की लहर है. आत्महत्या की सूचना मिलते ही राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख मृतक किसान के गांव पहुंचे. यहां राज्य मंत्री ने मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात करके उनको ढांढस बंधाया. बता दें कि अब तक कृषि कानून के विरोध में तीन किसानों की मौत हो चुकी है.

प्रतिक्रिया देते राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख.

गुरुद्वारा सुख सागर साहिब पीपल कोटा में सेवादार थे कश्मीर सिंह

कश्मीर सिंह गुरुद्वारा सुख सागर साहिब पीपल कोटा, जिला चमोली हेमकुंड साहिब में सेवादार के रूप में सेवा करते थे. वह मूल रूप से रामपुर की तहसील बिलासपुर के पसिया पूरा गांव के निवासी थे. कश्मीर सिंह पिछले कई दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ धरने पर बैठे हुए थे. आज सुबह उन्होंने किन्ही कारणों से आत्महत्या कर ली.

पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए करेंगे बात
इस दौरान मृतक किसान के परिवार को मुआवजे की बात पर राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि वह अपनी सरकार से मृतक किसान के परिवार वालों को मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे.

वहीं किसान नेता राम बहादुर सिंह ने कहा धरने में उनसे अत्याचार नहीं सहा गया इसलिए उन्होंने अपने आप को शहीद कर लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले.

रामपुर: कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बार्डर पर धरना कर रहे जिले के 60 वर्षीय बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली. तहसील के बिलासपुर के पसिया पूरा गांव निवासी कश्मीर सिंह पिछले कई दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. कश्मीर सिंह की आत्महत्या की खबर से जिले भर में शोक की लहर है. आत्महत्या की सूचना मिलते ही राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख मृतक किसान के गांव पहुंचे. यहां राज्य मंत्री ने मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात करके उनको ढांढस बंधाया. बता दें कि अब तक कृषि कानून के विरोध में तीन किसानों की मौत हो चुकी है.

प्रतिक्रिया देते राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख.

गुरुद्वारा सुख सागर साहिब पीपल कोटा में सेवादार थे कश्मीर सिंह

कश्मीर सिंह गुरुद्वारा सुख सागर साहिब पीपल कोटा, जिला चमोली हेमकुंड साहिब में सेवादार के रूप में सेवा करते थे. वह मूल रूप से रामपुर की तहसील बिलासपुर के पसिया पूरा गांव के निवासी थे. कश्मीर सिंह पिछले कई दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ धरने पर बैठे हुए थे. आज सुबह उन्होंने किन्ही कारणों से आत्महत्या कर ली.

पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए करेंगे बात
इस दौरान मृतक किसान के परिवार को मुआवजे की बात पर राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि वह अपनी सरकार से मृतक किसान के परिवार वालों को मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे.

वहीं किसान नेता राम बहादुर सिंह ने कहा धरने में उनसे अत्याचार नहीं सहा गया इसलिए उन्होंने अपने आप को शहीद कर लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले.

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