रामपुर: मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है. जिलाधिकारी ने मौजूदा सांसद आजम खान के शस्त्र लाइसेंस को निलंबित करते हुए निरस्त्रीकरण का नोटिस जारी किया था, जिसके बाद आजम खान इस मामले को हाईकोर्ट तक लेकर चले गए, जहां उनके अधिवक्ता द्वारा दलील पेश करने के बाद आजम खान के लाइसेंस निलंबन करने का आदेश खारिज कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला-
- मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है.
- जिलाधिकारी ने मौजूदा सांसद आजम खान के शस्त्र लाइसेंस को निलंबित करते हुए निरस्त्रीकरण का नोटिस जारी किया था.
- जिसके बाद आजम खान इस मामले को हाईकोर्ट तक लेकर चले गए.
- आजम खान के अधिवक्ता द्वारा दलील पेश करने के बाद लाइसेंस निलंबन करने का आदेश खारिज कर दिया गया.
- पुलिस की जिस रिपोर्ट के आधार पर शस्त्र निरस्तीकरण का नोटिस दिया गया था, उसकी कई धाराएं चार्जशीट से हटा दी गई हैं.
- जांच में पता चला कि आजम खान ने अपने शस्त्र का दुरुपयोग नहीं किया है.
- जिलाधिकारी ने आजम खान को जारी शस्त्र निरस्तीकरण का नोटिस वापस लेने का आदेश जारी किया है.
आजम खान को यह नोटिस 23 मार्च 2019 को दिया गया था. उस वक्त आजम खान रामपुर के एमएलए थे. नोटिस उनके तीन हथियार जो लाइसेंस से कबर्ड थे एक रिवाल्वर, एक राइफल और तीसरा 12 बोर की बंदूक के सिलसिले में उन्हें तीन नोटिस दिए गए और उनके तीनों लाइसेंस को सस्पेंड कर निरस्तीकरण नोटिस दे दिया गया था. इसलिए हमने उसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया और हाईकोर्ट ने उस निलंबन ऑर्डर को जिलाधिकारी रामपुर के ऑर्डर को रद्द कर दिया.
-खलील उल्ला खान, आजम खान के वकील