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मुकदमा लिखना था तो मुर्गी चोरी का नहीं ताजमहल-कुतुबमीनार की चोरी का लिखवाते, आजम खां का BJP पर हमला

रामपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आजम खां ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को मुकदमा दर्ज करवाना ही था तो मुर्गी चोरी का नहीं बल्कि ताजमहल-कुतुबमीनार चोरी का लगावाया होता.

आजम खां.
आजम खां.
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Published : Jun 15, 2022, 7:25 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 2:23 PM IST

रामपुर: सपा नेता आजम खां के रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं. जहां 27 महीने बाद जेल से बाहर आए आजम खां ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा के लिए जनता से वोट मांगा. वहीं, बीजेपी सरकार पर निशाना साधते आजम खां ने कहा कि अगर बीजेपी को उनपर मुकदमा दर्ज करवाना था तो मुर्गी चोरी का नहीं बल्कि ताजमहल-कुतुब मीनार चोरी का लगवाया होता.

सभा को संबोधित करते आजम खां.

ज्ञानवापी और नूपुर शर्मा जैसे विवादित मुद्दों से किनारा करते हुए आजम खां ने कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान पर भी विवादित बयान दिया. दरअसल, कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां, आजम खां के धुर विरोधी माने जाते हैं. जहां 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट पर आजम खां का सामना कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान से हुआ था. हालांकि उस दौरान आजम खां ने सीट जीतकर बाजी तो मार ली, लेकिन अब काजिम अली पर निशाना साध रहे हैं.

आजम ने याद किए सीतापुर जेल के दिन
रामपुर में चुनावी सभा में जनता को संबोधित करते हुए आजम खां ने कहा कि बड़ी मुद्दत के बाद मैं आपके बीच में हूं. अभी आदत नहीं पड़ी है. 27 महीनों तक ऐसे अंधेरे माहौल में रहा, जहां रात का तसव्वुर भी डरा देता है. यह हिम्मत कहां से मिली और इतना लंबा अरसा आप से जुदा होकर कैसे गुजरा, वह शख्स जो सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों और हजारों लोगों के बीच रहता हो. उसको एक तन्हा कोठरी में बंद कर दिया जाए और इंसानों से बहुत दूर कर दिया जाए. उसके लिए हर लम्हा मौत से ज्यादा खतरनाक था.

सरकार पर साधा निशाना
आजम खां ने कहा कि मैं अभी जमानत पर बरी हूं. मेरे ऊपर सैकड़ों-हजारों मुकदमे हैं. मुर्गी चोरी का ही नहीं, मुर्गी डकैती का मुकदमा है. जो दफाएं लगाई गई हैं, वह डकैती की है चोरी की नहीं. इस दौरान आजम खां ने सरकार पर तंज कसते कहा कि अगर मुकदमा लिखना ही है तो ताजमहल, कुतुब मीनार की चोरी का लिखवा देते.

आजम खां ने कहा कि मैं वजीरे आजम साहब से अपील करता हूं. होम मिनिस्टर साहब से कहना चाहता हूं कि आपके वास्ते मैं 2 महीने में नंबर एक का माफिया बन गया. जिसके ऊपर कभी 323 का मुकदमा नहीं हुआ, वह कैसे 2 महीने के अंदर हिंदुस्तान का सबसे बड़ा माफिया बन जाता है. उसके माथे पर कभी न मिटने वाला कलंक लगा दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मेरे चेहरे पर लगे कलंक के तमाम दागों को धो दिया और यह साबित कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट की अदालत के बाद जमीन पर और कोई अदालत नहीं है. फिर मरने के बाद अल्लाह की अदालत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 3 जजेस की बेंच ने कहा मेरे साथ बहुत ज्यादाती हुई है.

जज साहब ने कहा 1 या 2 मुकदमे तो सच्चे हो सकते हैं, लेकिन 90 मुकदमे सच्चे नहीं हो सकते. मुझे माफिया कहने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखाया है. दोस्तों याद रखना कलंक की इंतहा होती है, लेकिन कभी जुल्म की इंतेहा नहीं होती है. कलंक की क्या इंतेहा है किसी 302 के मुलजिम को फांसी का हुक्म हो जाए. राष्ट्रपति को अधिकार है कि उसे माफ कर दे. 302 के मुलजिम को माफ कर दिया जाएगा और वह आजाद जिंदगी गुजारेगा. यह दुनिया की एक ऐसी रीत है जिससे बड़ा कलंक कोई नहीं हो सकता.

इसे भी पढे़ं- विधानसभा में सीएम योगी और उनके विधायक मुझसे आंख नहीं मिला पा रहे थे: आजम खां

रामपुर: सपा नेता आजम खां के रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं. जहां 27 महीने बाद जेल से बाहर आए आजम खां ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा के लिए जनता से वोट मांगा. वहीं, बीजेपी सरकार पर निशाना साधते आजम खां ने कहा कि अगर बीजेपी को उनपर मुकदमा दर्ज करवाना था तो मुर्गी चोरी का नहीं बल्कि ताजमहल-कुतुब मीनार चोरी का लगवाया होता.

सभा को संबोधित करते आजम खां.

ज्ञानवापी और नूपुर शर्मा जैसे विवादित मुद्दों से किनारा करते हुए आजम खां ने कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान पर भी विवादित बयान दिया. दरअसल, कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां, आजम खां के धुर विरोधी माने जाते हैं. जहां 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट पर आजम खां का सामना कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान से हुआ था. हालांकि उस दौरान आजम खां ने सीट जीतकर बाजी तो मार ली, लेकिन अब काजिम अली पर निशाना साध रहे हैं.

आजम ने याद किए सीतापुर जेल के दिन
रामपुर में चुनावी सभा में जनता को संबोधित करते हुए आजम खां ने कहा कि बड़ी मुद्दत के बाद मैं आपके बीच में हूं. अभी आदत नहीं पड़ी है. 27 महीनों तक ऐसे अंधेरे माहौल में रहा, जहां रात का तसव्वुर भी डरा देता है. यह हिम्मत कहां से मिली और इतना लंबा अरसा आप से जुदा होकर कैसे गुजरा, वह शख्स जो सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों और हजारों लोगों के बीच रहता हो. उसको एक तन्हा कोठरी में बंद कर दिया जाए और इंसानों से बहुत दूर कर दिया जाए. उसके लिए हर लम्हा मौत से ज्यादा खतरनाक था.

सरकार पर साधा निशाना
आजम खां ने कहा कि मैं अभी जमानत पर बरी हूं. मेरे ऊपर सैकड़ों-हजारों मुकदमे हैं. मुर्गी चोरी का ही नहीं, मुर्गी डकैती का मुकदमा है. जो दफाएं लगाई गई हैं, वह डकैती की है चोरी की नहीं. इस दौरान आजम खां ने सरकार पर तंज कसते कहा कि अगर मुकदमा लिखना ही है तो ताजमहल, कुतुब मीनार की चोरी का लिखवा देते.

आजम खां ने कहा कि मैं वजीरे आजम साहब से अपील करता हूं. होम मिनिस्टर साहब से कहना चाहता हूं कि आपके वास्ते मैं 2 महीने में नंबर एक का माफिया बन गया. जिसके ऊपर कभी 323 का मुकदमा नहीं हुआ, वह कैसे 2 महीने के अंदर हिंदुस्तान का सबसे बड़ा माफिया बन जाता है. उसके माथे पर कभी न मिटने वाला कलंक लगा दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मेरे चेहरे पर लगे कलंक के तमाम दागों को धो दिया और यह साबित कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट की अदालत के बाद जमीन पर और कोई अदालत नहीं है. फिर मरने के बाद अल्लाह की अदालत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 3 जजेस की बेंच ने कहा मेरे साथ बहुत ज्यादाती हुई है.

जज साहब ने कहा 1 या 2 मुकदमे तो सच्चे हो सकते हैं, लेकिन 90 मुकदमे सच्चे नहीं हो सकते. मुझे माफिया कहने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखाया है. दोस्तों याद रखना कलंक की इंतहा होती है, लेकिन कभी जुल्म की इंतेहा नहीं होती है. कलंक की क्या इंतेहा है किसी 302 के मुलजिम को फांसी का हुक्म हो जाए. राष्ट्रपति को अधिकार है कि उसे माफ कर दे. 302 के मुलजिम को माफ कर दिया जाएगा और वह आजाद जिंदगी गुजारेगा. यह दुनिया की एक ऐसी रीत है जिससे बड़ा कलंक कोई नहीं हो सकता.

इसे भी पढे़ं- विधानसभा में सीएम योगी और उनके विधायक मुझसे आंख नहीं मिला पा रहे थे: आजम खां

Last Updated : Jun 15, 2022, 2:23 PM IST
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