रायबरेली: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को जिले में गति देने की जोरदार तैयारी है. इस योजना के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए 10 मार्च से विशेष अभियान चलाया जाएगा. अभियान में डेढ़ लाख से ज्यादा परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. गोल्डन कार्ड बनाने के लिए इस बार 300 विशेषज्ञों को लगाया गया है. आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 98,755 परिवारों के कार्ड बन चुके है, जबकि योजना के पात्र परिवारों की कुल संख्या 2.5 लाख से ज्यादा है.
शत-प्रतिशत लाभार्थियों को योजना का लाभ देने की तैयारी
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हरीश वैश्य के अनुसार, शत-प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 10 मार्च से विशेष अभियान चलेगा. अभियान में आशा बहू, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पात्र परिवारों को पर्ची देकर चिह्नित कैंप स्थल पर ले जाकर लोगों के गोल्डन कार्ड बनवाएंगी.
माइक्रोप्लान के तहत लक्ष्य हासिल करने की है तैयारी
इस अभियान के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया गया है. 300 वीएलई को गोल्डन कार्ड बनाने में लगाया जाएगा. 15 दिन में लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. जिले में 2,62,022 परिवारों में से 98,755 परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी किया जा चुका है.
जिले के 7 निजी व 20 सरकारी अस्पतालों को जोड़ा गया है योजना से
आयुष्मान भारत योजना के जिला सूचना कार्यक्रम प्रबंधक अनुराग तिवारी ने बताया कि वैसे तो गोल्डन कार्ड बनवाने वाले लाभार्थी देश भर में इस योजना के लिए चिह्नित अस्पताल में पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज करवा सकते हैं, लेकिन जिले स्तर पर इलाज की सुविधा के लिए सात निजी अस्पतालों के साथ ही 20 सरकारी अस्पतालों को योजना से जोड़ा गया है. मरीज इन अस्पतालों में पहुंचकर इलाज करवा सकते हैं. जिले में अब तक 7650 लाभार्थियों को मुफ्त इलाज का लाभ मिल चुका है.
डेढ़ लाख गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी
सीएमओ डॉ. बीरेंद्र सिंह के अनुसार, जिले में 10 मार्च से गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष अभियान चलेगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. 300 वीएलई के माध्यम से कार्ड बनवाए जाएंगे. इस अभियान के तहत डेढ़ लाख गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
रायबरेली : 10 मार्च से शुरु होगा गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष अभियान
यूपी के रायबरेली में 10 मार्च से गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष अभियान शुरु होगा. इस संबंध में आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हरीश वैश्य ने बताया कि इस अभियान में आशा बहू, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पात्र परिवारों को पर्ची देकर चिह्नित कैंप स्थल पर ले जाकर लोगों के गोल्डन कार्ड बनवाएंगी.
रायबरेली: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को जिले में गति देने की जोरदार तैयारी है. इस योजना के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए 10 मार्च से विशेष अभियान चलाया जाएगा. अभियान में डेढ़ लाख से ज्यादा परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. गोल्डन कार्ड बनाने के लिए इस बार 300 विशेषज्ञों को लगाया गया है. आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 98,755 परिवारों के कार्ड बन चुके है, जबकि योजना के पात्र परिवारों की कुल संख्या 2.5 लाख से ज्यादा है.
शत-प्रतिशत लाभार्थियों को योजना का लाभ देने की तैयारी
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हरीश वैश्य के अनुसार, शत-प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 10 मार्च से विशेष अभियान चलेगा. अभियान में आशा बहू, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पात्र परिवारों को पर्ची देकर चिह्नित कैंप स्थल पर ले जाकर लोगों के गोल्डन कार्ड बनवाएंगी.
माइक्रोप्लान के तहत लक्ष्य हासिल करने की है तैयारी
इस अभियान के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया गया है. 300 वीएलई को गोल्डन कार्ड बनाने में लगाया जाएगा. 15 दिन में लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. जिले में 2,62,022 परिवारों में से 98,755 परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी किया जा चुका है.
जिले के 7 निजी व 20 सरकारी अस्पतालों को जोड़ा गया है योजना से
आयुष्मान भारत योजना के जिला सूचना कार्यक्रम प्रबंधक अनुराग तिवारी ने बताया कि वैसे तो गोल्डन कार्ड बनवाने वाले लाभार्थी देश भर में इस योजना के लिए चिह्नित अस्पताल में पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज करवा सकते हैं, लेकिन जिले स्तर पर इलाज की सुविधा के लिए सात निजी अस्पतालों के साथ ही 20 सरकारी अस्पतालों को योजना से जोड़ा गया है. मरीज इन अस्पतालों में पहुंचकर इलाज करवा सकते हैं. जिले में अब तक 7650 लाभार्थियों को मुफ्त इलाज का लाभ मिल चुका है.
डेढ़ लाख गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी
सीएमओ डॉ. बीरेंद्र सिंह के अनुसार, जिले में 10 मार्च से गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष अभियान चलेगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. 300 वीएलई के माध्यम से कार्ड बनवाए जाएंगे. इस अभियान के तहत डेढ़ लाख गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है.