रायबरेली: जिले में आईबीपीएस की ओर से आयोजित की जाने वाली बैंक परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हो रही जालसाजी सामने आई है. जिले के बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में चयन प्रक्रिया के दौरान जालसाजों के पकड़े जाने के बाद आईबीपीएस की भर्ती प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रश्न चिन्ह लग गया है. एक-एक करके कई जालसाजों के पकड़े जाने के बाद रायबरेली पुलिस भी मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कह रही है. जालसाजों से पूछताछ में मिले क्लू के माध्यम से सर्विलांस और स्वाट टीमें भी गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की बात कह रही है.
9 जनवरी को सामने आया था पहला मामला
बैंक अध्यक्ष डीपी गुप्ता के अनुसार, विगत 9 जनवरी को पहली बार दो ऐसे मामले बैंक अधिकारियों द्वारा पकड़े गए थे. सॉल्वर के माध्यम से आईबीपीएस की परीक्षा को पास करने के बाद दो एप्लिकेंट वैरिफिकेशन कराने बैंक के प्रधान कार्यालय पहुंचे थे. मामले में मौके से सॉल्वर भाग निकले, लेकिन बैंक ने अभ्यर्थियों को पुलिस के हवाले कर दिया.
कुछ दिन बाद यूपी के बिजनौर जिले से जुड़ा दूसरा मामला प्रकाश में आया, जिसमें सॉल्वर और अभ्यर्थी दोनों को बैंक अधिकारियों ने शिकंजे में ले लिया था. इसके अलावा बैंक अधिकारियों ने एक अन्य मामले का खुलासा किया था. जिसमें अभ्यर्थी द्वारा सॉल्वर का 'थम्प इम्प्रेशन' अपने अंगूठे में चिपकाकर बायोमीट्रिक करने का प्रयास किया जा रहा था. सभी मामलों को स्थानीय पुलिस के समक्ष पेश करने के साथ वैधानिक कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है.
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बड़े पैमाने पर रिक्रूटमेंट से जुड़ी धांधली का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आने के बाद से ही बैंक द्वारा चयन प्रक्रिया में विशेष सतर्कता बरते जाने की बात कही जा रही है. साथ ही पूरे मामले से आईबीपीएस को अवगत कराने की बात कही जा रही है. चेयरमैन डीपी गुप्ता ने बताया कि परीक्षा संपन्न कराने का दायित्व आईबीपीएस के जिम्मे रहता है. यही कारण है कि बैंक द्वारा इसकी लिखित सूचना दी जा रही है. इसके अलावा नाबार्ड ग्रामीण बैंक की रेग्य़ुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करती है, इसलिए उसे भी अवगत कराया जाएगा.