रायबरेली: जिले के पुरवा गांव में बने राम जानकी मंदिर मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. गुरुवार को कुछ लोगों द्वारा मंदिर पर पहुंचकर कब्जा करने के विरोध में शुक्रवार को सगरा आश्रम के मौनी महाराज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने ज्ञापन देते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही. इसके साथ ही मामले में नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की.
क्या है पूरा मामला
- बाबा के पुरवा गांव में राम जानकी मंदिर का निर्माण कई वर्षों पहले हुआ था, उस समय इसके महंत सत्यनारायण महाराज थे.
- मंदिर के अधिकार में कई एकड़ जमीन सड़क के किनारे है, जिसकी कीमत करोड़ो में है. इस जमीन को लेकर क्षेत्र के कुछ लोगों से विवाद शुरू हो गया.
- इसी बीच महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद उनके शिष्य महंत प्रेमदास ने मंदिर की कमान संभाली.
- इस बीच कुछ लोगों ने मंदिर की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर लिया था, बाबा प्रेमदास ने जमीन को खाली कराने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें जीत भी मिली.
- लेकिन इसी बीच 2 जनवरी को प्रेमदास का शव मंदिर के गेट पर रस्सी से लटका मिला, जिसे मंदिर प्रशासन के लोगों व ग्रामीणों ने हत्या करार दिया.
- यही से मामले ने तूल पकड़ लिया. घंटो बाद पुलिस प्रशासन द्वारा मनाने के बाद बाबा के शव को पुलिस कब्जे में ले पाई.
- बाबा के शिष्यों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया. कुछ लोग गिरफ्तार भी किये गए लेकिन समय बीतने के साथ ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
गुरुवार को फिर पहुंचे कब्जा करने
- गुरुवार को कुछ लोग एक बोलेरो पर सवार होकर मंदिर पहुंचे और वहां कब्जा करने की कोशिश करने लगे.
- लेकिन मौजूदा महंत गोविंददास के शोर मचाने पर ग्रामीणों को आता देख वे लोग भाग खड़े हुए.
- इसकी जानकारी जैसे ही मौनी महाराज को हुई. वह डीएम से मिलने के लिए पहुंचे और उन्होंने मामले की सीबीआई जांच के साथ ही पुराने मामले में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी की भी मांग की.
- साथ ही उन्होंने विवेचना ट्रांसफर कराने के नाम पर करोड़ों की घूस देने का भी आरोप लगाया.
मंदिर प्रकरण में कुछ लोग आए थे. उनकी बात को सुना गया और मामले पर लोकल प्रशासन को उचित कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया है.
नेहा शर्मा, डीएम, रायबरेली