रायबरेली: शासन की मंशा है कि जनपद के सभी गोवंशों की टैगिंग जल्द से जल्द पूरी की जाएं. अगले 15 दिन के अंदर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करके प्रक्रिया को सम्पन्न कराने का शासनादेश भी जारी किया जा चुका है. अब विभाग द्वारा इस दिशा में ठोस प्रयास के दावे किए जा रहे हैं. जिम्मेदार कह रहे हैं कि समय-सीमा के अंदर निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में हासिल किया जाएगा. हालांकि इसी वर्ष पूरी हुई 'कैटल सेन्सस' के दौरान टैगिंग न किए जाने के सवाल को विभागीय अधिकारी असमंजस की स्थित में नजर आते हैं.
टैगिंग के काम में जुटे हैं अधिकारी
रायबरेली जिला मुख्यालय से प्राप्त शासनादेश के अनुसार जनपद के सभी गोवंशों की जियो टैगिंग किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही टैगिंग में पशुपालकों समेत पशुओं से जुड़े सभी डाटा एकत्रित करके सुरक्षित रखने के निर्देश भी दिए गए हैं. हालांकि 15 दिन के अंदर इसे पूरा करने में फिलहाल असमर्थता जरूर जताते हैं.
टैगिंग से होगा ये फायदा
इस प्रक्रिया से जनपद में पशुओं के लिए संचालित हो रही तमाम योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर डाटा बेहद भरोसेमंद साबित होगा. दरअसल पशुपालकों द्वारा घरेलू पशुओं को दुग्ध उत्पादन में सफल न होने पर उन्हें निराश्रित छोड़ दिया जाता है. टैगिंग के माध्यम से उनकी वास्तविक पहचान का पता लगाया जा सकेगा. इसके अलावा खुरपका-मुंहपका समेत सभी पशु टीकाकरण अभियान और कृत्रिम गर्भधारण से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी टैगिंग के माध्यम से हासिल हुए डाटा का अहम योगदान रहेगा.
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