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सोशल मीडिया का कमाल, 2 साल से बिछड़ी बुजुर्ग महिला को मिला परिवार...जानें कैसे - कानपुर की लापता महिला मिली

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक बुजुर्ग महिला दो साल से अकेली भटक रही थी. हालत भिखारियों जैसी हो गई थी, लेकिन फिर सोशल मीडिया के मदद से कमाल हुआ. महिला को अपना परिवार वापस मिल गया.

बुजुर्ग महिला को मिला परिवार
बुजुर्ग महिला को मिला परिवार
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Published : Feb 19, 2021, 4:02 PM IST

प्रयागराजः सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान पर तो तमाम चर्चा होती है मगर संगम नगरी में तो कमाल हो गया. सोशल मीडिया ने दो साल से अपने परिवार से बिछड़ी बुजुर्ग महिला को वापस मिला दिया. जब बिछड़े लोग मिले तो देखने वालों की भी आंखों में खुशी के आंसू भर आए. अब तो यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, तो आइए बताते हैं कि क्या था घटनाक्रम.

कानपुर की 65 वर्षीय फरिमा वर्ष 2019 में किसी कारणवश अपने परिवार से बिछड़ गई थी. फरिमा मानसिक रूप से विक्षिप्त थी. वह किसी तरह प्रयागराज पहुंच गई. फरिमा दो साल प्रयागराज की गलियों में भटकती रही. कभी शहर तो कभी गांव. भिखारियों की तरह जीवन व्यतीत करने लगी. लोगों के दिए हुए खाने से ही काम चलता. लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और अन्य जगहों पर भी उसे घूमते हुए देखा गया.

बुजुर्ग महिला के परिजन
बुजुर्ग महिला के परिजन

मिले समाजसेवी, शुरू हुई बदलाव की कोशिश
एक दिन फरिमा घूमते हुए औद्योगिक क्षेत्र के मुंगारी गांव पहुंच गईं. चार फरवरी को गांव में भटक रही महिला को वहीं के समाजसेवी जय नारायण ने देखा. जय नारायण ने उनसे बातचीत की कोशिश की और घर के बारे में पता लगाने का प्रयास किया.

बुजुर्ग महिला के परिजन
बुजुर्ग महिला के परिजन

समाज सेवी ने वीडियो बनाकर आरिफ को दी
जय नारायण ने बुजुर्ग महिला के नाम व पता बताने पर उसकी वीडियो बनाई. गुमशुदा तलाश केंद्र के एडमिन और प्रयागराज नखास कोना निवासी समाजसेवी मोहम्मद आरिफ से भी संपर्क किया. आरिफ ने वीडियो को लोगों से सोशल साइट पर वायरल करवाया. आरिफ ने कानपुर और उन्नाव के लोगों से भी संपर्क किया क्योंकि वीडियो में महिला ने अपना घर उन्नाव और ससुराल कानपुर बताया था. पुलिस को भी सूचना दे दी गई.

7 फरवरी को परिवार ने किया संपर्क
आरिफ ने बताया कि सात फरवरी को कानपुर के व्यक्ति ने संपर्क किया और बुजुर्ग महिला के बारे में जानकारी ली.
65 वर्षीय महिला का परिवार कानपुर में रहता है. सोशल मीडिया के माध्यम से जब परिजनों को महिला के बारे में पता चला तो पूरे घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. परिवार के लोग प्रयागराज के नखास कोना पहुंचे और गुमशुदा तलाश के ग्रुप एडमिन से संपर्क किया.

मदद करने वाले समाजसेवी
मदद करने वाले समाजसेवी

परिवार पहुंचा वृद्ध महिला को लेने
आठ फरवरी को आरिफ के साथ बुजुर्ग महिला के परिजन औद्योगिक क्षेत्र के मुंगारी गांव पहुंचे. बताया कि उन्नाव जिले के छपियान मोहल्ला निवासी लाले की पत्नी फरिमा 2019 में होली के दिन गायब हो गई थीं. उसके बाद से उनका पता नहीं चला. बुजुर्ग महिला को लेने उनका पति लाले, बेटा भुल्लू और ननद चांद बीवी भी पहुंची थीं. वर्तमान में लाले का परिवार कानपुर के बजरिया थाना नाला रोड पर रहता है.

बुजुर्ग महिला ने देखते ही पहचाना परिवार को
समाजसेवी आरिफ ने बताया कि 8 फरवरी को जैसे ही परिवार सामने आया 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला फरिमा ने देखते ही पहचान लिया. वहां पर मौजूद लोगों की आंखों में आंसू नहीं थम रहे थे. ऐसा कभी फिल्मों में ही देखा गया है लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसी घटना देखने को मिलेगी, यह कभी सोचना भी नहीं था.


महिला को ले गए परिवार वाले
आरिफ को फरिमा के परिवारीजनों ने बताया कि 2019 में होली के दिन फरिमा कानपुर से गुम हो गई थीं. प्रयागराज कैसे पहुंचीं इसकी उन्हें भी जानकारी नहीं थी. परिवारीजनों ने आरिफ को बताया कि बुजुर्ग महिला का उन्नाव में मायका है और कानपुर में ससुराल है. 8 फरवरी को परिवार वाले महिला को ले गए.

प्रयागराजः सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान पर तो तमाम चर्चा होती है मगर संगम नगरी में तो कमाल हो गया. सोशल मीडिया ने दो साल से अपने परिवार से बिछड़ी बुजुर्ग महिला को वापस मिला दिया. जब बिछड़े लोग मिले तो देखने वालों की भी आंखों में खुशी के आंसू भर आए. अब तो यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, तो आइए बताते हैं कि क्या था घटनाक्रम.

कानपुर की 65 वर्षीय फरिमा वर्ष 2019 में किसी कारणवश अपने परिवार से बिछड़ गई थी. फरिमा मानसिक रूप से विक्षिप्त थी. वह किसी तरह प्रयागराज पहुंच गई. फरिमा दो साल प्रयागराज की गलियों में भटकती रही. कभी शहर तो कभी गांव. भिखारियों की तरह जीवन व्यतीत करने लगी. लोगों के दिए हुए खाने से ही काम चलता. लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और अन्य जगहों पर भी उसे घूमते हुए देखा गया.

बुजुर्ग महिला के परिजन
बुजुर्ग महिला के परिजन

मिले समाजसेवी, शुरू हुई बदलाव की कोशिश
एक दिन फरिमा घूमते हुए औद्योगिक क्षेत्र के मुंगारी गांव पहुंच गईं. चार फरवरी को गांव में भटक रही महिला को वहीं के समाजसेवी जय नारायण ने देखा. जय नारायण ने उनसे बातचीत की कोशिश की और घर के बारे में पता लगाने का प्रयास किया.

बुजुर्ग महिला के परिजन
बुजुर्ग महिला के परिजन

समाज सेवी ने वीडियो बनाकर आरिफ को दी
जय नारायण ने बुजुर्ग महिला के नाम व पता बताने पर उसकी वीडियो बनाई. गुमशुदा तलाश केंद्र के एडमिन और प्रयागराज नखास कोना निवासी समाजसेवी मोहम्मद आरिफ से भी संपर्क किया. आरिफ ने वीडियो को लोगों से सोशल साइट पर वायरल करवाया. आरिफ ने कानपुर और उन्नाव के लोगों से भी संपर्क किया क्योंकि वीडियो में महिला ने अपना घर उन्नाव और ससुराल कानपुर बताया था. पुलिस को भी सूचना दे दी गई.

7 फरवरी को परिवार ने किया संपर्क
आरिफ ने बताया कि सात फरवरी को कानपुर के व्यक्ति ने संपर्क किया और बुजुर्ग महिला के बारे में जानकारी ली.
65 वर्षीय महिला का परिवार कानपुर में रहता है. सोशल मीडिया के माध्यम से जब परिजनों को महिला के बारे में पता चला तो पूरे घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. परिवार के लोग प्रयागराज के नखास कोना पहुंचे और गुमशुदा तलाश के ग्रुप एडमिन से संपर्क किया.

मदद करने वाले समाजसेवी
मदद करने वाले समाजसेवी

परिवार पहुंचा वृद्ध महिला को लेने
आठ फरवरी को आरिफ के साथ बुजुर्ग महिला के परिजन औद्योगिक क्षेत्र के मुंगारी गांव पहुंचे. बताया कि उन्नाव जिले के छपियान मोहल्ला निवासी लाले की पत्नी फरिमा 2019 में होली के दिन गायब हो गई थीं. उसके बाद से उनका पता नहीं चला. बुजुर्ग महिला को लेने उनका पति लाले, बेटा भुल्लू और ननद चांद बीवी भी पहुंची थीं. वर्तमान में लाले का परिवार कानपुर के बजरिया थाना नाला रोड पर रहता है.

बुजुर्ग महिला ने देखते ही पहचाना परिवार को
समाजसेवी आरिफ ने बताया कि 8 फरवरी को जैसे ही परिवार सामने आया 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला फरिमा ने देखते ही पहचान लिया. वहां पर मौजूद लोगों की आंखों में आंसू नहीं थम रहे थे. ऐसा कभी फिल्मों में ही देखा गया है लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसी घटना देखने को मिलेगी, यह कभी सोचना भी नहीं था.


महिला को ले गए परिवार वाले
आरिफ को फरिमा के परिवारीजनों ने बताया कि 2019 में होली के दिन फरिमा कानपुर से गुम हो गई थीं. प्रयागराज कैसे पहुंचीं इसकी उन्हें भी जानकारी नहीं थी. परिवारीजनों ने आरिफ को बताया कि बुजुर्ग महिला का उन्नाव में मायका है और कानपुर में ससुराल है. 8 फरवरी को परिवार वाले महिला को ले गए.

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