ETV Bharat / state

आचार संहिता उल्लंघन में उमर अंसारी को लगा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत - उमर अंसारी मुख्तार अंसारी

हाईकोर्ट ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन और अधिकारियों पर विवादित टिप्पणी मामले में माफिया मुख्तार के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 8:06 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन व प्रशासनिक अधिकारियों पर विवादास्पद टिप्पणी के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है.

कोर्ट ने उमर अंसारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव तथा अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय को सुनने के बाद गत 30 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मऊ की कोतवाली नगर में वहां के पुलिस उपनिरीक्षक गंगाराम ने चार मार्च 2022 को एफआईआर दर्ज कराई कि तीन मार्च को शाम साढ़े आठ बजे रूटीन चेकिंग में पहाड़पुरा के पास अब्बास अंसारी, उमर अंसारी व आयोजक मंसूर अहमद अंसारी विधानसभा चुनाव को लेकर सभा कर रहे थे. वहां लगभग 150 अन्य लोग मौजूद थे. ऐसा करके उन्होंने चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया है. इस मामले में अब्बास अंसारी की पहली अग्रिम जमानत वापस लेने के आधार पर 17 अक्टूबर 2022 को खारिज कर दी गई थी.

इसके बाद अब्बास अंसारी ने इस मामले में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी. वह याचिका भी खारिज हो गई. फिर सुप्रीम कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई, जिसके बाद यह दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल गई है. इस अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि पहली अग्रिम जमानत नए तथ्यों के साथ दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जबकि यह अर्जी कई माह बाद दाखिल की गई.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन व प्रशासनिक अधिकारियों पर विवादास्पद टिप्पणी के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है.

कोर्ट ने उमर अंसारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव तथा अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय को सुनने के बाद गत 30 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मऊ की कोतवाली नगर में वहां के पुलिस उपनिरीक्षक गंगाराम ने चार मार्च 2022 को एफआईआर दर्ज कराई कि तीन मार्च को शाम साढ़े आठ बजे रूटीन चेकिंग में पहाड़पुरा के पास अब्बास अंसारी, उमर अंसारी व आयोजक मंसूर अहमद अंसारी विधानसभा चुनाव को लेकर सभा कर रहे थे. वहां लगभग 150 अन्य लोग मौजूद थे. ऐसा करके उन्होंने चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया है. इस मामले में अब्बास अंसारी की पहली अग्रिम जमानत वापस लेने के आधार पर 17 अक्टूबर 2022 को खारिज कर दी गई थी.

इसके बाद अब्बास अंसारी ने इस मामले में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी. वह याचिका भी खारिज हो गई. फिर सुप्रीम कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई, जिसके बाद यह दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल गई है. इस अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि पहली अग्रिम जमानत नए तथ्यों के साथ दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जबकि यह अर्जी कई माह बाद दाखिल की गई.

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने कोर्ट में किया सरेंडर, 19 महीने से था फरार

यह भी पढ़ें : डर गया डॉन: मुख्तार अंसारी को जान का खतरा, यूपी से दूसरे राज्य की जेल में शिफ्ट करने की गुहार; SC करेगा सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.