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छात्रों ने लिखा कुलपति के नाम पत्र, चाटूकारों से दूर रहने की दी सलाह - vice chancellor sangeeta srivastva

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र लगातार छात्रसंघ बहाली की मांग कर रहे हैं. कुछ छात्र लगातार कई महीने से अनशन भी कर रहे हैं. वहीं, यूनिवर्सिटी के छात्रों ने नवनियुक्ति कुलपति के नाम खुला पत्र लिखकर छात्रसंघ बहाली सहित कई मामलों में सुझाव दिया है.

प्रदर्शन करते छात्र
प्रदर्शन करते छात्र
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Published : Dec 6, 2020, 2:48 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने नवागत कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के नाम खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति से छात्रसंघ बहाली, फीसमाफी और हॉस्टल दिए जाने सहित विभिन्न मांगें की हैं.

छात्रों ने कुलपति के नाम लिखा खुला पत्र
विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति के नाम खुला पत्र लिखकर छात्रसंघ बहाली किए जाने, फीसमाफी और छात्रों को हॉस्टल मुहैया कराए जाने सहित कई मांगें की हैं. इस पत्र में यह भी कहा गया कि महिला सशक्तिकरण की 21वीं शताब्दी में आपका पूरब के ऑक्सफोर्ड का मुखिया हो जाना एक मील के पत्थर की तरह है. हम छात्रों ने आपका खुले दिल से स्वागत किया है और खुले दिमाग से वार्ता के लिए तैयार हैं और तैयार रहेंगे.

चार स्तंभों पर टिका है विश्वविद्यालय
1. छात्र और छात्रसंघ
2. शिक्षक और शिक्षक संघ
3. तृतीय वर्ग के कर्मचारी और उनका संघ
4. चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी और उनका संघ

छात्र संघ बहाली की मांग की
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली समेत विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों का अनशन जारी है. समाजवादी छात्र सभा के नेतृत्व में छात्र नेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में पूर्णकालिक अनशन 138वेंं दिन भी जारी रहा. पत्र के माध्यम से कुलपति से पूछा कि सभी वर्गों का अपना संघ बनाने का समान अधिकार है. शिक्षकों का अपना संघ है, कर्मचारियों का अपना संघ है, पर यह समझ के बाहर है कि बार-बार छात्रसंघ को निशाना क्यों बनाया जाता है.

छात्रसंघ न रहने पर अराजकता के गर्त में चला गया विवि

पत्र में लिखा है कि महोदया 2005 से 2012 के बीच इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रसंघ नहीं था. यदि आप तहकीकात करेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि उसी अंतराल में विश्वविद्यालय अराजकता के गर्त में चला गया. यदि आप छात्रसंघ बहाल करती हैं तो हम छात्र और छात्राएं आपको यह आश्वासन देते हैं कि हम विश्वविद्यालय के विकास में अपना सहयोग करेंगे. अगर आप छात्रसंघ बहाल करने से इनकार करती हैं तो हम यह समझेंगे कि आप अपने तंत्र और प्रभाव से छात्र शक्ति को दबा देना चाहती हैं और छात्र शक्ति को चुनौती देना चाहती हैं. इतिहास गवाह है कि छात्र शक्ति न कभी दबी है न कभी झुकी है. जब भी परिवर्तन हुए हैं उसमें छात्र शक्ति ने धुरी का काम किया है.

चाटूकारों से दूर रहने की दी सलाह

अनशन स्थल से अनशनकारी छात्रों ने पत्र में लिखा कि महोदया हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप चाटूकारों से सलाह लिए बगैर छात्रों से सीधी वार्ता करें और चाटूकारों से दूर रहें. विश्वविद्यालय के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय में चारों स्तंभों को संतुलित रखें जो छात्रसंघ की अनुपस्थिति में विकलांग हो गया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने नवागत कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के नाम खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति से छात्रसंघ बहाली, फीसमाफी और हॉस्टल दिए जाने सहित विभिन्न मांगें की हैं.

छात्रों ने कुलपति के नाम लिखा खुला पत्र
विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति के नाम खुला पत्र लिखकर छात्रसंघ बहाली किए जाने, फीसमाफी और छात्रों को हॉस्टल मुहैया कराए जाने सहित कई मांगें की हैं. इस पत्र में यह भी कहा गया कि महिला सशक्तिकरण की 21वीं शताब्दी में आपका पूरब के ऑक्सफोर्ड का मुखिया हो जाना एक मील के पत्थर की तरह है. हम छात्रों ने आपका खुले दिल से स्वागत किया है और खुले दिमाग से वार्ता के लिए तैयार हैं और तैयार रहेंगे.

चार स्तंभों पर टिका है विश्वविद्यालय
1. छात्र और छात्रसंघ
2. शिक्षक और शिक्षक संघ
3. तृतीय वर्ग के कर्मचारी और उनका संघ
4. चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी और उनका संघ

छात्र संघ बहाली की मांग की
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली समेत विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों का अनशन जारी है. समाजवादी छात्र सभा के नेतृत्व में छात्र नेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में पूर्णकालिक अनशन 138वेंं दिन भी जारी रहा. पत्र के माध्यम से कुलपति से पूछा कि सभी वर्गों का अपना संघ बनाने का समान अधिकार है. शिक्षकों का अपना संघ है, कर्मचारियों का अपना संघ है, पर यह समझ के बाहर है कि बार-बार छात्रसंघ को निशाना क्यों बनाया जाता है.

छात्रसंघ न रहने पर अराजकता के गर्त में चला गया विवि

पत्र में लिखा है कि महोदया 2005 से 2012 के बीच इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रसंघ नहीं था. यदि आप तहकीकात करेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि उसी अंतराल में विश्वविद्यालय अराजकता के गर्त में चला गया. यदि आप छात्रसंघ बहाल करती हैं तो हम छात्र और छात्राएं आपको यह आश्वासन देते हैं कि हम विश्वविद्यालय के विकास में अपना सहयोग करेंगे. अगर आप छात्रसंघ बहाल करने से इनकार करती हैं तो हम यह समझेंगे कि आप अपने तंत्र और प्रभाव से छात्र शक्ति को दबा देना चाहती हैं और छात्र शक्ति को चुनौती देना चाहती हैं. इतिहास गवाह है कि छात्र शक्ति न कभी दबी है न कभी झुकी है. जब भी परिवर्तन हुए हैं उसमें छात्र शक्ति ने धुरी का काम किया है.

चाटूकारों से दूर रहने की दी सलाह

अनशन स्थल से अनशनकारी छात्रों ने पत्र में लिखा कि महोदया हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप चाटूकारों से सलाह लिए बगैर छात्रों से सीधी वार्ता करें और चाटूकारों से दूर रहें. विश्वविद्यालय के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय में चारों स्तंभों को संतुलित रखें जो छात्रसंघ की अनुपस्थिति में विकलांग हो गया है.

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