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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने संगीत शिक्षक की भर्ती के मामले में यूपी लोक सेवा आयोग से मांगा जवाब - कोर्ट में याचिका दाखिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों में संगीत के शिक्षक की भर्ती के मामले में लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब तलब किया है. याचिका का कहना है कि संगीत के शिक्षक के लिए स्नातक में संगीत विषय और बीएड डिग्री का होना अनिवार्य था, लेकिन आयोग ने बिना डिग्री वालों को चयनित किया है.

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संगीत के शिक्षक हेतु याचिका दाखिल.
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Published : Jan 25, 2020, 12:00 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों में संगीत के शिक्षक की भर्ती के मामले में लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिन पर बिना अहर्ता के नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है.

प्रीति यादव और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर सुनवाई कर रहे हैं. याची के अधिवक्ता का कहना है कि लोक सेवा आयोग में 18 मार्च 2018 को संगीत के शिक्षकों सहित अन्य विषयों के अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था. संगीत के शिक्षक के लिए स्नातक में संगीत विषय और बीएड डिग्री का होना अनिवार्य था, जिसके तहत याची ने आवेदन किया.

5 अप्रैल 2010 को प्रोविजनल चयन सूची जारी की गई, जिसमें याची चयनित नहीं हुआ. उसका कहना है कि आयोग ने कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया है, जिनके पास बीएड डिग्री नहीं है. इसकी वजह से मेरिट काफी ऊपर चली गई और याची चयनित नहीं हो सका, जबकि उसके पास सभी अहर्ताएं हैं. कोर्ट ने इस मामले में 4 सप्ताह में लोक सेवा आयोग और चयनित अभ्यर्थियों से जवाब तलब किया है.

इसे भी पढ़ें- देश तभी बचेगा, जब बीजेपी जाएगी: अखिलेश यादव

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों में संगीत के शिक्षक की भर्ती के मामले में लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिन पर बिना अहर्ता के नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है.

प्रीति यादव और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर सुनवाई कर रहे हैं. याची के अधिवक्ता का कहना है कि लोक सेवा आयोग में 18 मार्च 2018 को संगीत के शिक्षकों सहित अन्य विषयों के अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था. संगीत के शिक्षक के लिए स्नातक में संगीत विषय और बीएड डिग्री का होना अनिवार्य था, जिसके तहत याची ने आवेदन किया.

5 अप्रैल 2010 को प्रोविजनल चयन सूची जारी की गई, जिसमें याची चयनित नहीं हुआ. उसका कहना है कि आयोग ने कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया है, जिनके पास बीएड डिग्री नहीं है. इसकी वजह से मेरिट काफी ऊपर चली गई और याची चयनित नहीं हो सका, जबकि उसके पास सभी अहर्ताएं हैं. कोर्ट ने इस मामले में 4 सप्ताह में लोक सेवा आयोग और चयनित अभ्यर्थियों से जवाब तलब किया है.

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों में संगीत के शिक्षक की भर्ती के मामले में लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिन पर बिना अहर्ता के नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है।
 प्रीति यादव व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति जे जे मुनीर सुनवाई कर रहे हैं। याची के अधिवक्ता  का कहना है कि लोक सेवा आयोग में 18 मार्च 2018 को संगीत के शिक्षकों सहित अन्य विषयों के अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। संगीत के शिक्षक हेतु  स्नातक में संगीत विषय व बीएड डिग्री का होना अनिवार्य था। याची ने आवेदन किया । 5 अप्रैल 2010 को प्रोविजनल चयन सूची जारी की गई जिसमें याची चयनित नहीं हुआ उसका कहना है कि आयोग ने कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया है जिनके पास बीएड डिग्री  नहीं है इसकी वजह से मेरिट काफी ऊपर चली गई और याची चयनित नहीं हो सका जबकि उसके पास सभी अहर्ताएं  हैं। कोर्ट ने इस मामले में 4 सप्ताह में लोक सेवा आयोग व चयनित अभ्यर्थियों से जवाब तलब किया है।
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