प्रयागराज: राष्ट्रपति के यहां से दया याचिका खारिज होने के बाद शबनम अपनी फांसी का इंतजार कर रही है तो वहीं उसके प्रेमी सलीम को जबसे इस बात की जानकारी मिली है, उसकी भी रातों की नींद उड़ गई है. अपने परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम की दया याचिका राष्ट्रपति के यहां से खारिज होने के बाद उसके प्रेमी को भी मौत का डर सताने लगा है, क्योंकि उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति के यहां विचाराधीन है. फिलहाल प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद सलीम अपनी दया याचिका के जरिये माफी की उम्मीद लगाए हुए है, लेकिन प्रेमिका की दया याचिका खारिज होने की जानकारी मिलने के बाद से उसके चेहरे पर भी मायूसी छाई हुई है.
सलीम की दया याचिका राष्ट्रपति के यहां विचाराधीन
शबनम की दया याचिका जहां राष्ट्रपति के यहां से खारिज हो चुकी है तो वहीं सलीम की दया याचिका अभी भी राष्ट्रपति के यहां फैसले के लिए विचाराधीन है. सलीम की तरफ से उसके वकीलों ने राष्ट्रपति के यहां फांसी की सजा को लेकर दया याचिका भेजी है, लेकिन अभी तक सलीम की दया याचिका पर राष्ट्रपति की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है. जिस वजह से सलीम को अभी भी फांसी की सजा से राहत मिलने की उम्मीद बंधी हुई है.
27 सितंबर 2018 में नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था सलीम
प्रेमिका के साथ मिलकर उसके परिवार के 7 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले सलीम को ढाई साल पहले बरेली जेल से ट्रासंफर किया गया था, जिसके बाद 27 सितंबर 2018 उसको बरेली जेल से प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल लाया गया. उसी दौरान 2020 में सुप्रीम कोर्ट में उसके मामले की सुनवाई चल रही थी, जहां पर सर्वोच्च अदालत ने भी उसकी फांसी के फैसले के खिलाफ की गई अपील को खारिज करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा. ढाई साल से सलीम नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद है. इन दिनों जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में सलीम को रखा गया है, जहां पर दिन रात सुरक्षाकर्मी उसकी निगरानी करते हैं.
सलीम समेत फांसी की सजा पाये 11 कैदी हैं बंद
प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में फांसी की सजा के हकदार 11 कैदी अभी बंद हैं. उनमें से सलीम भी एक है. हालांकि 11 में से सलीम ही एक मात्र ऐसा कैदी है, जिसके फांसी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज की जा चुकी है. हालांकि सलीम की फांसी की सजा पर राष्ट्रपति के यहां अभी दया याचिका लंबित है, जिस पर अभी राष्ट्रपति को फैसला लेना है.