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देवरिया जिला पंचायत की भूमि से बेदखली के खिलाफ याचिका दायर, 13 अगस्त को होगी सुनवाई - प्रयागराज खबर

यूपी के प्रयागराज स्थित हाइकोर्ट में देवरिया जिला पंचायत की भूमि से बेदखली के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर चीफ जस्टिस की बेंच ने कल सुनवाई करने का आदेश दिया है. यह याचिका जिला पंचायत देवरिया की स्वामित्व वाली सम्पत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर है.

हाई कोर्ट
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Published : Aug 12, 2020, 10:22 PM IST

प्रयागराज: हाईकोर्ट में अर्जेंट मुकदमों की सुनवाई के लिए बुधवार को देवरिया के दो मामले में चीफ जस्टिस की बेंच बैठी. चीफ जस्टिस की बेंच ने गुरुवार को इन दोनों मामलों की सुनवाई करने को कहा है. ये दोनों केस जिला पंचायत देवरिया की स्वामित्व वाली सम्पत्ति पर विधि विरूद्ध तरीके से बतौर अतिचारी कथित अवैध कब्जे को लेकर है. इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत देवरिया ने 24 जुलाई 2020 को आदेश पारित कर याचीगणों को वहां से अपना सामान हटाकर अन्यत्र जाने के सिए 15 दिन का समय दिया था.

जिला पंचायत देवरिया के अपर मुख्य अधिकारी द्वारा पारित इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस संबंध में कृष्ण मुरारी वर्मा और अन्य की तरफ से याचिका दायर की गई है, जिसमें जिला पंचायत देवरिया के 24 जुलाई 2020 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि याचीगण को प्लॉट नम्बर 290 और 291 पर निर्मित उनके आवास से बेदखल न किया जाए. याचिका के अनुसार विवादित स्थल मोहल्ला बांस देवरिया, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड कम्पाउन्ड में स्थित है. इस याचिका में कहा गया है कि कानूनी प्रक्रिया अपनाए बगैर उन्हें उनके कब्जे से बेदखल न किया जाए.

याची के मुताबिक 1 अप्रैल 1937 में याचीगण के पूर्वजों के साथ संपादित लीज डीड के अनुसार विवादित स्थल का पट्टा 90 साल तक का है. 90 वर्ष की अवधि समाप्त हुए बगैर उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता है. याचीगणों द्वारा कहा गया है कि वे किराया भी देते चले आ रहे हैं, जो कि स्वीकार भी किया गया है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि याचीगण अवैध कब्जा किए हुए हैं. इस याचिका में कहा गया है कि यह मान भी लिया जाए कि याचीगण अतिक्रमणी हैं, फिर भी उन्हें उस विवादित स्थल से कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए ही हटाया जा सकता है और वह कानूनी प्रक्रिया रेग्युलर वाद है. अब हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच 13 अगस्त को इन मामलों की सुनवाई करेगी.

प्रयागराज: हाईकोर्ट में अर्जेंट मुकदमों की सुनवाई के लिए बुधवार को देवरिया के दो मामले में चीफ जस्टिस की बेंच बैठी. चीफ जस्टिस की बेंच ने गुरुवार को इन दोनों मामलों की सुनवाई करने को कहा है. ये दोनों केस जिला पंचायत देवरिया की स्वामित्व वाली सम्पत्ति पर विधि विरूद्ध तरीके से बतौर अतिचारी कथित अवैध कब्जे को लेकर है. इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत देवरिया ने 24 जुलाई 2020 को आदेश पारित कर याचीगणों को वहां से अपना सामान हटाकर अन्यत्र जाने के सिए 15 दिन का समय दिया था.

जिला पंचायत देवरिया के अपर मुख्य अधिकारी द्वारा पारित इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस संबंध में कृष्ण मुरारी वर्मा और अन्य की तरफ से याचिका दायर की गई है, जिसमें जिला पंचायत देवरिया के 24 जुलाई 2020 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि याचीगण को प्लॉट नम्बर 290 और 291 पर निर्मित उनके आवास से बेदखल न किया जाए. याचिका के अनुसार विवादित स्थल मोहल्ला बांस देवरिया, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड कम्पाउन्ड में स्थित है. इस याचिका में कहा गया है कि कानूनी प्रक्रिया अपनाए बगैर उन्हें उनके कब्जे से बेदखल न किया जाए.

याची के मुताबिक 1 अप्रैल 1937 में याचीगण के पूर्वजों के साथ संपादित लीज डीड के अनुसार विवादित स्थल का पट्टा 90 साल तक का है. 90 वर्ष की अवधि समाप्त हुए बगैर उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता है. याचीगणों द्वारा कहा गया है कि वे किराया भी देते चले आ रहे हैं, जो कि स्वीकार भी किया गया है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि याचीगण अवैध कब्जा किए हुए हैं. इस याचिका में कहा गया है कि यह मान भी लिया जाए कि याचीगण अतिक्रमणी हैं, फिर भी उन्हें उस विवादित स्थल से कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए ही हटाया जा सकता है और वह कानूनी प्रक्रिया रेग्युलर वाद है. अब हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच 13 अगस्त को इन मामलों की सुनवाई करेगी.

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