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प्रयागराज: इस बार हो रहा है इको फ्रेंडली तालाब में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन - लोग इको फ्रेंडली तालाब में करेंगे दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस बार इको फ्रेंडली तालाब का निर्माण कराया गया. गंगा नदी में ज्यादा पानी होने के कारण इस तालाब का निर्माण कराया गया, जहां शहर और ग्रामीण अंचल की मूर्तियों का विसर्जन एक ही जगह कराया जाएगा.

इको फ्रेंडली तालाब में किया गया दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन.
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Published : Oct 8, 2019, 7:41 PM IST

प्रयागराज: नवरात्रि के दुर्गा पूजा के बाद मंगलवार को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जिले में इस बार इको फ्रेंडली तालाब का निर्माण कराया गया है. इस बार के विसर्जन की खास बात है कि यह जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से मुक्त है. वहीं पहली बार ऐसा हो रहा है जहां पर शहर और ग्रामीण अंचल की मूर्तियों का विसर्जन एक ही जगह पर हो रहा है.

इको फ्रेंडली तालाब में किया गया दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन.
गंगा का जलस्तर बढ़े रहने के चलते इस बार मूर्तियों का विसर्जन नदी में न करके जिले से हटकर एक तालाब का निर्माण कराकर किया जा रहा है, जिसमें 350 से 400 प्रतिमाओं के विसर्जन हो सकेंगे. विसर्जन के लिए बने इस विशाल तालाब में सुरक्षा व्यवस्था और प्रदूषण नियंत्रण के भी उपाय किए गए. यह व्यवस्था सिर्फ इसी साल के लिए है, जहां पर शहर और ग्रामीण दोनों की मूर्तियों का विसर्जन एक जगह पर होगा.

जिले में करीब 350 समितियों ने दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की है. ऐसे में प्रशासन को उम्मीद है कि मंगलवार को लगभग 400 प्रतिमाओं का विसर्जन होगा. तालाब के चारों तरफ विसर्जन के लिए कुल 4 घाट बनाए गए हैं, जहां पर आसानी से प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी में तीन पीढ़ियों से मुस्लिम परिवार बना रहा है रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले

वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस बार मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने की अनुमति नहीं है, जिसके चलते मूर्ति विसर्जन के दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमा विसर्जन के चलते यातायात व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन किया गया. शहर से जाने वाली प्रतिमाओं को जौनपुर मार्ग की ओर घुमाकर सीधे पटेल नगर स्थित अंदावा तालाब तक जाने की व्यवस्था की गई है. वहीं तालाब पर जल पुलिस और गोताखोर की तैनाती भी की गई है.

प्रयागराज: नवरात्रि के दुर्गा पूजा के बाद मंगलवार को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जिले में इस बार इको फ्रेंडली तालाब का निर्माण कराया गया है. इस बार के विसर्जन की खास बात है कि यह जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से मुक्त है. वहीं पहली बार ऐसा हो रहा है जहां पर शहर और ग्रामीण अंचल की मूर्तियों का विसर्जन एक ही जगह पर हो रहा है.

इको फ्रेंडली तालाब में किया गया दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन.
गंगा का जलस्तर बढ़े रहने के चलते इस बार मूर्तियों का विसर्जन नदी में न करके जिले से हटकर एक तालाब का निर्माण कराकर किया जा रहा है, जिसमें 350 से 400 प्रतिमाओं के विसर्जन हो सकेंगे. विसर्जन के लिए बने इस विशाल तालाब में सुरक्षा व्यवस्था और प्रदूषण नियंत्रण के भी उपाय किए गए. यह व्यवस्था सिर्फ इसी साल के लिए है, जहां पर शहर और ग्रामीण दोनों की मूर्तियों का विसर्जन एक जगह पर होगा.

जिले में करीब 350 समितियों ने दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की है. ऐसे में प्रशासन को उम्मीद है कि मंगलवार को लगभग 400 प्रतिमाओं का विसर्जन होगा. तालाब के चारों तरफ विसर्जन के लिए कुल 4 घाट बनाए गए हैं, जहां पर आसानी से प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा.

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वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस बार मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने की अनुमति नहीं है, जिसके चलते मूर्ति विसर्जन के दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. प्रतिमा विसर्जन के चलते यातायात व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन किया गया. शहर से जाने वाली प्रतिमाओं को जौनपुर मार्ग की ओर घुमाकर सीधे पटेल नगर स्थित अंदावा तालाब तक जाने की व्यवस्था की गई है. वहीं तालाब पर जल पुलिस और गोताखोर की तैनाती भी की गई है.

Intro:नवरात्रि दुर्गा पूजा के बाद आज दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन आज हुआ। प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रयागराज में इस बार इको फ्रेंडली तालाब का निर्माण कराया गया है। ख़ास बात यह है कि इस बार जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से मुक्त विसर्जन हो रहा है। पहली बार ऐसा है जहां पर शहर व ग्रामीण अंचल की मूर्तियों का विसर्जन एक ही जगह पर हो रहा है।


Body:गंगा का जलस्तर बड़े रहने के चलते इस बार मूर्ति विसर्जन प्रयागराज के अलावा स्थित एक तालाब में कराया गया जिसमें 350 से 400 प्रतिमाओं का विसर्जन हो सकेगा विसर्जन के लिए बने विशाल तालाब में सुरक्षा व्यवस्था और प्रदूषण नियंत्रण के भी उपाय किए गए थे। यह व्यवस्था सिर्फ इसी साल के लिए है जहां पर शहर और ग्रामीण दोनों जगह की मूर्तियों का विसर्जन एक जगह होगा जिले में करीब 350 समितियों ने दुर्गा प्रतिमा को स्थापित किए हैं ऐसे में प्रशासन की उम्मीद है कि आज लगभग 400 प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। तालाब के चारों तरफ विसर्जन के लिए कुल 4 घाट बनाए गए हैं जहां पर आसानी से प्रश्नों का विसर्जन किया गया।हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस बार मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे के साथ मूर्तियों को ले जाने की अनुमति नहीं थी जिसके चलते मूर्ति विसर्जन के दौरान इस ढोल नगाड़ों के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।


Conclusion:प्रतिमा विसर्जन के चलते यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया था शहर से जाने वाली वाली प्रतिमाओं को जौनपुर मार्ग की ओर घुमा कर सीधे पटेल नगर स्थित सीधे अंदावा तालाब तक जाने की व्यवस्था की गई थी। तालाब पर जल पुलिस और गोताखोर की तैनाती की गई थी।

बाईट: भानु चन्द्र गोस्वामी जिलाधिकारी प्रयागराज

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज

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