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दिलीप मिश्रा की जमानत निरस्त करने की याचिका पर 18 मार्च को अगली सुनवाई - नंदगोपाल नंदी पर हमला

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी पर जानलेवा हमले के आरोपी दिलीप मिश्रा की जमानत निरस्त करने की मांग की है. मामले में कोर्ट ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Feb 18, 2021, 10:43 PM IST

प्रयागराज : राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर रिमोट बम से जानलेवा हमले के आरोपी दिलीप मिश्र की जमानत निरस्त करने के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. कोर्ट ने फतेहगढ़ जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्र को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया.

पढ़ें - ग्राम पंचायत के पुनर्गठन का मामला, निदेशक पंचायती राज और आजमगढ़ DM तलब

मंत्री नंदगोपाल नंदी पर हुआ था जानलेवा हमला

अर्जी मे कहा गया है कि 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज के कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित बहादुरगंज में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर रिमोट बम से जानलेवा हमला किया गया था. उस हमले में एक पत्रकार सहित दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कैबिनेट मंत्री नंदी को गंभीर चोटें आई थीं. उस मामले में दिलीप मिश्र की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हुई है.

राज्य सरकार ने की जमानत निरस्त करने की मांग

जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि घटना के समय दिलीप मिश्र के खिलाफ विभिन्न थानों में 32 आपराधिक मामले थे. इस समय उसका 47 मुकदमों का लंबा आपराधिक इतिहास है. जमानत मंजूरी के आदेश में किसी आपराधिक घटना में शामिल न होने की शर्त भी है. ऐसी स्थिति में दिलीप मिश्र को मिली जमानत निरस्त की जानी चाहिए.

पढ़ें - बीईओ भर्ती में आरक्षण का मामला, सरकार व आयोग से जवाब तलब

प्रयागराज : राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर रिमोट बम से जानलेवा हमले के आरोपी दिलीप मिश्र की जमानत निरस्त करने के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. कोर्ट ने फतेहगढ़ जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्र को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया.

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मंत्री नंदगोपाल नंदी पर हुआ था जानलेवा हमला

अर्जी मे कहा गया है कि 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज के कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित बहादुरगंज में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर रिमोट बम से जानलेवा हमला किया गया था. उस हमले में एक पत्रकार सहित दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कैबिनेट मंत्री नंदी को गंभीर चोटें आई थीं. उस मामले में दिलीप मिश्र की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हुई है.

राज्य सरकार ने की जमानत निरस्त करने की मांग

जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि घटना के समय दिलीप मिश्र के खिलाफ विभिन्न थानों में 32 आपराधिक मामले थे. इस समय उसका 47 मुकदमों का लंबा आपराधिक इतिहास है. जमानत मंजूरी के आदेश में किसी आपराधिक घटना में शामिल न होने की शर्त भी है. ऐसी स्थिति में दिलीप मिश्र को मिली जमानत निरस्त की जानी चाहिए.

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