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अतीक ने जमीन कब्जा कर बनवाया था नफीस बिरयानी का कारखाना, हर महीने देता था 30 लाख - अशरफा नफीस बिरयानी

माफिया अतीक अहमद गैंग के मेंबर और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में शामिल रहे नफीस बिरयानी के सितारे जब गर्दिश में आए तो उसके करीबियों ने मुंह फेर लिया. यहां तक कि उसकी मौत के बाद जनाजे में भी चंद लोग ही शामिल हुए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 10:24 PM IST

प्रयागराज : माफिया अतीक अहमद गैंग के मेंबर और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में शामिल मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी का जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के हवाले कर दिया गया. नफीस बिरयानी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी होने के साथ ही अतीक गैंग का फाइनेंसर भी था. 23 नवंबर को पुलिस से मुठभेड़ के बाद पकड़े गए नफीस बिरयानी से पूछताछ के बाद पता चला कि वह अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और परिवार को हर माह 25 से 30 लाख रुपये तक देता था. अतीक के भाई अशरफ का यह दोस्त बिरयानी का कारोबार करता था. जिस वजह से अतीक-अशरफ को पहुंचाई जाने वाली वसूली की रकम भी उसी के जरिए भेजी जाती थी. इसी वजह से उसको अतीक गैंग का फाइनेंसर भी कहा जाता है.

पोस्टमार्टम हाउस पर नहीं आए रिश्तेदार और पड़ोसी

अतीक अहमद गैंग के मेंबर और 50 हजार के इनामी रहे नफीस बिरयानी की मौत के बाद करीबी दूर-दूर ही रहे. सोमवार को पोस्टमॉर्टम हाउस पर नफीस बिरयानी के परिवार के 6 लोग ही पहुंचे थे. अतीक गैंग के खिलाफ जिस तरह से पुलिस कार्यवाई कर रही है, उसका नतीजा है कि सिर्फ नफीस के परिवारवाले और चंद लोग ही उसके जनाजे में शामिल हुए. उमेश पाल हत्याकांड में नफीस की भूमिका और अतीक गैंग से उसके रिश्ते उजागर होने के बाद जिस तरह से पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की, उसको देखते हुए तमाम लोगों ने उससे दूरी बना ली. शायद यही वजह है कि नफीस बिरयानी की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर मात्र 6 लोग ही पहुंचे थे.

कैसे चर्चा में आया नफीस बिरयानी

नफीस बिरयानी शहर के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के गुलाबबाड़ी इलाके का रहने वाला था. जहां पर वह शुरुआती दिनों में ठेले पर बिरयानी बेचता था. अशरफ का खास बनने के बाद नफीस बिरयानी के नाम से जाना जाने लगा. जब नफीस का बिरयानी का कारोबार बढ़ने लगा तो अतीक ने उसका कारखाना भी बनवा दिया. नफीस की दुकान के नजदीक नवाब यूसुफ रोड पर अतीक गैंग ने कब्जा कर एक बड़े प्लॉट पर नफीस का कारखाना बनवा दिया. जहां पर कई कारीगर बिरयानी तैयार करते थे, जिसको नफीस की दुकान पर ले जाकर बेचा जाता था. एक समय ऐसा भी आ गया था, जब नफीस ने अपनी बिरयानी की दुकान की ब्रांच भी खोल दी थी, लेकिन 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नफीस के कारोबार का फलना-फूलना बंद हो गया.

24 फरवरी से फरार चल रहा था नफीस बिरयानी

24 फरवरी को उमेश पाल तिहरे हत्याकांड के बाद से नफीस बिरयानी अंडरग्राउंड हो गया था. कई महीनों तक फरार रहने के बाद जब नफीस पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा तो पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया. जिसके बाद 22 नवंबर की देर रात पुलिस और नफीस बिरयानी के बीच मुठभेड़ हो गई. जिसके बाद पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

यह भी पढ़ें : जेल में दिल का दौरा पड़ने से उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी नफीस बिरयानी की मौत, अतीक के परिवार को पहुंचाता था लाखों की मदद

यह भी पढ़ें : उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी अतीक का गुर्गा नफीस बिरयानी मुठभेड़ में घायल, 50 हजार का इनामी है

प्रयागराज : माफिया अतीक अहमद गैंग के मेंबर और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में शामिल मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी का जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के हवाले कर दिया गया. नफीस बिरयानी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी होने के साथ ही अतीक गैंग का फाइनेंसर भी था. 23 नवंबर को पुलिस से मुठभेड़ के बाद पकड़े गए नफीस बिरयानी से पूछताछ के बाद पता चला कि वह अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और परिवार को हर माह 25 से 30 लाख रुपये तक देता था. अतीक के भाई अशरफ का यह दोस्त बिरयानी का कारोबार करता था. जिस वजह से अतीक-अशरफ को पहुंचाई जाने वाली वसूली की रकम भी उसी के जरिए भेजी जाती थी. इसी वजह से उसको अतीक गैंग का फाइनेंसर भी कहा जाता है.

पोस्टमार्टम हाउस पर नहीं आए रिश्तेदार और पड़ोसी

अतीक अहमद गैंग के मेंबर और 50 हजार के इनामी रहे नफीस बिरयानी की मौत के बाद करीबी दूर-दूर ही रहे. सोमवार को पोस्टमॉर्टम हाउस पर नफीस बिरयानी के परिवार के 6 लोग ही पहुंचे थे. अतीक गैंग के खिलाफ जिस तरह से पुलिस कार्यवाई कर रही है, उसका नतीजा है कि सिर्फ नफीस के परिवारवाले और चंद लोग ही उसके जनाजे में शामिल हुए. उमेश पाल हत्याकांड में नफीस की भूमिका और अतीक गैंग से उसके रिश्ते उजागर होने के बाद जिस तरह से पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की, उसको देखते हुए तमाम लोगों ने उससे दूरी बना ली. शायद यही वजह है कि नफीस बिरयानी की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर मात्र 6 लोग ही पहुंचे थे.

कैसे चर्चा में आया नफीस बिरयानी

नफीस बिरयानी शहर के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के गुलाबबाड़ी इलाके का रहने वाला था. जहां पर वह शुरुआती दिनों में ठेले पर बिरयानी बेचता था. अशरफ का खास बनने के बाद नफीस बिरयानी के नाम से जाना जाने लगा. जब नफीस का बिरयानी का कारोबार बढ़ने लगा तो अतीक ने उसका कारखाना भी बनवा दिया. नफीस की दुकान के नजदीक नवाब यूसुफ रोड पर अतीक गैंग ने कब्जा कर एक बड़े प्लॉट पर नफीस का कारखाना बनवा दिया. जहां पर कई कारीगर बिरयानी तैयार करते थे, जिसको नफीस की दुकान पर ले जाकर बेचा जाता था. एक समय ऐसा भी आ गया था, जब नफीस ने अपनी बिरयानी की दुकान की ब्रांच भी खोल दी थी, लेकिन 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नफीस के कारोबार का फलना-फूलना बंद हो गया.

24 फरवरी से फरार चल रहा था नफीस बिरयानी

24 फरवरी को उमेश पाल तिहरे हत्याकांड के बाद से नफीस बिरयानी अंडरग्राउंड हो गया था. कई महीनों तक फरार रहने के बाद जब नफीस पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा तो पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया. जिसके बाद 22 नवंबर की देर रात पुलिस और नफीस बिरयानी के बीच मुठभेड़ हो गई. जिसके बाद पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

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