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AU में फीस बढ़ोतरी को लेकर बेनतीजा रही विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच बैठक - इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी

फीस बढ़ोतरी को लेकर लगातार इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हंगामा चल रहा है. इसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के बीच बैठक की गई. लेकिन यह बैठक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी. यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के बीच अभी भी तकरार बरकरार है.

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Published : Oct 4, 2022, 11:12 PM IST

प्रयागराज: फीस बढ़ोतरी के मसले पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और छात्रों के बीच की गई बैठक बेनतीजा रही. मंगलवार को यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में यह बैठक हुई. विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ छात्रों के प्रतिनिधि मंडल की मैराथन बैठक किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी. इस दौरान हॉल के बाहर मौजूद छात्रों के साथ चीफ प्रॉक्टर की नोकझोंक भी हो गई. पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से 11 अक्टूबर को विश्वविद्यालय खुलने तक छात्रों से समय लिया गया है.

दरअसल, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर हंगामा चल रहा है. 5 सितंबर से लगातार चल रहे आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से बैठक की पहल की गई. इसके चलते मंगलवार को छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मैराथन बैठक हुई. इस बैठक में अलग-अलग छात्र संगठन से जुड़े 20 छात्रों का प्रतिनिधि मंडल बैठक में शामिल हुआ. इधर जिला और पुलिस प्रशासन के साथ ही विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार समेत दूसरे अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए. सभी जिम्मेदारों की मौजूदगी में छात्रो ने 4 गुना फीस बढ़ोतरी को पूरी तरह से वापस लेने की मांग रखी. इसके साथ ही छात्रसंघ बहाली और छात्रों के ऊपर दर्ज करवाए गए सभी मुकदमों को भी वापस लेने की मांग रखी गई.

छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच झड़प

बैठक के दौरान 3 प्रमुख मुद्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन सकी. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया कि छात्रों की डिमांड को वीसी समेत दूसरे जिम्मेदार अफसरों के सामने रखा जाएगा. इसके बाद इन मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से फैसला लिया जाएगा. अभी विश्वविद्यालय में दशहरे की छुट्टी चल रही है. कैंपस खुलने के बाद 11 तारीख को छात्रों को आगे की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से दिया जाएगा. इन सभी दलीलों के बीच छात्रों के साथ हुई बैठक में फिलहाल कोई हल नहीं निकल सका है.

मीडिया के सवालों पर मुंह में उंगली रखकर निकल गए चीफ प्रॉक्टर: छात्रों के साथ कई घंटे तक बैठक कर बाहर निकले विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी मीडिया के सवालों से भागते नजर आए. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एन.के. शुक्ला मीडिया से बचकर सीधे गाड़ी में बैठकर निकल गए. चीफ प्रॉक्टर रहे प्रोफेसर हर्ष कुमार ने मीडिया के सवाल पर मुंह पर उंगली रखकर कुछ न बोलने का इशारा किया. इसके साथ ही बैठक में शामिल सभी शिक्षकों ने चुप्पी साध रखी थी.

बैठक बेनतीजा होने पर छात्रों ने काटा हंगामा: 5 सितंबर से चल रहे आंदोलन के बाद मंगलवार को हुई बैठक को छात्रों ने बेनतीजा बताया. उनका कहना है कि बैठक में शामिल विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों ने कोई मांग नहीं मानी. जिसके बाद छात्रों ने बैठक हॉल के बाहर मौजूद छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर से बहस करते हुए हो-हल्ला मचाया. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला लेने के लिए दो दिन का समय लिया है. विश्वविद्यालय खुलने के बाद 11 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन क्या रूख अपनाता है, छात्र उसका इंतजार नहीं करेंगे और आंदोलन जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें- इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि का मामला, छात्रों ने राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र

प्रयागराज: फीस बढ़ोतरी के मसले पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और छात्रों के बीच की गई बैठक बेनतीजा रही. मंगलवार को यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में यह बैठक हुई. विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ छात्रों के प्रतिनिधि मंडल की मैराथन बैठक किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी. इस दौरान हॉल के बाहर मौजूद छात्रों के साथ चीफ प्रॉक्टर की नोकझोंक भी हो गई. पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से 11 अक्टूबर को विश्वविद्यालय खुलने तक छात्रों से समय लिया गया है.

दरअसल, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर हंगामा चल रहा है. 5 सितंबर से लगातार चल रहे आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से बैठक की पहल की गई. इसके चलते मंगलवार को छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मैराथन बैठक हुई. इस बैठक में अलग-अलग छात्र संगठन से जुड़े 20 छात्रों का प्रतिनिधि मंडल बैठक में शामिल हुआ. इधर जिला और पुलिस प्रशासन के साथ ही विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार समेत दूसरे अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए. सभी जिम्मेदारों की मौजूदगी में छात्रो ने 4 गुना फीस बढ़ोतरी को पूरी तरह से वापस लेने की मांग रखी. इसके साथ ही छात्रसंघ बहाली और छात्रों के ऊपर दर्ज करवाए गए सभी मुकदमों को भी वापस लेने की मांग रखी गई.

छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच झड़प

बैठक के दौरान 3 प्रमुख मुद्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन सकी. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया कि छात्रों की डिमांड को वीसी समेत दूसरे जिम्मेदार अफसरों के सामने रखा जाएगा. इसके बाद इन मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से फैसला लिया जाएगा. अभी विश्वविद्यालय में दशहरे की छुट्टी चल रही है. कैंपस खुलने के बाद 11 तारीख को छात्रों को आगे की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से दिया जाएगा. इन सभी दलीलों के बीच छात्रों के साथ हुई बैठक में फिलहाल कोई हल नहीं निकल सका है.

मीडिया के सवालों पर मुंह में उंगली रखकर निकल गए चीफ प्रॉक्टर: छात्रों के साथ कई घंटे तक बैठक कर बाहर निकले विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी मीडिया के सवालों से भागते नजर आए. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एन.के. शुक्ला मीडिया से बचकर सीधे गाड़ी में बैठकर निकल गए. चीफ प्रॉक्टर रहे प्रोफेसर हर्ष कुमार ने मीडिया के सवाल पर मुंह पर उंगली रखकर कुछ न बोलने का इशारा किया. इसके साथ ही बैठक में शामिल सभी शिक्षकों ने चुप्पी साध रखी थी.

बैठक बेनतीजा होने पर छात्रों ने काटा हंगामा: 5 सितंबर से चल रहे आंदोलन के बाद मंगलवार को हुई बैठक को छात्रों ने बेनतीजा बताया. उनका कहना है कि बैठक में शामिल विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों ने कोई मांग नहीं मानी. जिसके बाद छात्रों ने बैठक हॉल के बाहर मौजूद छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर से बहस करते हुए हो-हल्ला मचाया. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला लेने के लिए दो दिन का समय लिया है. विश्वविद्यालय खुलने के बाद 11 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन क्या रूख अपनाता है, छात्र उसका इंतजार नहीं करेंगे और आंदोलन जारी रहेगा.

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