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प्रयागराज: हाईकोर्ट की वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था ध्वस्त

इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन की वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था का अधिवक्ताओं ने विरोध करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है.

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वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था का अधिवक्ताओं ने किया विरोध.
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Published : Jul 24, 2020, 5:18 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन की वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था का अधिवक्ताओं ने विरोध करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है. वकीलों के विरोध के चलते न्यायालय प्रशासन खुली अदालत के साथ साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था को जारी रखने पर विचार कर रहा है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह और महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर को पत्र लिखकर विडियो कांफ्रेंसिंग की दुर्व्यवस्था से नाराजगी व्यक्त करते हुए खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी.

वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे से कुप्रबंध का विरोध शुरू हो गया. बार-बार बहस के दौरान लिंक टूट जाने और भीड के शोर शराबे से परेशान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया.

महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को अदालत बंद रखने और सोमवार 27 जुलाई से खुली अदालत में बहस की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति दी है, जिसका अधिवक्ताओं ने स्वागत किया है. एक बडे हाल में 16 केबिन बनाए गए हैं. केबिन में कंप्यूटर के जरिए ऑनलाइन बहस की सुविधा दी गयी है, लेकिन बार-बार लिंक टूटने और वकील की भीड़ के शोर तथा एक केबिन में एक ही इयर फोन होने से विरोधी पक्ष बहस से अनभिज्ञ रह जाता था. लिहाजा विरोध के चलते वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था विफल हो गयी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन की वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था का अधिवक्ताओं ने विरोध करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है. वकीलों के विरोध के चलते न्यायालय प्रशासन खुली अदालत के साथ साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था को जारी रखने पर विचार कर रहा है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह और महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर को पत्र लिखकर विडियो कांफ्रेंसिंग की दुर्व्यवस्था से नाराजगी व्यक्त करते हुए खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी.

वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे से कुप्रबंध का विरोध शुरू हो गया. बार-बार बहस के दौरान लिंक टूट जाने और भीड के शोर शराबे से परेशान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया.

महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को अदालत बंद रखने और सोमवार 27 जुलाई से खुली अदालत में बहस की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति दी है, जिसका अधिवक्ताओं ने स्वागत किया है. एक बडे हाल में 16 केबिन बनाए गए हैं. केबिन में कंप्यूटर के जरिए ऑनलाइन बहस की सुविधा दी गयी है, लेकिन बार-बार लिंक टूटने और वकील की भीड़ के शोर तथा एक केबिन में एक ही इयर फोन होने से विरोधी पक्ष बहस से अनभिज्ञ रह जाता था. लिहाजा विरोध के चलते वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था विफल हो गयी.

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