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पुलिस पीएसी भर्ती 2018: जाति प्रमाणपत्र को लेकर राज्य सरकार से हाइकोर्ट ने मांगा जवाब - प्रयागराज समाचार

प्रयागराज में स्थित उच्च न्यायालय ने विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए पुलिस पीएसी भर्ती 2018 में जाति प्रमाणपत्र को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस बारे में कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तारीख दी है.

उच्च न्यायालय
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Published : Oct 5, 2020, 2:20 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस पीएसी भर्ती 2018 में आवेदन जमा करने के बाद की तिथि का ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने पर एप्लीकेशन निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सरकारी वकील का कहना है कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा इसलिए उसका चयन नहीं किया गया. कोर्ट ने इसी बात को हलफनामे में दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस विशेष अपील की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने प्रयागराज के अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है. इस अपील पर अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बहस की.

गौरतलब है कि याची ने पुलिस पीएसी भर्ती में सारे टेस्ट पास किये किन्तु चयन सूची मे उसका नाम नहीं है, जिसे उसने चुनौती दी. एकल पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि 14 जनवरी 2018 को भर्ती निकाली गई. 22जनवरी 2018 आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी. शर्त थी कि ओबीसी प्रमाणपत्र 1अप्रैल 2017 के बाद जारी किया गया हो. याची ने 8 मार्च 2018 को जारी प्रमाणपत्र पेश किया है, जिसे वैध नहीं कह सकते और सामान्य श्रेणी के कट ऑफ से कम अंक अर्जित किये होने के कारण उसे चयनित नहीं किया गया है. एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ यह विशेष अपील दाखिल की गयी है.

याची अधिवक्ता का कहना है कि राम कुमार गिजरोधा केस के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत याची चयनित होने का हकदार है. वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने मे विफल रहा है इसलिए उसका चयन नहीं हुआ. इस मामले में कोर्ट ने हलफनामा मांगा है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस पीएसी भर्ती 2018 में आवेदन जमा करने के बाद की तिथि का ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने पर एप्लीकेशन निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सरकारी वकील का कहना है कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा इसलिए उसका चयन नहीं किया गया. कोर्ट ने इसी बात को हलफनामे में दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस विशेष अपील की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने प्रयागराज के अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है. इस अपील पर अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बहस की.

गौरतलब है कि याची ने पुलिस पीएसी भर्ती में सारे टेस्ट पास किये किन्तु चयन सूची मे उसका नाम नहीं है, जिसे उसने चुनौती दी. एकल पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि 14 जनवरी 2018 को भर्ती निकाली गई. 22जनवरी 2018 आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी. शर्त थी कि ओबीसी प्रमाणपत्र 1अप्रैल 2017 के बाद जारी किया गया हो. याची ने 8 मार्च 2018 को जारी प्रमाणपत्र पेश किया है, जिसे वैध नहीं कह सकते और सामान्य श्रेणी के कट ऑफ से कम अंक अर्जित किये होने के कारण उसे चयनित नहीं किया गया है. एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ यह विशेष अपील दाखिल की गयी है.

याची अधिवक्ता का कहना है कि राम कुमार गिजरोधा केस के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत याची चयनित होने का हकदार है. वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने मे विफल रहा है इसलिए उसका चयन नहीं हुआ. इस मामले में कोर्ट ने हलफनामा मांगा है.

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