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महंत नरेंद्र गिरि की पहली पुण्यतिथि पर 13 अखाड़ों के प्रमुख और शिष्य पहुंचे, कई VIP नदारद

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि (first death anniversary of Mahant Narendra Giri ) पर नमन करने 13 अखाड़ों के प्रमुख समेत आम श्रद्धालु पहुंचे. नरेंद्र गिरि की समाधि का पहले पूजन किया गया उसके बाद श्री बाघम्बरी मठ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसमें 13 अखाड़ों के प्रमुख महात्मा व भक्त शामिल हुए.

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि
प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि
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Published : Sep 10, 2022, 6:12 PM IST

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर उनकी समाधि स्थल पर सुबह से ही पूजा पाठ का आयोजन किया गया था. समाधि स्थल पर स्थापति शिवलिंग का सनातन परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रों के साथ अभिषेक किया गया. इसके साथ ही विशेष पूजा और आरती की गई. सुबह से ही महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अपने गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचने लगे थे.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में भंडारे का आयोजन किया गया जिसे संत-महंत सहित आम श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि महाराज का प्रथम पुण्य स्मृति पर्व हमारे लिए भावुक पल है. इसमें कोई कमी न रह पाए इसका पूरा ध्यान रखा गया है. मठ में संतों और भक्तों का जमघट लगा हुआ है. देश के विभिन्न शहरों से आए संतों व श्रद्धालु हमारे लिए देव तुल्य हैं. इस कार्यक्रम में कई राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. सबसे बड़ी बात यह है कि जो नरेंद्र गिरी महराज को पसंद था उसका इस स्मृति में विशेष ध्यान रखा गया है.

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि

शिवपाल यादव ने अर्पित की श्रद्धांजलि: महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के प्रिय शिष्य रहे शिवपाल सिंह यादव सुबह पूजा के समय ही मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंच गए थे. इसके बाद समाधि की पूजा करने के साथ ही आरती उतारी और महंत नरेंद्र गिरि के लिए प्रार्थना की. इसके साथ ही महंत नरेन्द्र गिरि को याद करते हुए उन्हें नमन किया. महंत नरेंद्र गिरि के रहते हुए अखिलेश यादव कई बार मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर तक जाते थे. यही नहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अखिलेश यादव मठ मंदिर गए थे. सीएम के पद से हटने के बाद भी उनकी आस्था हनुमान जी और नरेंद्र गिरि में थी. पिछले कुम्भ मेले के दौरान भी अखिलेश ने आकर महंत नरेंद्र गिरि से आशीर्वाद लिया था.

अखिलेश के न आने पर उनके चाचा शिवपाल से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आना सभी को चाहिए. इसके बाद ये पूछने पर की चाचा की तरह ही गुरु को भी अखिलेश यादव भूल गए क्या. तो शिवपाल ने दो टूक जवाब दिया कि बाघम्बरी मठ पर सभी की आस्था है. अखिलेश यादव का नाम लिए बिना शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हो सकता है व्यस्तता की वजह से लोग न आ पाए हों लेकिन किसी को भी साधु-संतों को नहीं भूलना नहीं चाहिए. जब पत्रकारों ने शिवपाल यादव से पूछा की मठ में न आने पर अखिलेश यादव को क्या सलाह देंगे तो शिवपाल ने कहा कि मेरी सलाह मानते होते तो आज वो मुख्यमंत्री होते.


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा महंत नरेंद्र गिरी की पुण्य तिथि पर यूपी और एमपी के सीएम के साथ कई बड़े नेताओं को आमंत्रण भेजा गया था लेकिन, महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि पर उम्मीद से कम वीवीआइपी मठ पहुंचे. इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी ने कहा कि उनकी उम्मीद से भी कम लोग कार्यक्रम में पहुंचे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितने लोगों से महंत की नजदीकी थे आज वो लोग भी कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे हैं जिससे वो बेहद दुखी हैं. उनका कहना है कि महन्त नरेंद्र गिरि के सामने जितने बड़े लोग उनके पास आशीर्वाद लेने आते थे. उनमें से कोई यहां नहीं दिखा.


महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके शिष्य व उत्तराधिकारी महंत बलवीर गिरि ने कहा कि जल्द ही समाधि स्थल पर मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा. जिसके बाद वहां पर महंत नरेंद्र गिरि की बड़ी प्रतिमा लगायी जाएगी. इसके साथ ही वहां पर उनके इस्तेमाल करने वाले सभी सामानों को भी समाधि स्थल पर रखा जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगले साल तक समाधि स्थल पर मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.


कई वीवीआइपी नहीं पहुंचे श्रद्धांजलि देने: महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर तमाम ऐसे लोगों ने कार्यक्रम से दूरी बना ली.जो अक्सर मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचते थे. इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं क्योंकि सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम का कार्यक्रम में आना तय माना जा रहा था लेकिन, प्रयागराज में अक्सर रहने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं पहुंचे.

यह भी पढे़ं:जिस सेवादार ने फंदे से उतारा था नरेंद्र गिरि का शव, उसने बताई पूरी स्टोरी

जबकि दोपहर बाद तक भी जिले के विधायक और सांसद भी श्रद्धाजंलि देने नहीं पहुंचे थे. इसको लेकर महंत बलवीर गिरि ने कहा कि कार्यक्रम में बहुत से लोग नहीं आ सके हैं, जिसमें से कुछ लोगों ने बाद में आकर श्रद्धांजलि देने की बात कही है. वहीं, अखाड़ा परिषद के महामंत्री का कहना है कि पितृ पक्ष की शुरुआत की वजह से भी उनकी उम्मीद से कम लोग आए हैं.

यह भी पढे़ं:महंत नरेंद्र गिरी की पहली पुण्यतिथि आज, प्रयागराज में संत देंगे श्रद्धांजलि

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर उनकी समाधि स्थल पर सुबह से ही पूजा पाठ का आयोजन किया गया था. समाधि स्थल पर स्थापति शिवलिंग का सनातन परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रों के साथ अभिषेक किया गया. इसके साथ ही विशेष पूजा और आरती की गई. सुबह से ही महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अपने गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचने लगे थे.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में भंडारे का आयोजन किया गया जिसे संत-महंत सहित आम श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि महाराज का प्रथम पुण्य स्मृति पर्व हमारे लिए भावुक पल है. इसमें कोई कमी न रह पाए इसका पूरा ध्यान रखा गया है. मठ में संतों और भक्तों का जमघट लगा हुआ है. देश के विभिन्न शहरों से आए संतों व श्रद्धालु हमारे लिए देव तुल्य हैं. इस कार्यक्रम में कई राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. सबसे बड़ी बात यह है कि जो नरेंद्र गिरी महराज को पसंद था उसका इस स्मृति में विशेष ध्यान रखा गया है.

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि

शिवपाल यादव ने अर्पित की श्रद्धांजलि: महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के प्रिय शिष्य रहे शिवपाल सिंह यादव सुबह पूजा के समय ही मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंच गए थे. इसके बाद समाधि की पूजा करने के साथ ही आरती उतारी और महंत नरेंद्र गिरि के लिए प्रार्थना की. इसके साथ ही महंत नरेन्द्र गिरि को याद करते हुए उन्हें नमन किया. महंत नरेंद्र गिरि के रहते हुए अखिलेश यादव कई बार मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर तक जाते थे. यही नहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अखिलेश यादव मठ मंदिर गए थे. सीएम के पद से हटने के बाद भी उनकी आस्था हनुमान जी और नरेंद्र गिरि में थी. पिछले कुम्भ मेले के दौरान भी अखिलेश ने आकर महंत नरेंद्र गिरि से आशीर्वाद लिया था.

अखिलेश के न आने पर उनके चाचा शिवपाल से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आना सभी को चाहिए. इसके बाद ये पूछने पर की चाचा की तरह ही गुरु को भी अखिलेश यादव भूल गए क्या. तो शिवपाल ने दो टूक जवाब दिया कि बाघम्बरी मठ पर सभी की आस्था है. अखिलेश यादव का नाम लिए बिना शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हो सकता है व्यस्तता की वजह से लोग न आ पाए हों लेकिन किसी को भी साधु-संतों को नहीं भूलना नहीं चाहिए. जब पत्रकारों ने शिवपाल यादव से पूछा की मठ में न आने पर अखिलेश यादव को क्या सलाह देंगे तो शिवपाल ने कहा कि मेरी सलाह मानते होते तो आज वो मुख्यमंत्री होते.


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा महंत नरेंद्र गिरी की पुण्य तिथि पर यूपी और एमपी के सीएम के साथ कई बड़े नेताओं को आमंत्रण भेजा गया था लेकिन, महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि पर उम्मीद से कम वीवीआइपी मठ पहुंचे. इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी ने कहा कि उनकी उम्मीद से भी कम लोग कार्यक्रम में पहुंचे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितने लोगों से महंत की नजदीकी थे आज वो लोग भी कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे हैं जिससे वो बेहद दुखी हैं. उनका कहना है कि महन्त नरेंद्र गिरि के सामने जितने बड़े लोग उनके पास आशीर्वाद लेने आते थे. उनमें से कोई यहां नहीं दिखा.


महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके शिष्य व उत्तराधिकारी महंत बलवीर गिरि ने कहा कि जल्द ही समाधि स्थल पर मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा. जिसके बाद वहां पर महंत नरेंद्र गिरि की बड़ी प्रतिमा लगायी जाएगी. इसके साथ ही वहां पर उनके इस्तेमाल करने वाले सभी सामानों को भी समाधि स्थल पर रखा जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगले साल तक समाधि स्थल पर मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.


कई वीवीआइपी नहीं पहुंचे श्रद्धांजलि देने: महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि पर तमाम ऐसे लोगों ने कार्यक्रम से दूरी बना ली.जो अक्सर मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचते थे. इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं क्योंकि सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम का कार्यक्रम में आना तय माना जा रहा था लेकिन, प्रयागराज में अक्सर रहने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं पहुंचे.

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जबकि दोपहर बाद तक भी जिले के विधायक और सांसद भी श्रद्धाजंलि देने नहीं पहुंचे थे. इसको लेकर महंत बलवीर गिरि ने कहा कि कार्यक्रम में बहुत से लोग नहीं आ सके हैं, जिसमें से कुछ लोगों ने बाद में आकर श्रद्धांजलि देने की बात कही है. वहीं, अखाड़ा परिषद के महामंत्री का कहना है कि पितृ पक्ष की शुरुआत की वजह से भी उनकी उम्मीद से कम लोग आए हैं.

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