प्रयागराज : संगम नगरी से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा अब डीजल की शक्ल लेगा. जी हां, प्रयागराज नगर निगम आधुनिक पेरेलासिक टेक्नोलॉजी का प्लांट बसवार में स्थापित कर रहा है, जिसमें प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकिल कर डीजल में तब्दील किया जाएगा. बसवार कूड़ा निस्तारण प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड के कंधों पर है, जो समस्या बन चुके कचरे को नई शक्ल देकर पर्यावरण में फैले प्रदूषण को कम करने और आर्थिक रूप से निगम को मजबूत करेगा.
प्लास्टिक से डीजल बनाने के संयंत्र लगाए जा रहे
बसवार कूड़ा निस्तारण प्लांट का संचालन हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड करेगी. एजेंसी प्लांट में ही प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाने के लिए संयंत्र लगाने जा रही है. निगम कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिश वेस्ट और मृत मवेशियों के अवशेषों के निस्तारण के लिए भी संयंत्र लगाए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ा चुकी है. अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश का यह पहला डीजल प्लांट होगा. इतना ही नहीं प्लांट अधिकारी ने बताया कि मलबे से ईंट भी बनाए जाएंगे. इसके लिए 1300 टन मलबा इकट्ठा किया जा चुका है. 15 जनवरी से मशीन लगना शुरू हो जाएगी. फरवरी से ईंट निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा. एजेंसी का दावा है कि प्लास्टिक से डीजल बनाने का संयंत्र 15 जनवरी तक शुरू हो जाएगा. प्लांट के अधिकारियों का कहना है कि 700 टन कूड़ा इस प्लांट में रोजाना निस्तारित होता है. इसकी क्षमता और भी बढ़ाये जाने की योजना है. हालांकि कूड़े को रिसाइकिल कर कंपोस्ट खाद बनाने का कार्य जारी है.
एक ग्रेड कम होगा प्लास्टिक से बना डीजल
प्लांट अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक के कचरे से डीजल बनेगा, जो बाजार के डीजल से एक ग्रेड कम होगा. प्लास्टिक के कचरे से 75 फीसदी डीजल निकाले जाने की योजना है. इतना ही नहीं इस प्रक्रिया में जो कार्बन गैस निकलेगी उसी के इस्तेमाल से इस प्लांट को चलाया जाएगा. इसमें अलग से कोई ईंधन या बिजली खर्च नहीं की जाएगी. इसके पहले महाराष्ट्र और साउथ में इस तरह के प्लांट उपयोग में लाए गए हैं.
वेस्ट से कोयला बनाने की योजना- मेयर
मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट में पॉलिथीन हों या बोतलें, उनको रिसाइकिल कर तेल बनाया जाएगा. इससे बचे हुए वेस्ट से कोयला बनाने की योजना है. ऐसी कई जगहे हैं जहां पर आज भी भट्टियों का प्रयोग किया जाता है. यहां से बना कोयला वहां पर पहुंचाया जाएगा. आगे ऐसी योजना है कि प्लांट में बने तेल को नगर निगम के यूज में लेंगे, जिससे बाहर से तेल न खरीदना पड़े. साथ ही पॉलिथीन से फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह प्लान बहुत सहयोगी साबित होगा.